*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -जाग उठा परोपकार*
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*⚜️ आज का राशिफल ⚜️*
*दिनांक : 16 जुलाई 2025*
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन परिस्थितियां आपके लिये प्रतिकूल ही रहेंगी। स्वास्थ्य के साथ ही धन हानि के योग बन रहे हैं। नए कार्य का आरंभ फिलहाल टालें, पुराने अधूरे कार्य पूर्ण करने पर अधिक ध्यान दें। समय पर कार्य पूरे ना करने पर सम्मान हानि हो सकती है। व्यावसायिक काम काज को लेकर आज अन्य लोगों के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। अवकाश भी लेना पड़ सकता है। लाभ आशानुकूल ना होने से थोड़ी निराशा भी रहेगी। महिलाये वाणी के प्रयोग में संतुलन बरतें बेवजह कलह के प्रसंग बनने से रंग में भंग वाली स्थिति बन सकती है। संध्या के आस-पास थकान के कारण किसी काम में मन नहीं लगेगा लेकिन फिर भी घूमने फिरने मनोरंजन आदि के लिए तत्पर रहेंगे। शादीशुदा लोगों को किसी बात का पछतावा होगा।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिये सुनहरे अवसर प्रदान करेगा इसका समय रहते लाभ उठायें कल की अनुकूल परिस्थिति आज की मेहनत से ही बनेगी। आज दिन का पहला भाग थोड़ा अस्त व्यस्त रहेगा आवश्यक कार्य लेटलतीफी के कारण विलम्ब से पूर्ण होंगे। कार्य क्षेत्र पर भी मध्यान तक अव्यवस्था रहेगी जिस कारण लाभ होते होते रह सकता है। मध्यान से संध्या के बीच के समय व्यवसाय में आकस्मिक उछाल आएगा। थोड़े परिश्रम से अधिक लाभ कमा सकेंगे। महिलाये घर मे किसी छोटी सी बात को लेकर विवाद खड़ा करेंगी विवेकपूर्ण व्यवहार करें। संध्या बाद कोई हानि हो सकती है। मनोरंजन की चाह आज मन मे ही रह जायेगी। सेहत छोटी मोटी बातो को छोड़ ठीक रहेगी।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिए अवश्य कोई शुभ समाचार देगा। आज आप दिन भर किसी ना किसी कारण से व्यस्त ही रहेंगे व्यस्तता को धन के साथ ना जोड़े अन्यथा मानसिक संताप रहेगा। आज संबंधों को ज्यादा महत्त्व दें निकट भविष्य में ये ही धन लाभ कराएंगे। कार्य व्यवसाय से काम चलाऊ आय आसानी से हो जाएगी निवेश बेझिझक होकर कर सकते है। घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति समय पर करने पर भी परिजन किसी न किसी कारण से नाराज ही रहेंगे। गृहस्थ की बाते मित्र स्नेही जन से भी ना बांटे हानिकर हो सकता है। आज किसी के ऊपर छींटा कशी करने से बचे दिनचार्य को सामान्य व्यतीत करने का प्रयास करें स्वयं को श्रेष्ठ दिखाने के चक्कर मे मान हानि हो सकती है।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आप अन्यलोगों को नैतिक आचरण सिखाएंगे परन्तु इसे अपने ऊपर लागू ना करने से हास्य के पात्र बनेंगे। दिन का आरंभिक भाग शांति से व्यतीत होगा इसके बाद भाग-दौड़ बढ़ेगी लेकिन आज महनत का फल आशाजनक नही रहने से मानसिक चिंता रहेगी पर जाहिर नही करेंगे। व्यावसायिक क्षेत्र पर सहकर्मी मनमानी करेंगे क्रोध में आकर कटु वचन बोलेंगे जिस कारण संबंध खराब होने के साथ ही अव्यवस्था भी फैलेगी जिसे सुधारना आज आपके वश में नही होगा। धन लाभ के लिए आज का दिन मध्यम रहेगा। संध्या के समय स्थिति आपके नियंत्रण में रहेगी धन लाभ के साथ आनंद दायक समय बिताएंगे। महिलाये स्वार्थ वश अत्यंत मीठा व्यवहार करेंगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपकी दिनचार्य असामान्य रहेगी। सेहत में सुधार आएगा परन्तु आपकी लापरवाही के कारण तकलीफ दोबारा हो सकती है। आज आप जो भी कामना करेंगे उसका विपरीत फल ही मिलने वाला है। व्यवसाय में अतिरिक्त आय कमाने के प्रलोभन में हाथ लगी पूंजी ना चली जाए इसका ध्यान रखना पड़ेगा आज गलत निर्णय अवश्य हानि का कारण बनेगा। परिजनों की जिद के आगे सामर्थ्य से अधिक खर्च करना पड़ेगा जिस कारण धन की कमी बनेगी। मित्र परिचितों से भी संबंधों में उदासीनता अधिक रहेगी। धार्मिक पूजा पाठ के प्रसंग बनेंगे परन्तु ध्यान कही और भटकने से दिखावा मात्र रहेगा। परिजनों से थोड़ी ख़ट पट के बाद सुख मिलेगा। दवाओं पर खर्च करना पड़ सकता है।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपका मुख्य उद्देश्य धन प्राप्ति के साथ सुख सुविधाओं में भी वृद्धि करना रहेगा परन्तु इसमे आंशिक सफलता ही मिल सकेगी फिर भी आध्यात्म से जुड़े रहने के कारण इच्छा पूर्ति ना होने पर भी ज्यादा विचलित नही होंगे। कार्य व्यवसाय में नए विरोधी बनेंगे परन्तु आज आपका कुछ बिगाड़ नही सकेंगे। बीच-बीच मे आज क्रोध के प्रसंग बनेंगे फिर भी थोड़ा विवेक रहने से इन्हें अनदेखा करेंगे। आज आप जल्द पैसा कमाने वाले उपाय भी अपना सकते है जिनमे हानि होने की संभावना अधिक रहेगी। आवश्यकता अनुसार धन लाभ आज हो ही जायेगा धन के पीछे भागने की प्रवृति छोड़े। पारिवारिक सदस्य बेपरवाह होकर अपनी मस्ती में मस्त रहेंगे।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन भी धन धान्य में वृद्धिकारक बना रहेगा। दिन के आरंभ से ही कार्यो को लेकर गंभीर रहेंगे लेकिन महिलाये हर काम मे नखरे करेंगी। मध्यान के बाद का कुछ समय रुके धन को प्राप्त करने में व्यतीत होगा। कार्य क्षेत्र पर आज मनमानी ज्यादा करेंगे जिससे सहकर्मियों को असुविधा होगी फिर भी आज आप अपने व्यवहार से सभी को खुश रख सकेंगे। पारिवारिक स्थिति भी आज पहले से बेहतर बनेगी घरेलू कार्यो को लेकर व्यस्तता भी अधिक रहेगी। घर के बुजुर्गों से थोड़ी अनबन रहने की संभावना है फिर भी आज संध्या का समय परिजनों के साथ आनंद से बिताएंगे। पेट की परेशानी अथवा हाथ पैरों में शिथिलता रहेगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी आपके लिए शुभ है लेकिन आज अतिआत्मविश्वास एवं अहम की भावना के कारण हानि एवं आपसी मनमुटाव रहेगा। आज अन्य लोगो को स्वयं की तुलना में निम्न आंकना परेशानी में डालेगा। अधिकारी वर्ग अथवा घर के बड़े लोग जानबूझ कर आपको ज्यादा कार्य सौंपेंगे जिससे भारी परेशानी होगी। सेहत लगभग सामान्य ही रहेगी लेकिन थकान अधिक अनुभव होगी। आज दो पक्षो के झगड़े को सुलझाने में आपका सहयोग लिया जाएगा यथा सम्भव दूर रहें अन्यथा बैठे बिठाए अपमानित होना पड़ेगा। घरेलू जरूरतों की पूर्ति में विलंब झगड़े का कारण बनेगा। धन लाभ परिश्रम के बाद ही आशानुकूल रहेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आपकी आज की दिनचार्य भी उथल-पुथल रहेगी। आज आपके आचरण से किसी ना किसी को परेशानी होगी आप अपने बड़बोले पन के कारण स्वयं ही मुसीबतों को न्योता देंगे। घर एवं बाहर का वातावरण आपके अमर्यादित आचरण से कलुषित हों सकता है। परिजनो से आज अधिकतर कार्यो में वैचारिक मतभेद रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर लापरवाह होकर कार्य करने पर अधिकारियो की डांट सुन्नी पड़ेगी। स्वभाव में भी आज सुस्ती अधिक रहेगी। धन लाभ के अवसर हाथ से निकलने की संभावना है। महत्त्वपूर्ण विषयो में निर्णय आज नाही ले तो उचित रहेगा। स्त्रियां
गलती करने पर दोष किसी और के सर डालने का प्रयास करेंगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन भी आपके अनुकूल रहेगा। फिर भी आज किसी पर भी आवश्यकता से अधिक विश्वास ना करें ना ही किसी को मन के भेद बताये बाद में परेशानी होगी। आज कही ना कहीं से आकस्मिक धन लाभ होगा जिससे रुके कार्यो में गति आएगी। कुछ दिनों से टल रही मनोकामना की पूर्ति आज कर सकेंगे। व्यवसाय में नए अनुबंध मिलेंगे लापरवाही से बचें अन्यथा हाथ से निकल भी सकते है। व्यापार विस्तार के लिए दिन शुभ है पर नए कार्य का आरंभ आज ना करें। धन का निवेश शीघ्र ही फलदायी होगा। मित्र अथवा रिश्तेदारों के कारण कुछ समय के लिये परेशानी में पड़ेंगे। यात्रा के योग बन रहे है इसमें सावधानी रखें।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आप योजनाए तो बहुत बनाएंगे परन्तु किसी ना किसी अभाव के कारण इन्हें पूरा नही कर पाएंगे। आज के दिन आप अपनी भावनाओं को किसी के आगे सांझा करने से कतराएंगे आपसी संबंध को बचाना इसका मूल उद्देश्य रहेगा। लोगो की उद्दंडता को मजबूरन नजरअंदाज करना पड़ेगा। आर्थिक रूप से दिन सामान्य ही रहेगा। खर्च लायक आय आसानी से हो जाएगी। खर्च करने में भी मितव्ययता बरतेंगे। आज आप जिस भी कार्य को लेकर निश्चिन्त रहेंगे उसी में कुछ ना कुछ विघ्न उपस्थित होगा। सरकारी कार्य लंबित रहेंगे नौकरी में भी उत्साह की कमी रहेगी। पेट संबंधी व्याधि से परेशानी होगी।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपके मन की चंचलता एवं स्वभाव में उद्दंडता को छोड़ शेष सब उत्तम रहेगा। परिजनों अथवा बाहरी लोगों से बेबाकी से पेश आना भारी पड़ सकता है। आप आलस्य से भरे रहेंगे फिर भी आज जिस भी कार्य को करेंगे उसे अन्य की अपेक्षा कम समय मे एवं सफाई से पूर्ण कर लेंगे। व्यवसाय में आज ज्यादा उत्साह नही लेंगे लेकिन आकस्मिक कार्य आने से बेमन से करना पड़ेगा फिर भी धन लाभ उत्तम होगा नए लाभ के अनुबंध मिलेंगे परन्तु सहयोगियो की कमी रहने से कार्य आरंभ आज नही कर पाएंगे। घरेलू आवश्यकता के अलावा सुख के साधनों पर अधिक खर्च होगा। आज आपको कोई ठग भी सकता है सतर्क रहें।
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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! जाग उठा परोपकार !!*
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एक समय की बात है। गंगानगर गांव में राजू नामक एक व्यक्ति रहता था। गांव में आपसी भाईचारा और प्रेम बहुत था। इसलिए वहां के सभी समुदाय के लोग आपस में मिलजुल कर रहा करते थे।
राजू नामक व्यक्ति अधेड़ उम्र होने के कारण ‘चाचा नम्बरदार’ के नाम से पहचाने जाते थे। सभी उनका मान-सम्मान और आदर सत्कार किया करते थे।
उनका अपना मकान गांव की चौपाल पर छोटा-सा था। उसके अंदर आम का एक पुराना पेड़ था जिनके फल गांव के बच्चे, बूढ़े और जवान सभी खाया करते थे।
राजू चाचा का स्वभाव कुछ इस प्रकार का था कि वे बच्चों को कुछ ज्यादा ही प्यार किया करते थे।
राजू चाचा हर साल बरसात के मौसम में जब आम पक जाते थे, तो गांव के सभी बच्चों को विशेष तौर पर आम की दावत दिया करते थे।
किसी कारणवश पिछले दौ वर्षों से यह परंपरा टूट गई थी। बच्चे उनकी इस बात पर बहुत नाराज रहने लगे थे। परंतु वे कर कुछ नहीं सकते थे, क्योंकि राजू चाचा का रौब भी बच्चों पर कम नहीं था।
पहले साल तो बच्चे उनकी इस हरकत पर – कि चाचा ने एक बार उनको आम की दावत नहीं दी – आम की फसल बर्बाद कर गये।
लेकिन दूसरे साल जब आम के पेड़ पर बोर आया और आमिया छोटी-छोटी बनने लगी, तो बच्चों ने देखा कि चाचा राजू आज गांव में नहीं है। तब सब बच्चों ने मिलकर आम के पेड़ पर पथराव कर दिया। उनकी सारी आमिया झाड़ दी। आमिया उठा-उठाकर बच्चे अपने अपने घर ले गये। कुछ ने खायी और कुछ ने बर्बाद की।
राजू चाचा को जब इस बात का पता चला तो इन्हें गुस्सा तो बहुत आया, मगर वे अपने गुस्से को पी गये। किंतु फिर वे किसी अच्छे से मौके की तलाश में रहने लगे।
फिर तिसरे साल आम का मौसम आया। राजू चाचा ने अपने पेड़ के आमों के अलावा कुछ आम बाजार से भी मंगवाये और फिर गांव में ऐलान कर दिया- आज पूरे गांव के बच्चों की उनके घर पर आम की दावत है।
इस ऐलान को सुनकर बच्चे बड़े खुश हुए। लेकिन वे जितना खुश थे, उससे कहीं ज्यादा हैरान भी थे। उस दिन हल्की वर्षा हो रही थी।
कुछ बच्चे तो डर के मारे नहीं गये थे और कुछ इस डर के मारे चले गए थे कि कहीं चाचा उनके न जाने पर नाराज न हो जायें। फिर भी गांव के लगभग आधे से अधिक बच्चे चाचा राजू के घर आम की दावत पर उपस्थित हुए।
हल्की हल्की बारिश पड़ रही थी। ठंडी ठंडी हवा चल रही थी। बच्चे मजे लेकर आम खा रहे थे।
जब आम समाप्त हो गए और बच्चे को अंगड़ाई आने लगी, तो अनायास ही एक बच्चे की नजर चाचा के घर के एक कोने की तरफ उठ गयी जहां छप्पर के नीचे एक बहुत बड़ा किसी वस्तु का ढ़ेर पुआल से ढका हुआ था। उस बच्चे ने यह बात अन्य बच्चों को इशारे से बतायी।
तब अंत में एक बच्चे ने डरते-डरते चाचा राजू से पूछ ही लिया- “चाचा जी, इस ढ़ेर में आपने किसके लिए क्या छुपा रखा है?”
राजू चाचा उसकी बात सुनकर खिलखिलाकर हंस पड़े और फिर उन्होंने अपनी पिछली गलती पर बच्चों के सामने पश्चाताप किया।
फिर वे बोले- “सुनो बच्चों… आम तो तुम्हें हर साल मिलेंगे ही, लेकिन अगर तुम मेरे मरने के बाद भी आम खाना चाहते हो तो मेरे पीछे आओ।” चाचा उठकर छप्पर पर बने ढ़ेर की ओर चल पड़े। बच्चे भी उनके पीछे-पीछे चल दिये।
चाचा ने ढ़ेर के ऊपर से पुआल हटाई और बच्चों से कहा- “बच्चों ! अपने दोनों हाथों में भरकर जितने भी आम ले जा सको, ले जाऔ।” बच्चों ने खुशी-खुशी ढ़ेर से आम उठाकर अपने दोनों हाथों में ले लिये।
उनकी खुशी को देखकर चाचा राजु की आंखों में आंसू छलक आये। वे बोले- “सुनो बच्चों ! अपने-अपने घर जाकर इन आमों को खाओ और इनकी गुठलियों को अपने-अपने घरों में और गांव भर में बो दो।”
“और आम के लिए कितने दिनों तक इंतजार करना होगा ?” बच्चों के बीच से एक धीमा स्वर उभरा। परंतु उस धीमे स्वर को चाचा राजू ने सुन लिया था।
तब उन्होंने जाते बच्चों को रोका और अपने बेटे के कंधों पर हाथ रख कर बोले- “जब तक तुम्हारे द्वारा बोये गये पेड़ों पर आम आयें, तब तक तुम हमारे पेड़ से हर साल आम खाना, मेरा बेटा तो यही पर तुम्हारे बीच रहेगा। यह तुम्हें हर साल अपने पेड़ के इसी प्रकार आम खिलायेगा। फिर जब तुम्हारे पेड़ों पर फल आने लगेंगे तो तुम जिंदगी भर अपने पेड़ों से आम खाना।”
चाचा राजू की बात सुनकर बच्चे खुश हुए। वे हल्ला-गुल्ला करते उनके घर से बाहर निकल गये। कई ने ‘चाचा जिंदाबाद’ की आवाज बुलंद की और फिर अपने-अपने घरों को रवाना हो गये।
*शिक्षा:-*
मित्रों! परोपकारी व्यक्ति का स्वभाव यदि कुछ समय के लिए सो जाए तो जल्द ही पुन: जाग जाता है। स्वभाव से मजबूर आदमी अपने स्वभाव को त्याग नहीं पाता। जैसे कि चाचा राजू ने बच्चों को इस बात की भी सीख दी कि यदि तुम यदि भविष्य में सुखी रहना चाहते हो, तो उसके लिए प्रयास आज से शुरू करो।
*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
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