*LUCC चिटफंड सोसाइटी घोटाले की जाँच हेतु न्यायालय ने दिया सीबीआई जांच के आदेश*
देवभूमि जे के न्यूज़, दिनांक 5 नवम्बर 2025
उत्तराखण्ड जनविकास मंच द्वारा LUCC चिटफंड सोसाइटी घोटाले की जाँच हेतु दायर जनहित याचिका आशुतोष बनाम उत्तराखण्ड राज्य प्रकरण के सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय की जानकारी हेतु प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
उक्त पीआईएल (PIL) 25 मार्च 2025 को माननीय न्यायालय में सूचीबद्ध हुई। 4 अप्रैल 2025 को माननीय न्यायालय द्वारा पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार, श्रीनगर व पौड़ी के स्टेशन हाउस ऑफीसर को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर एफ आई आर पंजीकरण के सम्बन्ध में अवगत कराने को कहा।
दिनांक 27/6/2025 के आदेश के अनुकरण में जाँच अधिकारी सीबीसीआईडी व विभिन्न थानों के प्रभारियों ने माननीय न्यायालय में उपस्थित होकर जाँच की प्रगति के सम्बन्ध में विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। विद्वान डी.ए.जी. ने बताया कि सभी 14 मामलों में उत्तराखण्ड में एफ आई आर दर्ज की गई है। यह मामला तीन से अधिक राज्यों में फैला हुआ है। मास्टर माइंड समीर अग्रवाल देश छोड़कर भाग गया है, जो दुबई में छुपा हुआ है व उसके लिए इंटरपोल से सम्पर्क स्थापित किया गया है। ब्लू कॉर्नर नोटिस व लुक आउट सर्कुलर भी जारी किये गये हैं।
माननीय न्यायाजय ने एसएसपी पौड़ी को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा के रूप में कार्यवाही रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिये व सीबीआई के स्थायी अधिवक्ता श्री पीयूष गर्ग से सीबीआई को उक्त प्रकरण की जाँच हेतु निर्देश प्राप्त करने के निर्देश दिये।
याचिकाकर्ता द्वारा 650 करोड़ रुपये का डाटा माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। सीबीआई के विद्वान अधिवक्ता को Cause List में सूची बद्ध किया गया।
दिनांक 17/09/2025 को माननीय न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण को सीबीआई को सौंपने के आदेश दिये तथा लिक्विडेटर को घोटाले में शामिल लोगों की सम्पत्ति जाँच, मूल्यांकन, सीज करके निवेशकों के पैसे के दावों का समाधान करने हेतु निर्देश दिये। उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव महोदय को सीबीआई के सभी जरुरी संसाधन मुहैया कराने के निर्देश दिये।
माननीय न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण पर दिये गये निर्णय के बावजूद भी कुछ लोगों द्वारा एजेंटों व निवेशकों से चार-चार हजार रुपये की मांग उनके मुकदमा लड़ने हेतु अभी भी की जा रही है, जिसकी जानकारी निवेशकों द्वारा दी गई है।
सम्मानित पत्रकार बंधुओं! आपके माध्यम से हम निवेशकों व एजेंटों को यह कहना चाहते हैं कि माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी है व प्रत्येक सक्षम विभाग को निर्देशित किया गया है कि वे उक्त प्रकरण का एक समय सीमा में कार्य कर न्यायालय को भी अवगत करायें व लाखों निवेशकों के हितों की रक्षा करें। अतः कोई भी निवेशक व एजेंट ऐसे ठग लोगों की बातों में न आकर उन्हें अपनी पूँजी न सौंपें।
इस अवसर पर देवोडदत बेलवाल, मनोज गुसाई, आशुतोष शर्मा सहित तमाम लोग उपस्थित थे।
