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*शहनाईयां -सौभागवती पलक हुई परेश की एवं चिरंजीवी उत्कर्ष अर्श ने थामा शीन का हाथ*

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देवभूमि जेके न्यूज (जयकुमार तिवारी) कहते हैं की जोड़ियां आसमान से बनती हैं और जिसके साथ शादी के बंधन में बंधना होता है वह कड़ियां अवश्य ही जुड़ती है सनातन धर्म में विवाह वैदिक परंपरा में वर्णित 16 संस्कारों में से एक है और इसे कई महत्वपूर्ण वैदिक अनुष्ठानों और प्रक्रियाओं के साथ मनाया जाता है। वैदिक विवाह के अनुष्ठानों के महत्व को समझने के लिए, वैदिक परंपरा के अनुसार जीवन से परिचित होना आवश्यक होता है। व्यास स्मृति में सोलह संस्कारों का वर्णन हुआ है। हमारे धर्मशास्त्रों में भी मुख्य रूप से सोलह संस्कारों की व्याख्या की गई है।
विवाह गृहस्थ आश्रम की शुरुआत का प्रतीक है, यह सोलह संस्कारों की सूची में चौदहवें स्थान पर आता है। विवाह के बाद व्यक्ति ज़िम्मेदारियों को निभाने का आनंद लेता है। वैदिक परंपरा में, गृहस्थ आश्रम अन्य तीन चरणों, अर्थात् ब्रह्मचर्य, वानप्रस्थ और संन्यास, का पालन-पोषण करता है। एक विवाहित जोड़ा अपने घर की ज़िम्मेदारी लेता है, संतान पैदा करके परिवार का विस्तार करता है और एक सुसंगठित परिवार का पालन-पोषण करता है।

विद्वान पंडित तारकेश्वर उपाध्याय (वैदिक पुजारी) ने प्रामाणिक तरीके से समारोह संपन्न कराया गया । पंडित जी ने वेदों और अन्य पवित्र शास्त्रों और शास्त्रों में वर्णित विवाह समारोह दौरान किए जाने वाले वैदिक यज्ञ (अग्नि अनुष्ठान) देवताओं का आह्वान कर वर वधू का विवाह संपन्न कराया ।

ज्ञात हो कि श्री ध्रुव नंदन तिवारी की प्रपौत्री सौभागवती पलक संग परेश एवं प्रपौत्र चिरंजीवी उत्कर्ष अर्श संग शीन सुपुत्र व सुपुत्री शिवानी तिवारी अखिलेश तिवारी का शुभ पाणीग्रहण संस्कार जम्मू कश्मीर के कटरा प्रांत की सुरम्य वादियां, तारों की छांव में ध्रुवतारा की देखरेख में संपन्न हुआ।

इस सुंदर आयोजन में पलक और परेश की शादी की रस्म 24 नवंबर, 2025 ताज विवांता होटल, कटरा में,जिसमें मेहंदी: 23 नवंबर 2025 महिला संगीत: 23 नवंबर 2025 हल्दी: 24 नवंबर 2025 शादी: 24 नवंबर 2025 को संपन्न हुआ।
इसके साथ ही उत्कर्ष अर्श और शीन का विवाह समारोह 26 नवंबर 2025 शुभलग्ननुसार मैरियट रिज़ॉर्ट एंड स्पा, कटरा में संपन्न हुआ जिसमें शुभ तिलक: 25 नवंबर 2025 दोपहर 12 बजे हल्दी: 26 नवंबर 2025,ताज विवांता होटल, कटरा विधिवत् सुसंपन्न हुआ। विशाखापट्टनम में रिसेप्शन: 2 दिसंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा।
इस समारोह के साक्षी बने देश के कोने कोने से आए संभ्रांत जनों ने वर वधु को सुंदर सफल वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया।

इस विवाह समारोह में श्री श्रीपति त्रिपाठी विमला त्रिपाठी, निरुपमा तिवारी, अर्चना, निखिल तिवारी, परेश कुमार, शिवानी तिवारी, गजानन पुष्पा पांडेय, वारिज तिवारी, मयंक निशांत तिवारी, रत्नेश कुमार पूनम तिवारी, रूपम रजनीश तिवारी, ममता रविशंकर त्रिपाठी, सरोज उपाध्याय, निशा तिवारी, श्याम नंदन मिश्रा, संजय कुमार जायसवाल, सुगंधा जायसवाल, ललन कुमार यादव, राजेश कुमार पांडेय, हरेंद्र, मनीष कुमार तिवारी ,रोमी मिश्रा,रजनीश पूनम तिवारी ,कल्याणी तिवारी, अमित कौल, पूनम कौल सहित सैकड़ों लोगों ने प्रतिभाग किया।

Devbhoomi JK News (Jaikumar Tiwari) says that couples are made in heaven, and the person with whom one ties the knot is bound to be a true match. In Sanatan Dharma, marriage is one of the 16 sacraments described in the Vedic tradition and is celebrated with several important Vedic rituals and procedures. To understand the significance of Vedic marriage rituals, it is essential to be familiar with life according to the Vedic tradition. The sixteen sacraments are described in the Vyasa Smriti. Our scriptures also primarily explain these sixteen sacraments.
Marriage marks the beginning of the Grihastha Ashram, ranking fourteenth in the list of the sixteen sacraments. After marriage, a person enjoys fulfilling responsibilities. In the Vedic tradition, the Grihastha Ashram follows the other three stages: Brahmacharya, Vanaprastha, and Sannyasa. A married couple takes responsibility for their home, expands the family by having children, and raises a well-organized family.

The ceremony was conducted in an authentic manner by learned Pandit Tarkeshwar Upadhyay (Vedic priest). The Pandit performed the Vedic Yagya (fire ritual) and invoked the deities as prescribed in the Vedas and other sacred scriptures.

The auspicious marriage ceremony of Shri Dhruv Nandan Tiwari’s great-granddaughter Saubhagwati Palak with Paresh and great-grandson Chiranjeevi Utkarsh Arsh with Sheen, son and daughter Shivani Tiwari Akhilesh Tiwari was solemnized under the guidance of the Pole Star, in the picturesque valleys of Katra district of Jammu and Kashmir.

In this beautiful ceremony, Palak and Paresh’s wedding ceremony took place on November 24, 2025, at the Taj Vivanta Hotel, Katra, which included Mehndi: November 23, 2025, Ladies’ Sangeet: November 23, 2025, Haldi: November 24, 2025, and Shadi: November 24, 2025.

With this, the wedding ceremony of Utkarsh Arsh and Sheen was held on 26th November 2025 at Marriott Resort & Spa, Katra as per the auspicious time, in which auspicious Tilak: 25th November 2025 at 12 noon, Haldi: 26th November 2025, Taj Vivanta Hotel, Katra was duly completed. Reception in Visakhapatnam: Will be held on 2nd December 2025.
The dignitaries from all corners of the country who witnessed this ceremony wished the bride and groom a beautiful and successful married life and blessed them.

Hundreds of people including Shri Shripati Tripathi, Vimala Tripathi, Nirupama Tiwari, Archana, Nikhil Tiwari, Paresh Kumar, Shivani Tiwari, Gajanan Pushpa Pandey, Varij Tiwari, Mayank Nishant Tiwari, Ratnesh Kumar Poonam Tiwari, Rupam Rajneesh Tiwari, Mamta Ravishankar Tripathi, Saroj Upadhyay, Nisha Tiwari, Shyam Nandan Mishra, Sanjay Kumar Jaiswal, Sugandha Jaiswal, Lalan Kumar Yadav, Rajesh Kumar Pandey, Harendra, Manish Kumar Tiwari, Romi Mishra,Rajnish Poonam Tiwari, Amit Kaul, Poonam Kaul participated in this marriage ceremony.

देवभूमि जे के न्यूज (जयकुमार तिवारी) कथयति यत् दम्पतीः स्वर्गे एव निर्मीयन्ते, यस्य व्यक्तिस्य सह ग्रन्थिं बध्नाति सः सच्चा मेलनं भवति इति निश्चितम्। सनातनधर्मे वैदिकपरम्परायां वर्णितेषु १६ संस्कारेषु विवाहः अन्यतमः अस्ति, अनेकैः महत्त्वपूर्णैः वैदिकसंस्कारैः प्रक्रियाभिः च आचर्यते । वैदिकविवाहसंस्कारस्य महत्त्वम् अवगन्तुं वैदिकपरम्परानुसारं जीवनस्य परिचयः अत्यावश्यकः । षोडश संस्काराः व्यासस्मृतौ प्रकीर्तिताः। अस्माकं शास्त्राणि अपि मुख्यतया एतान् षोडश संस्कारान् व्याख्यायन्ते।
विवाहेन गृहस्थाश्रमस्य आरम्भः भवति, षोडशसंस्कारसूचौ चतुर्दशस्थानं प्राप्यते । विवाहानन्तरं व्यक्तिः दायित्वनिर्वहने आनन्दं प्राप्नोति । वैदिकपरम्परायां गृहस्थाश्रमः अन्यत्रिपदानां अनुसरणं करोति- ब्रह्माचार्यः, वनप्रस्थः, संन्यासः च । विवाहितः दम्पती स्वगृहस्य उत्तरदायित्वं गृह्णाति, सन्तानं प्राप्य परिवारस्य विस्तारं करोति, सुसंगठितं परिवारं च पालयति ।

विद्वान पंडित तारकेश्वर उपाध्याय (वैदिक पुरोहित) द्वारा प्रामाणिक ढंग से समारोह का संचालन किया गया। पण्डितः वैदिकयाज्ञं (अग्निकर्म) कृत्वा वेदादिषु पवित्रशास्त्रेषु यथाविधि देवतान् आह्वयति स्म ।

श्री ध्रुव नंदन तिवारी जी के प्रपौत्री सौभागवती पलक के परेश तथा प्रपौत्र चिरंजीवी उत्कर्ष आर्ष के शीन, पुत्रपुत्री शिवानी तिवारी अखिलेश तिवारी के साथ शुभ विवाह समारोह पोल स्टार के मार्गदर्शन में, जम्मू के कत्रा जिला के सुरम्य उपत्यकाओं में आयोजित किया गया।

अस्मिन् सुन्दरे समारोहे पलक-परेशयोः विवाहः २०२५ तमस्य वर्षस्य नवम्बर्-मासस्य २४ दिनाङ्के, कटरा-नगरस्य ताजविवन्त-होटेल्-इत्यत्र अभवत्, यस्मिन् मेहन्दी: नवम्बर्-मासस्य २३ दिनाङ्कः, २०२५ तमस्य वर्षस्य नवम्बर्-मासस्य २३ दिनाङ्कः, महिला-संगीतः, २०२५ तमस्य वर्षस्य नवम्बर-मासस्य २३ दिनाङ्कः, हल्दी-दिनाङ्कः, २०२५ तमस्य वर्षस्य नवम्बर्-मासस्य २४ दिनाङ्कः, शादि-दिनाङ्कः, २०२५ तमस्य वर्षस्य नवम्बर्-मासस्य २४ दिनाङ्के च आसीत्

अनेन सह उत्कर्ष आर्ष-शीनयोः विवाहसमारोहः २६ नवम्बर् २०२५ दिनाङ्के मैरियट् रिसोर्ट एण्ड् स्पा, कट्रा इत्यत्र शुभसमयानुसारं सम्पन्नः, यस्मिन् शुभतिलकः २५ नवम्बर २०२५ दिनाङ्के मध्याह्न १२ वादने, हल्दी: २६ नवम्बर २०२५, ताजविवन्ता होटेल्, कट्रा इत्यत्र विधिपूर्वकं सम्पन्नः अभवत्। विशाखापत्तनम् : 2 दिसम्बर 2025 दिनाङ्के स्वागतम् भविष्यति।
अस्य समारोहस्य साक्षिणः देशस्य सर्वकोणानां गणमान्यजनाः वरवधूयोः सुन्दरं सफलं वैवाहिकजीवनं कामना कृत्वा आशीर्वादं दत्तवन्तः।

देवभूमि जेके न्यूज (जयकुमार तिवारी) के कहनाम बा कि जोड़ा स्वर्ग में बनेला, आ जेकरा से केहू गाँठ बान्हेला ओकर सच्चा मिलान तय बा। सनातन धर्म में बियाह वैदिक परंपरा में वर्णित 16 गो संस्कारन में से एगो हवे आ एकरा के कई गो महत्वपूर्ण वैदिक संस्कार आ प्रक्रिया के साथ मनावल जाला। वैदिक विवाह संस्कार के महत्व के समझे खातिर वैदिक परंपरा के अनुसार जीवन से परिचित होखल जरूरी बा। सोलह गो संस्कारन के वर्णन व्यास स्मृति में कइल गइल बा। हमनी के शास्त्र भी मुख्य रूप से एह सोलह संस्कारन के व्याख्या करेला।
बियाह से गृहस्थ आश्रम के शुरुआत होला, सोलह संस्कार के सूची में चौदहवाँ स्थान पर बा। बियाह के बाद आदमी के जिम्मेदारी निभावे में मजा आवेला। वैदिक परम्परा में गृहस्थ आश्रम बाकी तीन चरण के पालन करेला: ब्रह्माचार्य, वनप्रस्थ, आ संन्यास। बियाहल जोड़ा अपना घर के जिम्मेदारी लेला, संतान पैदा क के परिवार के विस्तार करेला अवुरी सुसंगठित परिवार के पालन-पोषण करेला।

समारोह के प्रामाणिक तरीका से विद्वान पंडित तारकेश्वर उपाध्याय (वैदिक पुजारी) द्वारा संचालित कइल गइल। पंडित वैदिक यज्ञ (अग्नि संस्कार) कइलें आ वेद आ अन्य पवित्र ग्रन्थन में बतावल तरीका से देवता लोग के आह्वान कइलें।

श्री ध्रुव नंदन तिवारी के परपौत्री सौभागवती पलक के परेश आ परपोता चिरंजीवी उत्कर्ष आर्ष के साथे शीन, बेटा आ बेटी शिवानी तिवारी अखिलेश तिवारी के साथे शुभ विवाह समारोह पोल स्टार के मार्गदर्शन में, जम्मू के कतरा जिला के सुरम्य घाटी में आयोजित भइल।

एह खूबसूरत समारोह में पलक आ परेश के बियाह 24 नवंबर 2025 के ताज विवंटा होटल कटरा में भइल जवना में मेहंदी : 23 नवंबर 2025, लेडीज संगीत : 23 नवंबर 2025, हल्दी : 24 नवंबर 2025, आ शादी: 24 नवंबर 2025 शामिल रहे.

एकरा संगे उत्कर्ष आर्ष आ शीन के बियाह के रस्म 26 नवम्बर 2025 के मैरियट रिसॉर्ट एंड स्पा, कटरा में शुभ समय के मुताबिक भईल, जवना में शुभ तिलक: 25 नवंबर 2025 के दुपहरिया 12 बजे, हल्दी: 26 नवंबर 2025, ताज विवंटा होटल, कटरा के विधिवत पूरा हो गईल। विशाखापत्तनम में स्वागत : 2 दिसंबर 2025 के होई।
एह समारोह के साक्षी बनल देश के कोना-कोना के गणमान्य लोग वर-वधू के सुन्दर आ सफल वैवाहिक जीवन के कामना कइल आ आशीर्वाद दिहलन.

श्री श्रीपति त्रिपाठी, विमला त्रिपाठी, निरुपमा तिवारी, अर्चना, निखिल तिवारी, परेश कुमार, शिवानी तिवारी, गजानन पुष्प पाण्डेय, वरिज तिवारी, मयंक निशांत तिवारी, रत्नेश कुमार पूनम तिवारी, रूपम रजनीश तिवारी, ममता रविशंकर त्रिपाठी, सरोज सहित सैकड़ों लोग उपाध्याय, निशा तिवारी, श्याम नंदन मिश्रा, संजय कुमार जायसवाल, सुगंधा जायसवाल, ललन कुमार यादव, राजेश कुमार पाण्डेय, हरेन्द्र, मनीष कुमार तिवारी, रोमी मिश्रा,रजनीश पूनम तिवारी, अमित कौल, पूनम कौल के एह बियाह समारोह में भाग लिहले.

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देवभूमि jknews

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