उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-साधु और आनन्द*

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*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-06/10/2025,सोमवार*
*चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष,*
*आश्विन*
(समाप्ति काल )

तिथि———– चतुर्दशी 12:23:05. तक
पक्ष————————– शुक्ल
नक्षत्र——— उoभाo 28:00:53
योग–‐———— वृद्वि 13:12:29
करण———– वणिज 12:23:05
करण——– विष्टि भद्र 22:52:30
वार———————— सोमवार
माह———————— आश्विन
चन्द्र राशि——————- मीन
सूर्य राशि—————— कन्या
रितु————————— शरद
आयन—————— दक्षिणायण
संवत्सर——————- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत——————-1947
कलि संवत—————— 5126
सूर्योदय—————- 06:15:32
सूर्यास्त—————– 17:58:34
दिन काल————– 11:43:02
रात्री काल————– 12:17:28
चंद्रोदय—————– 17:24:53
चंद्रास्त—————– 30:11:26
लग्न —–कन्या 18°49′ , 168°49′
सूर्य नक्षत्र——————— हस्त
चन्द्र नक्षत्र———– उत्तराभाद्रपद
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

दू—- उत्तराभाद्रपद 11:43:53

थ—- उत्तराभाद्रपद 17:11:02

झ—- उत्तराभाद्रपद 22:36:39

ञ—- उत्तराभाद्रपद 28:00:53

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= कन्या 18°49 , हस्त 3 ण
चन्द्र= मीन 02°30 , पूoभाo 4 दी
बुध = तुला 04°52 ‘ चित्रा 4 री
शु क्र= सिंह 26°05, पूoफाo, 4 टू
मंगल= तुला 15°30 ‘ स्वाति 3 रो
गुरु=मिथुन 28°30 पुनर्वसु, 3 हा
शनि=मीन 03°18 ‘ उ o भा o , 1 दू
राहू=(व) कुम्भ 22°35 पू o भा o, 1 से
केतु= (व) सिंह 22°35 पूoफा o 3 टी
============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 07:43 – 09:11 अशुभ
यम घंटा 10:39 – 12:07 अशुभ
गुली काल 13:35 – 15:03 अशुभ
अभिजित 11:44 – 12:30 शुभ
दूर मुहूर्त 12:30 – 13:17 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:51 – 15:38 अशुभ
वर्ज्यम 15:00 – 16:28 अशुभ
प्रदोष 17:59 – 20:28 शुभ

💮गंड मूल 28:01* – अहोरात्र अशुभ

🚩पंचक अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन

अमृत 06:16 – 07:43 शुभ
काल 07:43 09:11 अशुभ
शुभ 09:11 10:39 शुभ
रोग 10:39 – 12:07 अशुभ
उद्वेग 12:07 – 13:35 अशुभ
चर 13:35 – 15:03 शुभ
लाभ 15:03 16:31 शुभ
अमृत 16:31 17:59 शुभ

🚩चोघडिया, रात

चर 17:59 – 19:31 शुभ
रोग 19:31 – 21:03 अशुभ
काल 21:03 22:35 अशुभ
लाभ 22:35 – 24:07* शुभ
उद्वेग 24:07* – 25:40* अशुभ
शुभ 25:40* – 27:12* शुभ
अमृत 27:12* – 28:44* शुभ
चर 28:44*- 30:16* शुभ

💮होरा, दिन

चन्द्र 06:16 -07:14
शनि 07:14 -08:13
बृहस्पति 08:13 -09:11
मंगल 09:11 -10:10
सूर्य 10:10 -11:08
शुक्र 11:08 -12:07
बुध 12:07- 13:06
चन्द्र 13:06 -14:04
शनि 14:04 -15:03
बृहस्पति 15:03- 16:01
मंगल 16:01 -16:59
सूर्य 16:59 -17:59

🚩होरा, रात

शुक्र 17:59- 19:00
बुध 19:00- 20:01
चन्द्र 20:01 -21:03
शनि 21:03 -22:04
बृहस्पति 22:04 -23:06
मंगल 23:06 -24:07
सूर्य 24:07-25:09
शुक्र 25:09-26:10
बुध 26:10-27:12
चन्द्र 27:12-28:13
शनि 28:13-29:15
बृहस्पति 29:15-30:16

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कन्या > 04:54 से 07:10 तक
तुला > 07:10 से 09:26 तक
वृश्चिक > 09:26 से 11:42 तक
धनु > 11:42 से 13:50 तक
मकर > 13:50 से 15:30 तक
कुम्भ > 15:30 से 17:02 तक
मीन > 17:02 से 18:32 तक
मेष > 18:32 से 20:02 तक
वृषभ > 20:02 से 21:56 तक
मिथुन > 21:56 से 00:24 तक
कर्क > 00:24 से 02:36 तक
सिंह > 02:36 से 04:50 तक
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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

14 + 2 + 1 = 17 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चंद्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

14 + 14 + 5 = 33 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 12:22 से रात्रि 22:50

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*पूर्णिमा व्रत*

*शरद पूर्णिमा (रास पूर्णिमा)*

*कोजागरी व्रत*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

यस्यार्स्थास्तस्य मित्राणि यस्यार्स्थास्तस्य बान्धवाः ।
यस्यार्थाः स पुमाल्लोके यस्यार्थाः सचजीवति ।।
।।चाo नीo।।

वह व्यक्ति जिसके पास धन है उसके पास मित्र और सम्बन्धी भी बहोत रहते है. वही इस दुनिया में टिक पाता है और उसीको इज्जत मिलती है.

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: सांख्ययोग – अo-2

अव्यक्तोऽयमचिन्त्योऽयमविकार्योऽयमुच्यते।
तस्मादेवं विदित्वैनं नानुशोचितुमर्हसि॥॥

यह आत्मा अव्यक्त है, यह आत्मा अचिन्त्य है और यह आत्मा विकाररहित कहा जाता है। इससे हे अर्जुन! इस आत्मा को उपर्युक्त प्रकार से जानकर तू शोक करने के योग्य नहीं है अर्थात्‌ तुझे शोक करना उचित नहीं है
॥25॥

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लंबी यात्रा हो सकती है। लाभ होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रशंसा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रमाद न करें।

🐂वृष
व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। किसी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। विवाद से बचें। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार ठीक चलेगा। आय होगी। विवेक का प्रयोग करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।

👫मिथुन
आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य कर पाएंगे। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम न लें। भाइयों का सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।

🦀कर्क
तीर्थदर्शन हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण व लाभदायक रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। शेयर मार्केट में जोखिम न लें। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। ध्यान रखें।

🐅सिंह
रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य हो जाने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद से बचें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है।

🙍‍♀️कन्या
अच्‍छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। कार्यों में गति आएगी। विवेक का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। मित्रों के सहयोग से किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। पुराने संगी-साथी व रिश्तेदारों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे।

⚖️तुला
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कोई बड़ा कार्य करने की योजना बन सकती है। कार्यसिद्धि होगी। सुख के साधनों पर व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। शत्रुओं का पराभव होगा।

🦂वृश्चिक
वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग से हानि की आशंका है, सावधानी रखें। दूसरों के झगड़ों में हस्तक्षेप न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्षोभ होगा। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

🏹धनु
मेहनत सफल रहेगी। बिगड़े काम बनेंगे। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने के अवसर मिलेंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धनार्जन होगा।

🐊मकर
लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी के उकसाने में न आएं। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🍯कुंभ
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के लिए सुनहरा मौका साबित हो सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार में वृद्धि के योग हैं। स्वास्थ्‍य कमजोर रहेगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे।

🐟मीन
मेहनत का फल पूरा नहीं मिलेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पारिवारिक मांगलिक कार्य हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त हों सकते हैं ।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*_🛕राम_राम 🚩_*

*★ साधु और आनन्द ★*

👉 एक साधु देश में यात्रा के लिए पैदल निकला हुआ था। एक बार रात हो जाने पर वह एक गाँव में आनंद नाम के व्यक्ति के दरवाजे पर रुका।
आनंद ने साधू की खूब सेवा की। दूसरे दिन आनंद ने बहुत सारे उपहार देकर साधू को विदा किया।

साधु ने आनंद के लिए प्रार्थना की – “भगवान करे तू दिनों दिन बढ़ता ही रहे।”

साधु की बात सुनकर आनंद हँस पड़ा और बोला – “अरे, महात्मा जी! जो है , यह भी नहीं रहने वाला ।” साधु आनंद की ओर देखता रह गया और वहाँ से चला गया।

दो वर्ष बाद साधू फिर आनंद के घर गया और देखा कि सारा वैभव समाप्त हो गया है। पता चला कि आनंद अब बगल के गाँव में एक जमींदार के यहाँ नौकरी करता है। साधु आनंद से मिलने गया।

आनंद ने अभाव में भी साधु का स्वागत किया । झोंपड़ी में फटी चटाई पर बिठाया । खाने के लिए सूखी रोटी दी । दूसरे दिन जाते समय साधु की आँखों में आँसू थे । साधु कहने लगा – “हे भगवान् ! ये तूने क्या किया ?”

आनंद पुन: हँस पड़ा और बोला – “महाराज आप क्यों दु:खी हो रहे हैं? महापुरुषों ने कहा है कि भगवान इन्सान को जिस हाल में रखे, इन्सान को उसका धन्यवाद करके खुश रहना चाहिए। समय सदा बदलता रहता है और सुनो ! यह भी नहीं रहने वाला।”

साधु मन ही मन सोचने लगा – “मैं तो केवल भेष से साधु हूँ । सच्चा साधु तो तू ही है, आनंद।”

कुछ वर्ष बाद साधु फिर यात्रा पर निकला और आनंद से मिला तो देखकर हैरान रह गया कि आनंद तो अब जमींदारों का जमींदार बन गया है। मालूम हुआ कि जिस जमींदार के यहाँ आनंद नौकरी करता था वह सन्तान विहीन था, मरते समय अपनी सारी जायदाद आनंद को दे गया।

साधु ने आनंद से कहा – “अच्छा हुआ, वो जमाना गुजर गया । भगवान् करे अब तू ऐसा ही बना रहे।”

यह सुनकर आनंद फिर हँस पड़ा और कहने लगा – “महाराज ! अभी भी आपकी नादानी बनी हुई है।”

साधु ने पूछा – “क्या यह भी नहीं रहने वाला ?”

आनंद ने उत्तर दिया – “हाँ! या तो यह चला जाएगा या फिर इसको अपना मानने वाला ही चला जाएगा । कुछ भी रहने वाला नहीं है और अगर शाश्वत कुछ है तो वह है परमात्मा और उस परमात्मा का अंश आत्मा।”

आनंद की बात को साधु ने गौर से सुना और चला गया।

साधु कई साल बाद फिर लौटता है तो देखता है कि आनंद का महल तो है किन्तू कबूतर उसमें गुटरगूं कर रहे हैं, और आनंद का देहांत हो गया है। बेटियाँ अपने-अपने घर चली गयीं, बूढ़ी पत्नी कोने में पड़ी है ।

कह रहा है आसमां यह समां कुछ भी नहीं।
रो रही हैं शबनमें, नौरंगे जहाँ कुछ भी नहीं।
जिनके महलों में हजारों रंग के जलते थे फानूस।
झाड़ उनके कब्र पर, बाकी निशां कुछ भी नहीं।

साधु कहता है – “अरे इन्सान! तू किस बात का अभिमान करता है ? क्यों इतराता है ? यहाँ कुछ भी टिकने वाला नहीं है, दु:ख या सुख कुछ भी सदा नहीं रहता। तू सोचता है पड़ोसी मुसीबत में है और मैं मौज में हूँ, लेकिन सुन, न मौज रहेगी और न ही मुसीबत। सदा तो उसको जानने वाला ही रहेगा। सच्चे इन्सान वे हैं, जो हर हाल में खुश रहते हैं। मिल गया माल तो उस माल में खुश रहते हैं, और हो गये बेहाल तो उस हाल में खुश रहते हैं।”

साधु कहने लगा – “धन्य है आनंद! तेरा सत्संग, और धन्य हैं तुम्हारे सतगुरु! मैं तो झूठा साधु हूँ, असली फकीरी तो तेरी जिन्दगी है। अब मैं तेरी तस्वीर देखना चाहता हूँ, कुछ फूल चढ़ाकर दुआ तो मांग लूं।”

साधु दूसरे कमरे में जाता है तो देखता है कि आनंद ने अपनी तस्वीर पर लिखवा रखा है – “आखिर में यह भी नहीं रहेगा ।”
चिंतन करें…………..
आखिर में कुछ भी नहीं रहेगा ?
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*

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