उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- काबिलियत का ईनाम*

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📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5127
विक्रम संवत्……………………2082
शक संवत्………………………1947
मास……………………………..आषाढ़
पक्ष……………………………….कृष्ण
तिथी…………………………….तृतीया
दोप 03.44 पर्यंत पश्चात चतुर्थी
रवि…………………………..उत्तरायण
सूर्योदय …………..प्रातः 05.41.55 पर
सूर्यास्त………..संध्या 07.12.00 पर
सूर्य राशि…………………………वृषभ
चन्द्र राशि………………………….धनु
गुरु राशी……………………….मिथुन
नक्षत्र………………………उत्तराषाढ़ा
रात्रि 12.12 पर्यंत पश्चात श्रवण
योग……………………………….ब्रह्मा
दोप 01.01 पर्यंत पश्चात इन्द्र
करण……………………………..विष्टि
दोप 03.44 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु……………………..(शुचि) ग्रीष्म
दिन…………………………….शनिवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
14 जून सन 2025 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक…………………….5
🔯 शुभ रंग…………………….नीला

⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.39 से 12.33 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 08.41 से 10.24 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त -*
*वृषभ*
03:49:59 05:48:58
*मिथुन*
05:48:58 08:02:21
*कर्क*
08:02:21 10:18:31
*सिंह*
10:18:31 12:30:20
*कन्या*
12:30:20 14:40:59
*तुला*
14:40:59 16:55:37
*वृश्चिक*
16:55:37 19:11:47
*धनु*
19:11:47 21:17:23
*मकर*
21:17:23 23:04:29
*कुम्भ*
23:04:29 24:38:02
*मीन*
24:38:02 26:09:14
*मेष*
26:09:14 27:49:59

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा – यदि आवश्यक हो तो अदरक या उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 06.58 से 08.40 तक शुभ
दोप. 12.05 से 01.48 तक चर
दोप. 01.48 से 03.30 तक लाभ
दोप. 03.30 से 05.13 तक अमृत
संध्या 06.56 से 08.13 तक लाभ
रात्रि 09.30 से 10.48 तक शुभ ।

💮 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ महावीराय नम: ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि -*
*श्रीमद्भगवतगीता (द्वादशोऽध्यायः – भक्तियोग:) -*
ये त्वक्षरमनिर्देश्यम- व्यक्तं पर्युपासते ।
सर्वत्रगमचिन्त्यं च कूटस्थमचलं ध्रुवम् ॥१२- ३॥
संनियम्येन्द्रियग्रामं सर्वत्र समबुद्धयः ।
ते प्राप्नुवन्ति मामेव सर्वभूतहिते रताः ॥१२- ४॥
अर्थात :
परन्तु जो पुरुष इन्द्रियों के समुदाय को भली प्रकार वश में करके मन-बुद्धि से परे, सर्वव्यापी, अकथनीय स्वरूप और सदा एकरस रहने वाले, नित्य, अचल, निराकार, अविनाशी, सच्चिदानन्दघन ब्रह्म को निरन्तर एकीभाव से ध्यान करते हुए भजते हैं, वे सम्पूर्ण भूतों के हित में रत और सबमें समान भाववाले योगी मुझको ही प्राप्त होते हैं॥3-4॥

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*जीरा के फायदे :-*

7. मेथी, अजवाइन, जीरा और सौंफ 50-50 ग्राम और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर पीस लें। एक चम्मच रोज सुबह सेवन करें। इससे शुगर, जोड़ों के दर्द और पेट के विकारों से आराम मिलेगा।

8. आंवले को भूनकर गुठली निकालकर पीसकर धीमे भूनें। फिर उसमें स्वादानुसार जीरा, अजवाइन, सेंधा नमक और थोड़ी सी भुनी हुई हींग मिलाकर गोलियाँ बना लें। इन्हें खाने से भूख बढ़ती है। इससे डकार, चक्कर और दस्त में लाभ होता है। पानी में जीरा डालकर उबालें और छानकर ठंडा करें। इस पानी से मुंह धोने से आपका चेहरा साफ और चमकदार होता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। धार्मिक अनुष्ठान पूजा-पाठ इत्यादि का कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। कोर्ट-कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। मानसिक शांति रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। समय अनुकूल है।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रमाद न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक काम करने की इच्छा रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। सुख के साधन प्राप्त होंगे। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। शारीरिक कष्ट संभव है। किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस लग सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय बनी रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
किसी दूसरे व्यक्ति की बातों में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यापार अच्‍छा चलेगा। नौकरी में मातहतों से कहासुनी हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। कुसगंति से बचें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है।

👩‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। परिवार में मांगलिक कार्य हो सकता है। शरीर में कमर व घुटने आदि के दर्द से परेशानी हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। शत्रुभय रहेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। भाग्य का साथ रहेगा। शेयर मार्केट से लाभ होगा। शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति पर व्यय होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
किसी वरिष्ठ प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कष्ट व भय सताएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। भागदौड़ अधिक रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश सोच-समझकर करें। राजभय रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। यात्रा में जल्दबाजी न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्यों में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रशंसा होगी। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। चोट व रोग से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
दूर से शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। घर में मेहमानों का आगमन होगा। कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। यश बढ़ेगा।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी बड़ी समस्या से मुक्ति मिल सकती है। किसी न्यायपूर्ण बात का भी विरोध हो सकता है। विवाद न करें। कुबुद्धि हावी रहेगी। चोट व रोग से बचें।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

1️⃣4️⃣❗0️⃣6️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣

*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*!! काबिलियत का ईनाम !!*
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एक राजा के दरबार में एक अजनबी इंसान नौकरी मांगने के लिए आया। उससे उसकी काबिलियत पूछी गई, तो वो बोला- “मैं, आदमी हो चाहे जानवर, शक्ल देख कर उसके बारे में बता सकता हूँ।”

राजा ने उसे अपने खास “घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज” बना दिया।

चंद दिनों बाद राजा ने उससे अपने सबसे महंगे और मनपसन्द घोड़े के बारे में पूछा। उसने कहा, “हुज़ूर, ये घोड़ा नस्ली नही हैं।”

राजा को हैरानी हुई, उसने जंगल से तुरंत घोड़े वाले को बुला कर पूछा। उसने बताया, घोड़ा नस्ली तो है; पर इसकी पैदाइश पर इसकी मां मर गई थी, ये एक गाय का दूध पीकर उसके साथ पला है।

राजा ने अपने नौकर को बुलाया और पूछा… “तुमको कैसे पता चला कि घोड़ा नस्ली नहीं है?”

उसने कहा- “जब ये घास खाता है तो गायों की तरह सर नीचे करके, जबकि नस्ली घोड़ा घास मुँह में लेकर सर उठा लेता है।”

राजा उसकी काबिलियत से बहुत खुश हुआ, उसने नौकर के घर अनाज, घी, मुर्गे और अंडे बतौर इनाम भिजवा दिए और उसे अपने महल में तैनात कर दिया।

चंद दिनों बाद, राजा ने उससे रानी के बारे में राय मांगी। उसने कहा, “तौर तरीके तो रानी जैसे हैं लेकिन पैदाइशी नहीं हैं।”

राजा के पैरों तले जमीन निकल गई, उसने अपनी सास को बुलाया, मामला उसको बताया। सास ने कहा- “हक़ीक़त ये हैं कि आपके पिताजी ने मेरे पति से हमारी बेटी की पैदाइश पर ही रिश्ता मांग लिया था, लेकिन हमारी बेटी 6 माह में ही मर गई थी। लिहाज़ा हमने आपके रजवाड़े से करीबी रखने के लिए किसी और की बच्ची को अपनी बेटी बना लिया।”

राजा ने फिर अपने नौकर से पूछा- “तुमको कैसे पता चला?”

उसने कहा, “रानी साहिबा का नौकरों के साथ सुलूक गंवारों से भी बुरा है। एक खानदानी इंसान का दूसरों से व्यवहार करने का एक तरीका होता है, जो रानी साहिबा में बिल्कुल नहीं है।

राजा फिर उसकी पारखी नज़रों से खुश हुआ और बहुत से अनाज, भेड़-बकरियां बतौर इनाम दीं। साथ ही उसे अपने दरबार में तैनात कर दिया।

कुछ वक्त गुज़रा, राजा ने फिर नौकर को बुलाया और अपने खुद के बारे में पूछा।

नौकर ने कहा- “जान की सलामती हो तो कहूँ।” राजा ने वादा किया। उसने कहा- “न तो आप राजा के बेटे हो और न ही आपका चलन राजाओं वाला है।”

राजा को बहुत गुस्सा आया, मगर जान की सलामती का वचन दे चुका था, राजा सीधा अपनी मां के महल पहुंचा।

मां ने कहा- “ये सच है, तुम एक चरवाहे के बेटे हो, हमारी औलाद नहीं थी तो तुम्हें गोद लेकर हमने पाला।”

राजा ने नौकर को बुलाया और पूछा- बता, “तुझे कैसे पता चला?”

उसने कहा- “जब राजा किसी को इनाम दिया करते हैं, तो हीरे-मोती और जवाहरात की शक्ल में देते हैं… लेकिन आप भेड़, बकरियां, खाने-पीने की चीजें दिया करते हैं… ये रवैया किसी राजाओं का नहीं, किसी चरवाहे के बेटे का ही हो सकता है।”

राजा हैरान रह गया..!!

*शिक्षा:-*
किसी इंसान के पास कितनी धन-दौलत, सुख-समृद्धि, रुतबा, इल्म, बाहुबल हैं; ये सब बाहरी दिखावा हैं। इंसान की असलियत की पहचान उसके व्यवहार और उसकी नियत से होती है…

*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*

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देवभूमि jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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