ओआईएमटी में साइबर सुरक्षा पर आयोजित किया ज्ञानवर्धक कार्यशाला: विद्यार्थियों को ‘साइबर हाइजीन’ और ‘डिजिटल एथिक्स’ के प्रति किया जागरूक*
देवभूमि जे के न्यूज़- जय कुमार तिवारी-
ओंकारानंद इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में हुआ साइबर सुरक्षा पर ज्ञानवर्धक कार्यशाला: विद्यार्थियों को ‘साइबर हाइजीन’ और ‘डिजिटल एथिक्स’ के प्रति किया गया जागरूक
ऋषिकेश: ओंकारानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (OIMT) में संस्थान की IQAC सेल के तत्वावधान में “साइबर हाइजीन, साइबर सेफ्टी और साइबर क्राइम अवेयरनेस” विषय पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को बढ़ते साइबर जोखिमों के प्रति सचेत करना और उन्हें सुरक्षित डिजिटल व्यवहार के लिए प्रेरित करना था।
कार्यशाला का संयुक्त उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ. विकास गैरोला और मुख्य वक्ता बिनोद डोभाल द्वारा किया गया। यह सत्र, वर्तमान तकनीकी युग में सुरक्षित ऑनलाइन आचरण और डिजिटल नैतिकता के महत्व को रेखांकित करते हुए, विद्यार्थियों के लिए अत्यंत जानकारीपूर्ण साबित हुआ।
कार्यशाला का संचालन श्री बिनोद डोभाल ने किया, जो फाइंडफिन फाउंडेशन के संस्थापक हैं और भारत सरकार के MeitY के ISEA प्रोजेक्ट (C-DAC, नोएडा और हैदराबाद) के मास्टर ट्रेनर व साइबर एंबेसडर भी हैं। साइबर सुरक्षा और डिजिटल वेलनेस के क्षेत्र में उनके व्यापक अनुभव ने सत्र को अत्यधिक व्यावहारिक और रोचक बना दिया।
श्री डोभाल ने साइबर हाइजीन बनाए रखने पर विस्तार से बात की, जिसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषय शामिल थे:
मजबूत पासवर्ड का उपयोग
सुरक्षित ब्राउज़िंग प्रथाएं
व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा
सोशल मीडिया का जिम्मेदार उपयोग
उन्होंने फ़िशिंग, पहचान की चोरी, ऑनलाइन धोखाधड़ी, साइबर बुलिंग और वित्तीय ठगी जैसे प्रमुख साइबर अपराधों की पहचान करने, इनसे बचने के तरीकों और घटना होने पर शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने वास्तविक जीवन के उदाहरणों और केस स्टडीज़ के माध्यम से समझाया कि साधारण सतर्कता से कैसे साइबर अपराधियों के जाल से बचा जा सकता है।
श्री डोभाल ने डिजिटल नागरिकता के महत्व पर जोर देते हुए विद्यार्थियों को न केवल स्वयं सतर्क रहने, बल्कि अपने साथियों और समुदाय में भी साइबर जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया। सत्र अत्यंत सहभागितापूर्ण रहा, जहाँ विद्यार्थियों ने डिजिटल दुनिया से जुड़े अपने व्यावहारिक प्रश्न पूछे और चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यशाला का समापन IQAC सेल द्वारा रिसोर्स पर्सन के प्रति आभार प्रकट करने के साथ हुआ। IQAC प्रकोष्ठ द्वारा उठाया गया यह कदम विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा के प्रति अधिक सशक्त और जागरूक बनाने में अत्यंत सफल रहा, जो संस्थान की सुरक्षित डिजिटल प्रथाओं को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस अवसर पर, कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुदीप सारस्वत, डॉ. राजेश मनचंदा, डॉ. आम्रपाली नेगी, डॉ. प्रदीप पोखरियाल, अनिल, नवीन द्विवेदी, मुकेश राणाकोटी, प्राची डोभाल, और इति गुप्ता ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
