*विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए जीवन कौशल कार्यक्रम अत्यंत आवश्यक- कुलपति प्रो एन के जोशी*
देवभूमि जे के न्यूज़- जय कुमार तिवारी-
श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, पण्डित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश में 17 से 19 नवम्बर तक सेतु आयोग एवं उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखण्ड शासन के द्वारा वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से जीवन कौशल एम्प्लॉयबिलिटी स्किल्स विषय पर तीन दिवसीय फैकल्टी ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी और पौड़ी जनपदों के 49 नोडल अधिकारियों एवं प्राध्यापकों ने प्रतिभाग किया। समापन सत्र में मुख्य अतिथि एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एन के जोशी ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन कौशल कार्यक्रम वर्तमान समय की प्रमुख शैक्षिक आवश्यकता है, क्योंकि केवल डिग्री अब पर्याप्त नहीं रही। विद्यार्थियों को संवाद कौशल, टीमवर्क, नेतृत्व क्षमता, क्रिटिकल थिंकिंग, समय प्रबंधन, समस्या समाधान तथा प्रोफेशनल एटीकेट जैसी क्षमताओं का विकास अनिवार्य है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को आत्मविश्वास, अनुशासन और वास्तविक जीवन स्थितियों को प्रभावी ढंग से संभालने की मानसिक तैयारी प्रदान करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मूल दर्शन भी इसी दिशा में है, ज्ञान, कौशल और मूल्य आधारित समग्र शिक्षा। हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय के प्रत्येक विद्यार्थी को शैक्षणिक योग्यता के साथ व्यवहारिक कौशल भी मिले। उत्तराखण्ड सरकार, सेतु आयोग और उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस कार्यक्रम को प्रदेश के सभी महाविद्यालयों तक पहुँचाने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह सराहनीय और दूरदर्शी कदम है। कुलपति प्रो जोशी ने कहा कि इस प्रशिक्षण से जुड़े सभी शिक्षक अपने अपने महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को अधिक सक्षम, कुशल और रोजगार योग्य बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएँगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कौशल विकास, उद्यमिता, डिजिटल दक्षताओं तथा उद्योग सहयोग को और सशक्त करने की दिशा में निरंतर कार्य करता रहेगा।
कार्यक्रम के संयोजक, विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के समन्वयक प्रो डी सी गोस्वामी ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा, उद्देश्यों तथा जीवन कौशल की वर्तमान उच्च शिक्षा व्यवस्था में प्रासंगिकता पर चर्चा की। परिसर के निदेशक प्रो एम एस रावत ने विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत चलाए जा रहे कौशल आधारित पाठ्यक्रमों, रोजगारपरक पहल तथा विद्यार्थियों को उद्योग उन्मुख बनाने की दिशा में किए जा रहे नवाचारों का उल्लेख किया। तीन दिनों तक चले इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता वाधवानी फाउंडेशन की आर्या शिखा ने जीवन कौशल कार्यक्रम के मॉड्यूल, डिजिटल संसाधनों, फैकल्टी स्टूडेंट पंजीकरण प्रक्रिया तथा शिक्षण पद्धति पर विस्तृत प्रस्तुति दी। समापन सत्र के विशिष्ट अतिथि आई सी ए के निदेशक मुकेश अग्रवाल ने भी कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रशिक्षण उच्च शिक्षा में शिक्षकों को आधुनिक शिक्षाशास्त्र और विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को समझने में सहायता प्रदान करते हैं। विश्वविद्यालय कौशल कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ गौरव वार्ष्णेय ने सभी अतिथियों, आयोजकों, प्रतिभागियों और वाधवानी फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ सीमा बैनीवाल द्वारा किया गया।
