उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-खुद की कमियों को ढूँढे़..*

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📜««« *आज का पंचांग* »»»🌞🚩
कलियुगाब्द…………………..5127
विक्रम संवत्………………….2082
शक संवत्…………………….1947
मास………………………….कार्तिक
पक्ष……………………………..कृष्ण
तिथी………………………एकादशी
प्रातः 11.14 पर्यंत पश्चात द्वादशी
रवि……………………..दक्षिणायन
सूर्योदय…….प्रातः 06.24.16 पर
सूर्यास्त……..संध्या 06.00.40 पर
सूर्य राशि…………………….कन्या
चन्द्र राशि……………………..सिंह
गुरु राशि…………………….मिथुन
नक्षत्र……………………………मघा
दोप 01.56 पर्यंत पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग…………………………….शुक्ल
रात्रि 01.41 पर्यंत पश्चात ब्रह्मा
करण…………………………..बालव
प्रातः 11.14 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु……………………(इष) शरद
दिन………………………….शुक्रवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
17 अक्तूबर सन 2025 ईस्वी ।

*तिथी / व्रत विशेष :*
*रमा एकादशी :*
सनातनी संस्कृति में रमा एकादशी का विशेष महत्‍व है. इस एकादशी को *रम्‍भा एकादशी* के नाम से भी जाना जाता है. मान्‍यता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश हो जाता है. कहते हैं कि इस व्रत की कथा सुनने मात्र से ही *वाजपेय यज्ञ* के बारबर पुण्‍य मिलता है. पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार रमा एकादशी के दिन भगवान विष्‍णु के साथ मां लक्ष्‍मी की पूजा करने से दरिद्रता दूर भाग जाती है और घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है.

*रमा एकादशी व्रत की कथा :-*
प्राचीन समय में मुचुकुंद नाम के एक राजा थे जिनकी मित्रता देवराज इंद्र, यम, वरुण, कुबेर एवं विभीषण से थी। वह बड़े धार्मिक प्रवृति वाले व सत्यप्रतिज्ञ थे। उनके राज्य में सभी सुखी थे। उनकी चंद्रभागा नाम की एक पुत्री थी, जिसका विवाह राजा चंद्रसेन के पुत्र शोभन के साथ हुआ था।
एक दिन शोभन अपने श्वसुर के घर आया तो संयोगवश उस दिन एकादशी थी। शोभन ने एकादशी का व्रत करने का निश्चय किया। चंद्रभागा को यह चिंता हुई कि उसका पति भूख कैसे सहन करेगा? इस विषय में उसके पिता के आदेश बहुत सख्त थे। राज्य में सभी एकादशी का व्रत रखते थे और कोई अन्न का सेवन नहीं करता था। शोभन ने अपनी पत्नी से कोई ऐसा उपाय जानना चाहा, जिससे उसका व्रत भी पूर्ण हो जाए और उसे कोई कष्ट भी न हो, लेकिन चंद्रभागा उसे ऐसा कोई उपाय न सूझा सकी।
निरूपाय होकर शोभन ने स्वयं को भाग्य के भरोसे छोड़कर व्रत रख लिया। लेकिन वह भूख, प्यास सहन न कर सका और उसकी मृत्यु हो गई। इससे चंद्रभागा बहुत दुखी हुई। पिता के विरोध के कारण वह सती नहीं हुई।
उधर, शोभन ने रमा एकादशी व्रत के प्रभाव से मंदराचल पर्वत के शिखर पर एक उत्तम देवनगर प्राप्त किया। वहां ऐश्वर्य के समस्त साधन उपलब्ध थे। गंधर्वगण उसकी स्तुति करते थे और अप्सराएं उसकी सेवा में लगी रहती थीं। एक दिन जब राजा मुचुकुंद मंदराचल पर्वत पर आए तो उन्होंने अपने दामाद का वैभव देखा। वापस अपनी नगरी आकर उसने चंद्रभागा को पूरा हाल सुनाया तो वह अत्यंत प्रसन्न हुई। वह अपने पति के पास चली गई और अपनी भक्ति और रमा एकादशी के प्रभाव से शोभन के साथ सुखपूर्वक रहने लगी।

शुभ अंक………………………..8
🔯 शुभ रंग……………आसमानी

👁‍🗨 *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.48 से 12.34 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल (अशुभ) :-*
प्रात: 10.46 से 12.11 तक ।

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

🌞 *उदय लग्न तालिका -*
*कन्या*
04:17:31 06:28:01
*तुला*
06:28:01 08:42:49
*वृश्चिक*
08:42:49 10:58:59
*धनु*
10:58:59 13:04:35
*मकर*
13:04:35 14:51:41
*कुम्भ*
14:51:41 16:25:13
*मीन*
16:25:13 17:56:26
*मेष*
17:56:26 19:37:11
*वृषभ*
19:37:11 21:35:50
*मिथुन*
21:35:50 23:49:33
*कर्क*
23:49:33 26:05:43
*सिंह*
26:05:43 28:17:31

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.52 से 09.18 तक लाभ
प्रात: 09.18 से 10.44 तक अमृत
दोप. 12.11 से 01.37 तक शुभ
सायं 04.29 से 05.55 तक चंचल
रात्रि 09.03 से 10.37 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ गोविन्दाय नम: ॥

📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (चतुर्दशोऽध्यायः – गुणत्रयविभागयोगः) -*
इदं ज्ञानमुपाश्रित्य मम साधर्म्यमागताः ।
सर्गेऽपि नोपजायन्ते प्रलये न व्यथन्ति च ॥१४- २॥
अर्थात :
इस ज्ञान को आश्रय करके अर्थात धारण करके मेरे स्वरूप को प्राप्त हुए पुरुष सृष्टि के आदि में पुनः उत्पन्न नहीं होते और प्रलयकाल में भी व्याकुल नहीं होते॥2॥

🍃 *आरोग्यं :-*
*गला बैठने पर घरेलू उपचार -*

*5. बेकिंग़ सोडा -*
गला बैठ गया है तथा गला खराब हैं या खराश से परेशान हैं तो गुनगुने पानी में बेकिंग सोडा डालकर गरारे करें। नमक के पानी के साथ बेकिंग सोडा मिलाकर गरारे करने से गले की समस्या से राहत मिल सकती है। इस समाधान से बैक्टीरिया मर जाता है और फंगस के विकास को रोका जा सकता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। नए विचार दिमाग में आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। धनार्जन होगा। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। दूसरे आपसे अधिक की अपेक्षा करेंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग उभर सकता है।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। आलस्य हावी रहेगा। प्रमाद न करें। विवेक का प्रयोग करें। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश मनोनकूल रहेगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है।

👧 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगा। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ा काम करने की इच्‍छा जागृत होगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। प्रमाद न करें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
मान-सम्मान मिलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। थकान रहेगी। किसी कार्य की चिंता रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़े काम की रुकावट दूर होगी।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
कीमती वस्तुएं इधर-उधर हो सकती हैं, संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। यात्रा में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
व्यापार व व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। धनहानि की आशंका है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
नौकरी में रुतबा बढ़ेगा। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य में राहत मिलेगी। चिंता दूर होगी।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*!! खुद की कमियों को ढूँढे़.. !!*
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कबूतर के एक जोड़े ने अपने लिए घोंसला बनाया परंतु जब कबूतर जोड़ें उस घोंसले में रहते हैं तो अजीब बदबू आती रहती थी। उन्होंने उस घोंसले को छोड़ कर दूसरी जगह एक नया घोंसला बनाया, मगर स्थिति वैसी ही थी; बदबू ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा!

परेशान होकर उन्होंने वह मोहल्ला ही छोड़ दिया और नए मोहल्ले में घोंसला बनाया। घोंसले के लिए साफ सुथरे तिनके जोड़ें, मगर यह क्या! इस घोंसले में भी वहीं, उसी तरह की बदबू आती रहती थी।

थक हार कर उन्होंने अपने एक बुजुर्ग चतुर कबूतर से सलाह लेने की ठानी और उनके पास जाकर तमाम वाकया बताया।

चतुर कबूतर उनके घोंसले में गया, आसपास घुमा फिरा और फिर बोला, घोंसला बदलने से यह बदबू नहीं जाएगी। बदबू घोंसले में नहीं, तुम्हारे अपने शरीर से आ रही है। खुले में तुम्हें अपनी बदबू महसूस नहीं होती, मगर घोंसले में घुसते ही तुम्हें यह महसूस होती है और तुम समझते हो कि बदबू घोंसले से आ रही है, अब जरा अपने आप को साफ करो।

*शिक्षा:-*
पूरी दुनिया से खामियां निकालने और बदबू ढूंढने के बजाय हम अपने भीतर की खामियों (कमजोरियों) और अपवित्रता रूपी (विकारों) बदबू को हटाएं तो दुनिया सचमुच खूबसूरत और खुशबूदार हो जायेगी..!!

*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️

Static 1 Static 1 Static 1 Static 2 Static 3 Static 4 Static 4 Static 4 Static 4 Static 4

देवभूमि jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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