उत्तराखंडराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -बांके बिहारी के बांके भक्त*

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।। 🕉 ।।

📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………….5127
विक्रम संवत्……………………2082
शक संवत्………………………1947
मास…………………………….भाद्रपद
पक्ष……………………………….कृष्ण
तिथी………………………….प्रतिपदा
दोप 12.08 पर्यंत पश्चात द्वितीया
रवि………………………..दक्षिणायन
सूर्योदय ……………प्रातः 06.01.15 पर
सूर्यास्त………..संध्या 07.02.59 पर
सूर्य राशि…………………………कर्क
चन्द्र राशि………………………..कुम्भ
गुरु राशी………………………..मिथुन
नक्षत्र……………………………धनिष्ठा
दोप 01.42 पर्यंत पश्चात शतभिषा
योग………………………………शोभन
रात्रि 11.58 पर्यंत पश्चात अतिगंड
करण…………………………..कौलव
दोप 12.08 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु……………………(नभस्य) वर्षा
दिन…………………………….रविवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
10 अगस्त सन 2025 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक…………………….1
🔯 शुभ रंग…………………….नीला

👁‍🗨 *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.06 से 12.57 तक ।

👁‍🗨*राहुकाल :-*
संध्या 05.21 से 06.58 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*कर्क*
04:17:38 06:33:38
*सिंह*
06:33:38 08:45:36
*कन्या*
08:45:36 10:56:16
*तुला*
10:56:16 13:10:54
*वृश्चिक*
13:10:54 15:27:04
*धनु*
15:27:04 17:32:40
*मकर*
17:32:40 19:19:46
*कुम्भ*
19:19:46 20:53:19
*मीन*
20:53:19 22:24:31
*मेष*
22:24:31 24:05:16
*वृषभ*
24:05:16 26:03:56
*मिथुन*
26:03:56 28:17:38

🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.41 से 09.17 तक चंचल
प्रात: 09.17 से 10.54 तक लाभ
प्रात: 10.54 से 12.31 तक अमृत
दोप. 02.07 से 03.44 तक शुभ
सायं 06.57 से 08.21 तक शुभ
संध्या 08.21 से 09.44 तक अमृत
रात्रि 09.44 से 11.07 तक चंचल ।

💮 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ रवये नम: ॥

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (त्रयोदशोऽध्यायः – क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोगो:) -*
अविभक्तं च भूतेषु विभक्तमिव च स्थितम् ।
भूतभर्तृ च तज्ज्ञेयं ग्रसिष्णु प्रभविष्णु च ॥१३- १६॥
अर्थात :
वह परमात्मा विभागरहित एक रूप से आकाश के सदृश परिपूर्ण होने पर भी चराचर सम्पूर्ण भूतों में विभक्त-सा स्थित प्रतीत होता है (जैसे महाकाश विभागरहित स्थित हुआ भी घड़ों में पृथक-पृथक के सदृश प्रतीत होता है, वैसे ही परमात्मा सब भूतों में एक रूप से स्थित हुआ भी पृथक-पृथक की भाँति प्रतीत होता है) तथा वह जानने योग्य परमात्मा विष्णुरूप से भूतों को धारण-पोषण करने वाला और रुद्ररूप से संहार करने वाला तथा ब्रह्मारूप से सबको उत्पन्न करने वाला है॥16॥

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*फेफड़े की कमजोरी का इलाज :-*

*1. पानी -*
फेफड़ों को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी अत्यंत महत्वपूर्ण पेय है। ज्यादा से ज्यादा पानी पीना न सिर्फ आपके किडनी के लिए अच्छा है, बल्कि यह फेफड़ों और पूरे शरीर के लिए भी अच्छा है। यह सलाह दी जाती है कि फेफड़ों और अन्य शरीर के अंगों के उचित कामकाज के लिए एक दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी पीना चाहिए।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
कारोबार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। नए विचार दिमाग में आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। दूसरे आपसे अधिक की अपेक्षा करेंगे व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
प्रयास सफल रहेंगे। पराक्रम वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। लाभ होगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। आलस्य हावी रहेगा। प्रमाद न करें। विवेक का प्रयोग करें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश मनोनकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है।

👩‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
आज अचानक बाहरी क्षेत्र से अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। घर में विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। माता को पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। कारोबारियों को व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरीपेशा वर्ग को आय में निश्चितता रहेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ा काम करने की इच्‍छा जागृत होगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। प्रमाद न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। थकान रहेगी। किसी कार्य की चिंता रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़े काम की रुकावट दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
यात्रा में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। हंसी-मजाक में हल्कापन न हो, ध्यान रखें। कीमती वस्तुएं इधर-उधर हो सकती हैं, संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
धनहानि की आशंका है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। व्यापार व व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य में राहत मिलेगी। चिंता दूर होगी। नौकरी में रुतबा बढ़ेगा।

☯ *आज का दिन आप सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*🛕जय श्री कृष्ण🙏*

*_🪷 बांके बिहारी के बांके भक्त 🪷_*
*_वृन्दावन में बिहारी जी की अनन्य भक्त थी । नाम था कांता बाई…!_*

*_बिहारी जी को अपना लाला कहा करती थी- उन्हें लाड दुलार से रखा करती- और दिन रात उनकी सेवा में लीन रहती थी।_*
*_क्या मजाल कि- उनके लल्ला को जरा भी तकलीफ हो जाए।_*
*_एक दिन की बात है कांता बाई अपने लल्ला को विश्राम करवा कर खुद भी तनिक देर विश्राम करने लगी- कि तभी उसे जोर से हिचकियां आने लगी…!_*
*_और वो इतनी बेचैन हो गयी- कि उसे कुछ भी नहीं सूझ रहा था।_*
*_तभी कांता बाई कि पुत्री- उसके घर पे आई, जिसका विवाह पास ही के गाँव में किया हुआ था! तब कांता बाई की हिचकियां रुक गयी।_*
*_अच्छा महसूस करने लग गयी- तो उसने अपनी पुत्री को सारा वृत्तांत सुनाया- कि कैसे वो हिचकियों से बेचैन हो गयी।_*
*_तब पुत्री ने कहा: कि माँ मैं तुम्हे सच्चे मन से याद कर रही थी- उसी के कारण तुम्हे हिचकियां आ रही थीं- और अब जब मैं आ गयी हूँ- तो तुम्हारी हिचकियां भी बंद हो चुकी हैं।_*
*_कांता बाई हैरान रह गयी- कि ऐसा भी भला होता है ? तब पुत्री ने कहा हाँ माँ ऐसा ही होता है, जब भी हम किसी अपने को मन से याद करते है तो हमारे अपने को हिचकियां आने लगती हैं।_*
*_तब कांता बाई ने सोचा- कि मैं तो अपने ठाकुर को हर पल याद करती रहती हूँ! यानी मेरे लल्ला को भी हिचकियां आती होंगी….??_*
*_हाय मेरा छोटा सा लल्ला- हिचकियों में कितना बेचैन हो जाता होगा.! नहीं ऐसा नहीं होगा- अब से मैं अपने लल्ला को जरा भी परेशान नहीं होने दूंगी! और…उसी दिन से कांता बाई ने ठाकुर को याद करना छोड़ दिया!_*
*_अपने लल्ला को भी अपनी पुत्री को ही दे दिया- सेवा करने के लिए।_*
*_लेकिन कांता बाई ने एक पल के लिए भी अपने लल्ला को याद नहीं किया.।_*
*_और ऐसा करते- करते हफ्ते बीत गए और_*
*_फिर एक दिन… जब कांता बाई सो रही थी- तो साक्षात बांके बिहारी कांता बाई के सपने में आते है- और कांता बाई के पैर पकड़ कर ख़ुशी के आंसू रोने लगते हैं.?_*
*_कांता बाई फौरन जाग जाती है- और उठ कर प्रणाम करते हुए रोने लगती है- और कहती है कि…_*
*_प्रभु! आप तो उन को भी नहीं मिल पाते- जो समाधि लगाकर- निरंतर आपका ध्यान करते रहते हैं।_*
*_फिर मैं पापिन जिसने आपको याद भी करना छोड़ दिया है- आप उसे दर्शन देने कैसे आ गए..??_*
*_तब बिहारी जी ने मुस्कुरा कर कहा- ” माँ,” कोई भी मुझे याद करता है- तो या तो उसके पीछे किसी वस्तु का स्वार्थ होता है।_*
*_या फिर कोई साधू ही- जब मुझे याद करता है- तो उसके पीछे भी उसका मुक्ति पाने का स्वार्थ छिपा होता है।_*
*_लेकिन धन्य हो- ” माँ ” तुम ऐसी पहली भक्त हो- जिसने ये सोचकर मुझे याद करना छोड़ दिया- कि कहीं मुझे हिचकियां आती होंगी।_*
*_मेरी इतनी परवाह करने वाली माँ मैंने पहली बार देखी है।_*
*_तभी कांता बाई अपने मिटटी के शरीर को छोड़ कर- अपने लल्ला में ही लीन हो जाती हैं।_*

*_इसलिए बंधुओ वो ठाकुर तुम्हारी भक्ति और चढ़ावे के भी भूखे नहीं हैं, वो तो केवल तुम्हारे प्रेम के भूखे है उनसे प्रेम करना सीखो।_*
*_उनसे केवल और केवल किशोरी जी ही प्रेम करना सिखा सकती है।_*

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।

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देवभूमि jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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