उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- दिल की आवाज*

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📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द…………………..5127
विक्रम संवत्………………….2082
शक संवत्…………………….1947
मास……………………………आषाढ़
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी………………………..प्रतिपदा
दोप 01.29 पर्यंत पश्चात द्वितीया
रवि…………………………उत्तरायण
सूर्योदय…….प्रातः 05.44.40 पर
सूर्यास्त……..संध्या 07.15.00 पर
सूर्य राशि……………………..मिथुन
चन्द्र राशि…………………….मिथुन
गुरु राशि……………………..मिथुन
नक्षत्र…………………………..आर्द्रा
प्रातः 08.46 पर्यंत पश्चात पुनर्वसु
योग……………………………….ध्रुव
रात्रि 11.39 पर्यंत पश्चात व्याघात
करण……………………………..बव
दोप 01.29 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………(शुचि) ग्रीष्म
दिन……………………………गुरुवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :–*
26 जून सन 2025 ईस्वी ।

👁‍🗨 *अभिजित मुहूर्त :-*

प्रातः 12.02 से 12.56 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
दोपहर 02.09 से 03.50 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मिथुन*
05:01:37 07:15:02
*कर्क*
07:15:02 09:31:13
*सिंह*
09:31:13 11:43:01
*कन्या*
11:43:01 13:53:41
*तुला*
13:53:41 16:08:19
*वृश्चिक*
16:08:19 18:24:29
*धनु*
18:24:29 20:30:05
*मकर*
20:30:05 22:17:11
*कुम्भ*
22:17:11 23:50:43
*मीन*
23:50:43 25:21:56
*मेष*
25:21:56 27:02:41
*वृषभ*
27:02:41 29:01:37

🚦 *दिशाशूल :-*
दक्षिणदिशा – यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक……………………8
🔯 शुभ रंग…………………..पीला

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 10.48 से 12.28 तक चंचल
दोप. 12.28 से 02.09 तक लाभ
दोप. 02.09 से 03.49 तक अमृत
सायं 05.29 से 07.10 तक शुभ
सायं 07.10 से 08.29 तक अमृत
रात्रि 08.29 से 09.49 तक चंचल

📿 *आज का मंत्र :-*
॥ ॐ माधवाय नमः ॥

📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (द्वादशोऽध्यायः – भक्तियोग:) -*
श्रेयो हि ज्ञानमभ्यासाज्- ज्ञानाद्ध्यानं विशिष्यते ।
ध्यानात्कर्मफलत्यागस्- त्यागाच्छान्तिरनन्तरम् ॥१२- १२॥
अर्थात :
मर्म को न जानकर किए हुए अभ्यास से ज्ञान श्रेष्ठ है, ज्ञान से मुझ परमेश्वर के स्वरूप का ध्यान श्रेष्ठ है और ध्यान से सब कर्मों के फल का त्याग श्रेष्ठ है, क्योंकि त्याग से तत्काल ही परम शान्ति होती है॥12॥

🍃 *आरोग्यं :-*
*मुँहासे हटाने के आयुर्वेदिक उपचार*

*3. नीम के पत्ते और गुलाब जल -*
नीम के पत्ते खाने से न केवल रक्त को शुद्ध किया जा सकता है बल्कि कील मुंहासे को भी यह दूर करता है। नीम जीवाणुरोधी है, और यह त्वचा के स्वस्थ पीएच संतुलन को बहाल करता है। यह त्वचा में तेल उत्पादन को नियंत्रित करता है और मुँहासे से प्रभावित क्षेत्रों की मरम्मत करता है। इसके लिए आप 2-3 मिनट के लिए पांच नीम के पत्ते को उबाल लीजिए। फिर इसे फूड प्रोसेसर में अच्छी तरह से पीस लीजिए और उसका मोटा पेस्ट बना लीजिए। फिर उसमें दो बड़े चम्मच गुलाब जल डालिए और उसे अपने चेहरे पर लगाइए। जब तक यह मास्क सुख न जाए तब तक इसे अपने चेहरे पर लगाएं रखें। आप सप्ताह में इसे 3-4 बार लगा सकते हैं।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। अज्ञात भय सताएगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। कुसंगति से बचें। चिंता रहेगी। धन प्राप्ति में अवरोध दूर होंगे। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
शत्रु भय रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। भूमि व भवन संबंधी खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। आर्थिक उन्नति होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। शुभ समय।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कारोबार में बुद्धिबल से उन्नति होगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। प्रमाद से बचें।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
लेन-देन में जल्दबाजी न करें। पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार की प्राप्ति संभव है। किसी के उकसाने में न आएं। बात बिगड़ सकती है। आवश्यक निर्णय सोच-समझकर करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। थकान हो सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। आय में वृद्धि होगी। कारोबार का विस्तार होगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। निवेश लाभदायक रहेगा। घर में सुख-शांति रहेगी। उत्साह बना रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। संतान की चिंता रहेगी।

👧 *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आय में वृद्धि होगी। कारोबार लाभप्रद रहेगा। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। दूर से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय बढ़ेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में सहकर्मियों का साथ रहेगा। थकान रहेगी।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
प्रेम-प्रसंग में आशातीत सफलता प्राप्त होगी।व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। कारोबार का विस्तार होगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। सुख के साधन जुटेंगे। शत्रु परास्त होंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। सभी ओर से सफलता मिलेगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
राजभय रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। लेन-देन में जल्दबाजी हानि देगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था में मुश्किल होगी। दूसरों से अपेक्षा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। अनहोनी की आशंका रहेगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। आय में निश्चितता रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। मानसिक बेचैनी रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। अधिकार प्राप्ति के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भागदौड़ रहेगी। दूसरों के काम में दखल न दें। विवाद से बचें। लाभ होगा।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
राज्य से प्रसन्नता रहेगी। कोई बड़ा काम हो सकता है। नई योजना बनेगी। नया उपक्रम प्रारंभ हो सकता है। सामाजिक कार्य करने का अवसर मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। स्वास्थ्‍य का पाया कमजोर रहेगा। कोई नई समस्या आ सकती है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कोई नई समस्या आ सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आंखों को चोट व रोग से बचाएं। धन प्राप्ति सुगम होगी। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। थकान व कमजोरी महसूस हो सकती है। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। पूजा-पाठ में मन लगेगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।

*राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
पुराना रोग उभर सकता है। अनहोनी की आशंका रहेगी। मातहतों से कहासुनी हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद संभव है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। दूसरों से अपेक्षा न करें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। सोच-समझकर निर्णय लें।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*दिल की आवाज*
वह रोज़ की तरह अपनी किराने की दुकान बंद करके गली में थोड़ी देर टहलने निकले ही थे कि पीछे से एक मासूम सी आवाज़ आई — *”अंकल… अंकल…”*
वे पलटे। एक लगभग *7-8 साल की बच्ची हांफती हुई* उनके पास आ रही थी।
*”क्या बात है… भाग कर आ रही हो?”* उन्होंने थोड़े थके मगर सौम्य स्वर में पूछा।
*”अंकल पंद्रह रुपए की कनियाँ (चावल के टुकड़े) और दस रुपए की दाल लेनी थी…”* बच्ची की आंखों में मासूमियत और ज़रूरत दोनों झलक रहे थे।
उन्होंने पलट कर अपनी दुकान की ओर देखा, फिर कहा —
*”अब तो दुकान बंद कर दी है बेटा… सुबह ले लेना।”*
*”अभी चाहिए थी…”* बच्ची ने धीरे से कहा।
*”जल्दी आ जाया करो न… सारा सामान समेट दिया है अब।”* उन्होंने नर्म मगर व्यावसायिक अंदाज़ में कहा।
बच्ची चुप हो गई। आंखें नीची कर के बोली —
*”सब दुकानें बंद हो गई हैं… और घर में आटा भी नहीं है…”*
उसके ये शब्द किसी हथौड़े की तरह उनके सीने पर लगे।
वे कुछ देर चुप रहे। फिर पूछा, “तुम पहले क्यों नहीं आई?”
*”पापा अभी घर आए हैं… और घर में…”* वो रुकी, शायद आँसू रोक रही थी।
उन्हें कुछ और पूछने की ज़रूरत नहीं थी। उन्होंने बच्ची की आंखों में देखा और बिना कुछ कहे, ताले की चाबी जेब से निकाल ली। दुकान का ताला खोला, अंदर घुसे, और समेटे हुए सामान को हटाते हुए कनियाँ और दाल बिना तोले ही थैले में डाल दी।
बच्ची ने थैला पकड़ते हुए कहा — *”धन्यवाद अंकल…”*
*”कोई बात नहीं। अब घर ध्यान से जाना।”*
इतना कह कर उन्होंने दुकान फिर से बंद कर दी।
उस रात वह जल्दी सो नहीं पाए। मन में बच्ची की उदासी, उसका मासूम चेहरा और वो शब्द *”घर में आटा भी नहीं है…”* गूंजते रहे।
उन्हें अपना बचपन याद आ गया।
वे भी कभी ऐसे ही हालात से गुजरे थे। पिता रिक्शा चलाते थे, मां दूसरों के घरों में काम करती थीं। कई बार तो रात को पानी में रोटी भिगो कर खाना पड़ता था। तब किसी ने मदद की होती तो कितना सुकून मिलता था।
*”अब मेरे पास दुकान है, कमाई है, लेकिन क्या मैंने इंसानियत भी कमा ली है?”* उन्होंने खुद से सवाल किया।
सुबह जब उन्होंने दुकान खोली, तो सबसे पहले एक बोर्ड बनाया — *”यदि आपको ज़रूरत हो और पैसे न हों, तो बेहिचक बताइए। कुछ सामान उधार नहीं, हक़ से मिलेगा।”*
पास में ही एक डब्बा रख दिया, जिस पर लिखा था —
*”अगर आप किसी के लिए मदद करना चाहें, तो इसमें पैसे डाल सकते हैं।”*
गली के लोग पहले तो हैरान हुए। लेकिन धीरे-धीरे लोग समझने लगे कि ये कोई पब्लिसिटी स्टंट नहीं, ये उस इंसान का दिल था जो अपने अतीत से सबक लेकर किसी का आज सुधारना चाहता था

एक हफ्ते बाद वही बच्ची फिर से आई, इस बार अपने छोटे भाई के साथ।
*”अंकल, पापा ने कुछ पैसे दिए हैं… पिछली बार जो आपने दिया था उसका भी जोड़ लें।”* वह मासूमियत से बोली।
*”नहीं बेटा, उस दिन जो दिया था वो इंसानियत का कर्ज़ था। उसका कोई हिसाब नहीं होता।”*
बच्ची मुस्कुरा दी। उसने दुकान में रखा वो बोर्ड पढ़ा और बोली — *”पापा ने कहा है कि जब वे मज़दूरी करके लौटेंगे, तो इस डब्बे में पैसे डालेंगे… ताकि किसी और को भी मदद मिल सके।”*
उस दिन उस दुकानदार की आंखें भर आईं। किसी ने सच ही कहा है — *”नेकी कभी बेकार नहीं जाती।”*

धीरे-धीरे इस दुकान का नाम गली में फैलने लगा — *”इंसानियत वाली दुकान।”*
गली की बुज़ुर्ग महिलाएं, अकेले रहने वाले बुज़ुर्ग, और दिहाड़ी मज़दूर अब यहां से इज़्ज़त से सामान लेते।
जो सक्षम होते, वे उस डब्बे में कुछ न कुछ डालते जाते।
कई स्कूल के बच्चे भी अपनी गुल्लक से पैसे लाकर उसमें डालते।
यह दुकान अब सिर्फ व्यापार का स्थान नहीं थी, यह एक भरोसे का मंदिर बन गई थी।
कुछ ही समय में इस दुकान की चर्चा सोशल मीडिया पर हुई। एक स्थानीय पत्रकार ने इस कहानी को अपने अख़बार में छापा —
*”जहां मुनाफा ज़रूरी नहीं, ज़रूरत की कीमत ज़्यादा है – पढ़िए इस दुकान की कहानी”*
यह लेख वायरल हो गया। कई सोशल मीडिया पेजों ने इस दुकान का वीडियो बनाया। लोग दूर-दूर से इस ‘इंसानियत वाली दुकान’ को देखने आने लगे।
पर दुकानदार ने कभी उसका फ़ायदा नहीं उठाया। उन्होंने कहा —
*”अगर एक बच्ची की भूख ने मुझे बदल दिया, तो शायद ये दुकान किसी और को भी बदल दे।”*
वो बच्ची अब रोज़ स्कूल जाती है। दुकानदार ने उसके स्कूल की फ़ीस भी गुप्त रूप से भर दी।
उसके पिता ने दुकानदार से कहा —
*”आपने उस दिन सिर्फ चावल और दाल नहीं दी थी, आपने मेरी बेटी को भरोसा दिया था कि दुनिया में अच्छे लोग अब भी ज़िंदा हैं।”*
आज भी उस दुकान के बाहर वो बोर्ड लगा है —
*”यदि आपको ज़रूरत हो और पैसे न हों, तो बेहिचक बताइए।”*
और उस डब्बे में हर दिन कोई न कोई चुपचाप कुछ न कुछ डाल कर चला जाता है।
यह कहानी उस छोटी सी बच्ची की है, लेकिन यह बदलाव की बड़ी लहर बन चुकी है।
एक व्यक्ति, एक दुकान, और एक मासूम सी आवाज़ ने यह सिद्ध कर दिया कि —
“बदलाव की शुरुआत बाहर से नहीं, दिल के भीतर से होती है।”

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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