उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग नारी गहने क्यों पहनती हैं..?*

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*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-13/06/2025,शुक्रवार*
*द्वितीया, कृष्ण पक्ष,*
*आषाढ*
(समाप्ति काल)

तिथि———– द्वितीया 15:18:14 तक
पक्ष————————– कृष्ण
नक्षत्र——— पूर्वाषाढा 23:19:47
योग————– शुक्ल 13:46:46
करण————— गर 15:18:14
करण———‐- वणिज 27:35:06
वार———————— शुक्रवार
माह————————-आषाढ
चन्द्र राशि——————– धनु
सूर्य राशि—————— वृषभ
रितु—————————ग्रीष्म
आयन——————– उत्तरायण
संवत्सर——————- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) ————-सिद्धार्थी
विक्रम संवत————–‐- 2082
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत-‐—————- 1947
कलि संवत—————– 5126
सूर्योदय———‐—— 05:24:39
सूर्यास्त—————– 19:14:07
दिन काल————– 13:49:28
रात्री काल————–10:10:36
चंद्रास्त—————– 06:44:09
चंद्रोदय—————– 21:19:04
लग्न—-वृषभ 28°2′ , 58°2′
सूर्य नक्षत्र—————– मृगशिरा
चन्द्र—————- नक्षत्र पूर्वाषाढा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

धा—- पूर्वाषाढा 10:40:44

फा—- पूर्वाषाढा 17:00:58

ढा—- पूर्वाषाढा 23:19:47

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= वृषभ 28°49, मृगशिरा 2 वो
चन्द्र= धनु 17°30 , पूoषाo 2 धा
बुध = मिथुन 13°52 ‘ आर्द्रा 3 ङ
शु क्र= मेष 12°05, अश्विनी 4 ला
मंगल= सिंह 03°30 ‘ मघा 2 मी
गुरु=मिथुन 06°30 मृगशिरा, 4 की
शनि=मीन 07°48 ‘ उ o भा o , 2 थ
राहू=(व) कुम्भ 28°45 पू o भा o, 3 दा
केतु= (व) सिंह 28°45 उ oफा o 1 टे
============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 10:36 – 12:19 अशुभ
यम घंटा 15:47 – 17:30 अशुभ
गुली काल 07:08 – 08:52 अशुभ
अभिजित 11:52 – 12:47 शुभ
दूर मुहूर्त 08:11 – 09:06 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:47 – 13:42 अशुभ
वर्ज्यम 08:08 – 09:50 अशुभ
प्रदोष 19:14 – 21:17 शुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 05:25 – 07:08 शुभ
लाभ 07:08 – 08:52 शुभ
अमृत 08:52 – 10:36 शुभ
काल 10:36 – 12:19 अशुभ
शुभ 12:19 – 14:03 शुभ
रोग 14:03 – 15:47 अशुभ
उद्वेग 15:47 – 17:30 अशुभ
चर 17:30 – 19:14 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 19:14 – 20:30 अशुभ
काल 20:30 – 21:47 अशुभ
लाभ 21:47 – 23:03 शुभ
उद्वेग 23:03 – 24:19* अशुभ
शुभ 24:19* – 25:36* शुभ
अमृत 25:36* – 26:52* शुभ
चर 26:52* – 28:08* शुभ
रोग 28:08* – 29:25* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 05:25 – 06:34
बुध 06:34 – 07:43
चन्द्र 07:43 – 08:52
शनि 08:52 – 10:01
बृहस्पति 10:01 – 11:10
मंगल 11:10 – 12:19
सूर्य 12:19 – 13:29
शुक्र 13:29 – 14:38
बुध 14:38 – 15:47
चन्द्र 15:47 – 16:56
शनि 16:56 – 18:05
बृहस्पति 18:05 – 19:14

🚩होरा, रात
मंगल 19:14 – 20:05
सूर्य 20:05 – 20:56
शुक्र 20:56 – 21:47
बुध 21:47 – 22:38
चन्द्र 22:38 – 23:29
शनि 23:29 – 24:19
बृहस्पति 24:19* – 25:10
मंगल 25:10* – 26:01
सूर्य 26:01* – 26:52
शुक्र 26:52* – 27:43
बुध 27:43* – 28:34
चन्द्र 28:34* – 29:25

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

वृषभ > 03:52 से 05:04 तक
मिथुन > 05:04 से 07:56 तक
कर्क > 07:56 से 10:08 तक
सिंह > 10:08 से 12:24 तक
कन्या > 12:24 से 14:40 तक
तुला > 14:40 से 16:52 तक
वृश्चिक > 16:52 से 19:16 तक
धनु > 19:16 से 21:26 तक
मकर > 21:26 से 23:10 तक
कुम्भ > 23:10 से 00:28 तक
मीन > 00:28 से 01:50 तक
मेष > 01:50 से 03:42 तक
=======================

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————- पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

15 + 2 + 6 + 1 = 24 ÷ 4 = 0 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चंद्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

17 + 17 + 5 = 39 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = सन्ताप कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

रात्रि 27:32 से प्रारम्भ

पाताल लोक = धनलाभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

वरयेत्कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम् ।
रूपशीलां न नीचस्य विवाहः सद्रॄशे कुले ।।
।।चाo नीo।।

एक बुद्धिमान व्यक्ति को किसी इज्जतदार घर की अविवाहित कन्या से किस वयंग होने के बावजूद भी विवाह करना चाहिए। उसे किसी हीन घर की अत्यंत सुन्दर स्त्री से भी विवाह नहीं करनी चाहिए। शादी-विवाह हमेशा बराबरी के घरो मे ही उिचत होता है।

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

यया धर्ममधर्मं च कार्यं चाकार्यमेव च।
अयथावत्प्रजानाति बुद्धिः सा पार्थ राजसी॥

हे पार्थ! मनुष्य जिस बुद्धि के द्वारा धर्म और अधर्म को तथा कर्तव्य और अकर्तव्य को भी यथार्थ नहीं जानता, वह बुद्धि राजसी है
॥31॥

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
पुराने संगी-साथी व रिश्तेदारों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। अच्‍छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। कार्यों में गति आएगी। विवेक का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। मित्रों के सहयोग से किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।

🐂वृष
मेहनत सफल रहेगी। बिगड़े काम बनेंगे। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने के अवसर मिलेंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धनार्जन होगा।

👫मिथुन
लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी के उकसाने में न आएं। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🦀कर्क
मेहनत का फल पूरा नहीं मिलेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पारिवारिक मांगलिक कार्य हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे।

🐅सिंह
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के लिए सुनहरा मौका साबित हो सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार में वृद्धि के योग हैं। स्वास्थ्‍य कमजोर रहेगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे।

🙍‍♀️कन्या
शत्रुओं का पराभव होगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कोई बड़ा कार्य करने की योजना बन सकती है। कार्यसिद्धि होगी। सुख के साधनों पर व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।

⚖️तुला
वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग से हानि की आशंका है, सावधानी रखें। दूसरों के झगड़ों में हस्तक्षेप न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्षोभ होगा। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

🦂वृश्चिक
तीर्थदर्शन हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण व लाभदायक रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। शेयर मार्केट में जोखिम न लें। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। ध्यान रखें।

🏹धनु
आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य कर पाएंगे। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम न लें। भाइयों का सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।

🐊मकर
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लंबी यात्रा हो सकती है। लाभ होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रशंसा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रमाद न करें।

🍯कुंभ
व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। किसी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। विवाद से बचें। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार ठीक चलेगा। आय होगी। विवेक का प्रयोग करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।

🐟मीन
रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य हो जाने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद से बचें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*🛕जय श्री राम🙏*

*_🌹रामायण के अनुसार,नारी गहने क्यों पहनती हैं..? 🌹_*

*_जनकसुता जग जननि जानकी।_*
*_अतिसय प्रिय करुनानिधान की॥_*
*_ताके जुग पद कमल मनावउँ।_*
*_जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ॥_*

*_भावार्थ:- राजा जनक की पुत्री,जगत की माता और करुणा निधान श्री रामचन्द्रजी की प्रियतमा श्री जानकी जी के दोनों चरण कमलों को मैं मनाता हूँ,जिनकी कृपा से निर्मल बुद्धि पाऊँ॥_*
*_भगवान राम ने धनुष तोड़ दिया था, सीताजी को सात फेरे लेने के लिए सजाया जा रहा था- तो वह अपनी मां से प्रश्न पूछ बैठी…!_*
*_‘‘माताश्री! इतना श्रृंगार क्यों….?’’_*
*_‘‘बेटी विवाह के समय वधू का 16 श्रृंगार करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि श्रृंगार- वर या वधू के लिए नहीं किया जाता! बल्कि यह तो आर्यवर्त की संस्कृति का अभिन्न अंग है…?’’ उनकी माताश्री ने उत्तर दिया था!_*
*_‘‘अर्थात.. ?’’ सीताजी ने पुनः पूछा:_*
*_‘‘इस मिस्सी का आर्यवर्त से क्या संबंध..?’’_*

*_‘‘बेटी! मिस्सी धारण करने का अर्थ है: कि आज से तुम्हें बहाना बनाना छोड़ना होगा।’’_*

*_‘‘और मेहंदी का अर्थ…?’’_*
*_मेहंदी लगाने का अर्थ है: कि जग में अपनी लाली तुम्हें बनाए रखनी होगी।’’_*

*_‘‘और काजल से यह आंखें काली क्यों कर दी?’’_*
*_‘‘बेटी! काजल लगाने का अर्थ है- कि शील का जल आंखों में सदैव धारण करना होगा अब से तुम्हें!’’_*

*_‘‘बिंदिया लगाने का अर्थ माताश्री..?’’_*

*_‘‘बिंदी का अर्थ है: कि आज से तुम्हें शरारत को तिलांजलि देनी होगी- और सूर्य की तरह प्रकाशमान रहना होगा।’’_*
*_‘‘यह नथ क्यों..?’’_*
*_‘‘नथ का अर्थ है: कि मन की नथ यानी किसी की बुराई आज के बाद नहीं करोगी,मन पर लगाम लगाना होगा।’’_*

*_‘‘और यह टीका.?’’_*
*_‘‘पुत्री टीका यश का प्रतीक है!_*
*_तुम्हें ऐसा कोई कर्म नहीं करना है- जिससे पिता या पति का घर कलंकित हो,क्योंकि अब तुम दो घरों की प्रतिष्ठा हो।’’_*

*_‘‘और यह बंदनी क्यों…?’’_*
*_‘‘बेटी बंदनी का अर्थ है: कि पति,सास ससुर आदि की सेवा करनी होगी।’’_*
*_‘‘पत्ती का अर्थ..?’’_*
*_‘‘पत्ती का अर्थ है: कि अपनी पत यानी लाज को बनाए रखना है,लाज ही स्त्री का वास्तविक गहना होता है।’’_*

*_‘‘कर्णफूल क्यों..?’’_*
*_‘‘हे सीते! कर्णफूल का अर्थ है: कि दूसरो की प्रशंसा सुनकर सदैव प्रसन्न रहना होगा!’’_*

*_‘‘और इस हंसली से क्या तात्पर्य है…?’’_*
*_‘‘हंसली का अर्थ है: कि सदैव हंसमुख रहना होगा- सुख ही नहीं दुख में भी धैर्य से काम लेना।’’_*
*_‘‘मोहनलता क्यों?’’_*
*_‘‘मोहनमाला का अर्थ है- कि सबका मन मोह लेने वाले कर्म करती रहना।’’_*

*_‘‘नौलखा हार और बाकी गहनों का अर्थ भी बता दो माता श्री!…?’’_*

*_‘‘पुत्री नौलखा हार का अर्थ है कि पति से सदा हार- स्वीकारना सीखना होगा,_*

*_कड़े का अर्थ है:_* *_कि कठोर बोलने का त्याग करना होगा।_*

*_बांक का अर्थ है:_*
*_कि सदैव सीधा- सादा जीवन व्यतीत करना होगा,_*

*_छल्ले का अर्थ है:_* *_कि अब किसी से छल नहीं करना,_*

*_पायल का अर्थ है:_* *_कि बूढी बडियों के पैर दबाना,उन्हें सम्मान देना क्योंकि उनके चरणों में ही सच्चा स्वर्ग है और_*

*_अंगूठी का अर्थ है:_*
*_कि सदैव छोटों को आशीर्वाद देते रहना।’’_*

*_‘‘माताश्री फिर मेरे अपने लिए क्या श्रृंगार है?’’_*
*_‘‘बेटी आज के बाद तुम्हारा तो कोई अस्तित्व इस दुनिया में है ही नहीं!_*
*_तुम तो अब से पति की परछाई हो,सदैव उनके सुख-दुख में साथ रहना,वही तेरा श्रृंगार है और उनके आधे शरीर को तुम्हारी परछाई ही पूरा करेगी।’’_*

*_‘‘हे राम!’’ कहते हुए सीताजी मुस्करा दी।_* *_कदाचित इसलिए कि विवाह के बाद पति का नाम भी मुख से नहीं ले सकेंगी,_*
*_क्योंकि अर्धांगिनी होने से_*
*_कोई स्वयं अपना नाम लेगा- तो लोग क्या कहेंगे..!!_*

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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