उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -पिता की वेदना*

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*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-10/06/2025,मंगलवार*
*चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष,*
*ज्येष्ठ*
(समाप्ति काल)

तिथि———– चतुर्दशी 11:34:57 तक
पक्ष————————– शुक्ल
नक्षत्र——— अनुराधा 18:00:43
योग————– सिद्ध 13:43:26
करण———– वणिज 11:34:57
करण——– विष्टि भद्र 24:26:39
वार———————– मंगलवार
माह————————— ज्येष्ठ
चन्द्र राशि—————– वृश्चिक
सूर्य राशि——————- वृषभ
रितु————————– ग्रीष्म
आयन——————– उत्तरायण
संवत्सर——————–विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) ————–सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत——————-1947
कलि संवत—————— 5126
सूर्योदय—————-05:24:32
सूर्यास्त—————– 19:13:01
दिन काल————– 13:48:29
रात्री काल————– 10:11:31
चंद्रास्त—————– 05:43:44
चंद्रोदय—————– 18:39:50
लग्न—- वृषभ 25°10′ , 55°10′
सूर्य नक्षत्र——————मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र—————– अनुराधा
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

नू—- अनुराधा 11:25:02

ने—- अनुराधा 18:00:43

नो—- ज्येष्ठा 24:35:03

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= वृषभ 25°49, मृगशिरा 1 वे
चन्द्र= वृश्चिक 10°30 , अनुराधा 3 नु
बुध = मिथुन 07°52 ‘ आर्द्रा 1 कु
शु क्र= मेष 09°05, अश्विनी 3 चो
मंगल= सिंह 01°30 ‘ मघा 1 मा
गुरु=मिथुन 05°30 मृगशिरा, 4 की
शनि=मीन 06°48 ‘ उ o भा o , 2 थ
राहू=(व) कुम्भ 28°50 पू o भा o, 3 दा
केतु= (व) सिंह 28°50 उ oफा o 1 टे
============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 15:46 – 17:29 अशुभ
यम घंटा 08:52 – 10:35 अशुभ
गुली काल 12:19 – 14:02 अशुभ
अभिजित 11:51 – 12:46 शुभ
दूर मुहूर्त 08:10 – 09:05 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:18 – 24:13* अशुभ
वर्ज्यम 24:09* – 25:54* अशुभ
प्रदोष 19:13 – 21:16 शुभ

🚩गंड मूल 18:01 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
रोग 05:25 – 07:08 अशुभ
उद्वेग 07:08 – 08:52 अशुभ
चर 08:52 – 10:35 शुभ
लाभ 10:35 – 12:19 शुभ
अमृत 12:19 – 14:02 शुभ
काल 14:02 – 15:46 अशुभ
शुभ 15:46 – 17:29 शुभ
रोग 17:29 – 19:13 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
काल 19:13 – 20:29 अशुभ
लाभ 20:29 – 21:46 शुभ
उद्वेग 21:46 – 23:02 अशुभ
शुभ 23:02 – 24:19* शुभ
अमृत 24:19* – 25:35* शुभ
चर 25:35* – 26:52* शुभ
रोग 26:52* – 28:08* अशुभ
काल 28:08* – 29:25* अशुभ

💮होरा, दिन
मंगल 05:25 – 06:34
सूर्य 06:34 – 07:43
शुक्र 07:43 – 08:52
बुध 08:52 – 10:01
चन्द्र 10:01 – 11:10
शनि 11:10 – 12:19
बृहस्पति 12:19 – 13:28
मंगल 13:28 – 14:37
सूर्य 14:37 – 15:46
शुक्र 15:46 – 16:55
बुध 16:55 – 18:04
चन्द्र 18:04 – 19:13

🚩होरा, रात
शनि 19:13 – 20:04
बृहस्पति 20:04 – 20:55
मंगल 20:55 – 21:46
सूर्य 21:46 – 22:37
शुक्र 22:37 – 23:28
बुध 23:28 – 24:19
चन्द्र 24:19* – 25:10
शनि 25:10* – 26:01
बृहस्पति 26:01* – 26:52
मंगल 26:52* – 27:43
सूर्य 27:43* – 28:34
शुक्र 28:34* – 29:25

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

वृषभ > 03:56 से 05:16 तक
मिथुन > 05:16 से 08:08 तक
कर्क > 08:08 से 10:20 तक
सिंह > 10:20 से 12:36 तक
कन्या > 12:36 से 14:52 तक
तुला > 14:52 से 17:04 तक
वृश्चिक > 17:04 से 19:28 तक
धनु > 19:28 से 21:38 तक
मकर > 21:39 से 23:22 तक
कुम्भ > 23:22 से 00:40 तक
मीन > 00:40 से 02:02 तक
मेष > 02:02 से 03:54 तक
=======================

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————- उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

14 + 3 + 1 = 18 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चंद्र ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

14 + 14 + 5 = 33 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञान वेलायां = कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

11:35 से रात्रि 24:24 तक

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*सत्यव्रत पूर्णिमा*

*चन्द्र पूर्णिमा*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

जानीयात् प्रेषणे भृत्यान् बान्धवान् व्यसनागमे ।
मित्रं चापत्तिकाले तु भार्यां च विभवक्षये ।।
।। चाo नीo।।

नौकर की परीक्षा तब करें जब वह कर्त्तव्य का पालन न कर रहा हो,
रिश्तेदार की परीक्षा तब करें जब आप मुसीबत मे घिरें हों,
मित्र की परीक्षा विपरीत परिस्थितियों मे करें,
और जब आपका वक्त अच्छा न चल रहा हो तब पत्नी की परीक्षा करे।

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

आयुक्तः प्राकृतः स्तब्धः शठोनैष्कृतिकोऽलसः।
विषादी दीर्घसूत्री च कर्ता तामस उच्यते॥

जो कर्ता अयुक्त, शिक्षा से रहित घमंडी, धूर्त और दूसरों की जीविका का नाश करने वाला तथा शोक करने वाला, आलसी और दीर्घसूत्री (दीर्घसूत्री उसको कहा जाता है कि जो थोड़े काल में होने लायक साधारण कार्य को भी फिर कर लेंगे, ऐसी आशा से बहुत काल तक नहीं पूरा करता। ) है वह तामस कहा जाता है
॥28॥

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से खिन्नता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। भागदौड़ रहेगी। जोखिम न लें।

🐂वृष
आंखों को रोग व चोट से बचाएं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। मनोरंजक यात्रा की आयोजना हो सकती है। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। मित्र व संबंधियों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। जोखिम न लें।

👫मिथुन
कोई ऐसा कार्य न करें जिससे अपमान हो। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। सुख के साधनों पर व्यय होगा। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। प्रॉपर्टी के काम बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में सुख-शांति रहेंगे। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें।

🦀कर्क
कानूनी बाधा संभव है। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। धनहानि किसी भी तरह हो सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ में वृद्धि होगी।

🐅सिंह
प्रेम-प्रसंग में हड़बड़ी न करें। विवाद हो सकता है। नकारात्मकता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। युवक व युवती विशेष सावधानी बरतें। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। आय में निश्चितता रहेगी।

🙍‍♀️कन्या
थकान व कमजोरी रह सकती है। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति हो सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी।

⚖️तुला
संतान पक्ष से स्वास्थ्‍य तथा अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यशैली में परिवर्तन करना पड़ सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे।

🦂वृश्चिक
शत्रु शांत रहेंगे। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग मिलेगा। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा।

🏹धनु
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जीवनसाथी के स्वास्‍थ्य पर खर्च होगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। चिंता तथा तनाव में वृद्धि होगी। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। समय नेष्ट है। नकारात्मकता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

🐊मकर
जल्दबाजी में कोई भी लेन-देन न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। फालतू खर्च होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा।

🍯कुंभ
दुष्टजनों से सावधान रहें, हानि पहुंचा सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कहीं से बुरी खबर मिल सकती है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। आज के काम कल पर नहीं टालें। विवेक का प्रयोग करें। लाभ होगा।

🐟मीन
कम प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझकर निवेश करें। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। कुसगंति से हानि होगी।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*पिता की वेदना..*😒

*मेरे पिता अब बूढ़े हो चुके थे और चलते समय दीवार का सहारा लिया करते थे,धीरे-धीरे दीवारों पर उनकी उंगलियों के निशान उभरने लगे—चुपचाप उनकी निर्भरता और कमज़ोरी की कहानी कहने वाले निशान,।*
*मेरी पत्नी को यह बिल्कुल पसंद नहीं था। वह अक्सर शिकायत करतीं कि दीवारें गंदी हो रही हैं। एक दिन पिताजी को सिरदर्द था, उन्होंने सिर पर तेल लगाया और चलते हुए दीवार को सहारा दिया, जिससे तेल के दाग भी दीवारों पर लग गए,इस पर पत्नी ने मुझ पर नाराज़गी जताई। मैंने ग़ुस्से में पिताजी को डांट दिया, कठोर शब्दों में कहा कि वो दीवार को न छुएं। पिताजी चुप हो गए। उनकी आँखों में दर्द था। मैं भी शर्मिंदा था, पर कुछ कह नहीं पाया.।*
*उस दिन के बाद पिताजी ने दीवार का सहारा लेना छोड़ दिया। एक दिन, संतुलन बिगड़ने से वो गिर पड़े। कूल्हे की हड्डी टूट गई। सर्जरी हुई, लेकिन शरीर ने साथ नहीं दिया… और कुछ ही दिनों में वो हमें छोड़कर चले गए,मेरे दिल में गहरा पछतावा था। मैं उनकी वो नज़रें कभी नहीं भूल पाया,न ही खुद को माफ़ कर पाया,।*
*कुछ समय बाद हमने घर पेंट करवाने का सोचा। पेंटर आए तो मेरा बेटा, जो अपने दादाजी से बहुत प्यार करता था, दीवार के उन हिस्सों को पेंट नहीं करने देना चाहता था, जहाँ दादाजी के निशान थे,।*
*पेंटर बहुत समझदार और रचनात्मक थे। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे उन निशानों को नहीं मिटाएंगे,* *बल्कि उनके चारों ओर सुंदर गोल डिज़ाइन बना देंगे ताकि वे दीवार की सजावट का हिस्सा बन जाएँ,और ऐसा ही हुआ। धीरे-धीरे वे निशान हमारे घर की पहचान बन गए। जो भी घर आया, दीवार के उस हिस्से की तारीफ़ किए बिना नहीं रह पाया,बिना ये जाने कि उसके पीछे एक कहानी है.।*
*समय बीतता गया। मैं भी अब बूढ़ा हो चला था। एक दिन चलते समय मुझे भी दीवार का सहारा लेना पड़ा। तभी मुझे याद आया कि मैंने पिताजी से क्या कहा था, और मैंने खुद को बिना सहारे चलाने की कोशिश की,*
*मेरा बेटा ये देख रहा था। वो तुरंत मेरे पास आया और बोला, “पापा, दीवार का सहारा लीजिए, आप गिर सकते हैं।” और फिर मेरी पोती दौड़कर आई और बोली, “दादू, आप मेरे कंधे का सहारा लीजिए।”*
*मेरी आँखों से आँसू बहने लगे,।*
*काश, मैंने भी अपने पिताजी के लिए यही किया होता… शायद वो कुछ और समय हमारे साथ रहते,।*
*उन्होंने मुझे सोफ़े पर बिठाया। फिर मेरी पोती अपनी ड्रॉइंग बुक ले आई। उसने मुझे दिखाया—उसकी टीचर ने उसकी पेंटिंग की बहुत तारीफ़ की थी..!*
*उस तस्वीर में वही दीवार थी,जिस पर दादाजी के उंगलियों के निशान थे,।*
*नीचे टिप्पणी थी:-“हम चाहते हैं कि हर बच्चा अपने बड़ों से ऐसे ही प्यार करे।”*
*मैं अपने कमरे में गया, पिताजी से माफ़ी माँगी… और बहुत रोया..*
*एक दिन हम सब भी बूढ़े होंगे, अगर अभी आपके घर में बुज़ुर्ग हैं, तो उनका ध्यान रखिए, उन्हें प्यार दीजिए, आदर दीजिए और अपने बच्चों को यही सबक अपने व्यवहार से सिखाइए..!*
*यह कहानी मेरे दिल को गहराई से छू गई.।*
*मैं इसे उन सभी मित्रों से साझा करना चाहता हूँ, जो अब उम्र के उस दौर में हैं, जब पिछली पीढ़ी पीछे छूट रही है..!*
*हम सबने शायद कभी न कभी कोई गलती की है,*
*अब वक़्त है—सुधरने का..!!*

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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