*कैमरे को ध्वस्त कर अंदर कमरों के ताले तोड़े गए और सामान को किया तितर बितर-विनोद पाल*
देव भूमि जे के न्यूज –
आज दिनांक 8 जून 2025 को श्री रामलीला कमेटी सुभाष बनखंडी के अध्यक्ष विनोद पाल द्वारा एक महत्वपूर्ण विज्ञप्ति प्रेस के नाम जारी की गई। बताया कि हमारे द्वारा 2009 से आज की वर्तमान स्थिति तक श्री रामलीला कमेटी सुभास बनखंडी का संचालन और रखरखाव किया जा रहा है। कुछ लोगों के द्वारा जानबूझकर पिछले कुछ माह से श्री रामलीला कमेटी में विवाद किया जा रहा है।
ताजा प्रकरण 29 मई को हुआ जब स्वयंभू पदाधिकारियों ने श्री रामलीला कमेटी के कैमरे ध्वस्त कर ताले तोड़ डाले। यही नहीं अंदर के कैमरे को भी ध्वस्त कर अंदर कमरों के ताले तोड़े गए और सामान को तितर बितर किया गया। आज मौके पर हमारा कई सामान गायब है। हमारे पास सबूत हैं जिस समय वहां ताला तोड़ा गया कौन कौन लोग उपस्थित थे उसके बावजूद भी शुरुआती दौर में पुलिस ने हमारे प्रार्थना पत्र का कोई संज्ञान नही लिया जब हमने हमने जाँच पड़ताल करी तो इस पूरे कांड में कुछ लोगों की भूमिका बहुत संदिग्ध नजर आयी क्योंकि हमारे द्वारा पूर्व में पुलिस को यह सूचना दी गई थी कि ऐसा सुनने में आ रहा है कि यूसीसी कैंप के बहाने श्री रामलीला कमेटी का ताला तोड़ने की आशंका है। लेकिन पुलिस ने हमारे प्रार्थना पत्र का कोई संज्ञान नही लिया उल्टा एसएसआई विनोद कुमार ने मौके पर ही नही कोतवाली में भी हमारे पक्ष को नजर अंदाज करवाया बल्कि हमारी शिकायत दर्ज भी नहीं होने दे रहे थे। जब हमने पुलिस के उच्चाधिकारियों को घटनाक्रम बताया और सबूत दिखाए तो हमारी कम धाराओं में शिकायत दर्ज कर ली गई जिसकी अभी विवेचना चल रही है एक तरफ तो पुलिस द्वारा हमें कहा जा रहा है किसी प्रकार का झगड़ा या धरना प्रदर्शन नही होना चाहिए दूसरी तरफ इन लोगों के द्वारा लगातार माहौल खराब करने की कोशिशें की जा रही है। हमारा सीधा आरोप है कि एसएसआई विनोद कुमार की शह पर ताले तोड़े गये क्योकि अभिनव पाल, जितेन्द्र पाल पाटी और कुछ लड़के खुलेआम कह रहे है कि एसएसआई होते तो हम पर मुकदमें कौन करता हम भी देखते है?
यह कभी प्रेस को बताते हैं कि हमने ताले नहीं तोड़े है हमने ताले खोले हैं (वीडियों में बोलते हुए सुना गया है) तो हमारा सवाल है कि जब कुछ माह से आप हमसे लगातार विवाद कर रहे हैं और रामलीला मंचन के दौरान आपने पुलिस को लिखित में दिया है कि हमें भी रामलीला देखने दी जाये मनगढ़त आरोप लगाये कि हम इन लोगों को प्रवेश नहीं करने दे रहे है तो हमारे तालों की चाबी इन लोगों को किसने दी क्या डूबलीकेट चाबी बनाकर ताले खोले गये? पिछले प्रन्दह सालों से संचालन, रखरखाव सब हमारे पास है तो आप कौन है? वर्तमान कमेटी के अध्यक्ष विनोद पाल ने जिस केयर टेकर (विजय पाल) को रामलीला प्रागंण में रखा है उनको लगातार धमकियां दी जा रही है सामान फेकने की, बिजली पानी काटने की, बाहर देख लेने की, पुलिस इस पर कार्रवाई क्यों नही कर रही है? लागातार हम देख रहे हैं कि हमारी सराफत का कुछ लोग फायदा उठा रहे हैं।
हमारा आप सभी से निवेदन है पिछले चौदह-पंद्रह सालों में आप सभी पत्रकार बंधु जानते हैं कि श्री रामलीला का संचालन हमार द्वारा किया जाता है हम श्री रामलीला मंचन के दो कार्यक्रम भव्य तरीके से करते आ रहे है। पहला शुभारंभ और दूसरा श्री राम जी का राज्याभिषेक। जिसमें शहर ही नहीं राज्य के प्रतिष्ठित गणमान्य लोग जैसे सांसद विधायक, मंत्री शामिल होते आए हैं इसका मकसद सिर्फ रामलीला प्रागंण को बेहतर बनाना रहा है कि लोकसेवकों की निधि से हमारे श्री रामलीला कमेटी के कार्य हो जाये। हमारे यहाँ हमारे कार्यकाल के दौरान श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक , हरीश रावत , किशोर उपाध्याय , गोविन्द सिंह कुंजवाल , महेन्द्र प्रसाद भटट जैसे कई गणमान्य व्यक्ति यहाँ पहुँचे हैं। आप सभी सम्मानित बंधुओं ने अपने समाचार पत्र, न्युज चैनल, बेब पोर्टल में हमारी खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया है। हमारे आग्रह पर कई लोकसेवकों ने जैसे विधायक सांसद जिला योजना समिति ने यहां कई विकास कार्य किए हैं। 29 मई को इन असमाजिक तत्वों ने इन लोकसेवकों के बोर्ड भी रंग दिये। गौर करने वाली बात है कि जिस दिन इन लोगों पर एफआरआई दर्ज हुई इस दिन रामलीला प्रागंण में शादी होने का फायदा उठाकर इन लोगों ने उन बोर्ड को दुबारा से फिर वैसा ही रुप देने का प्रयास किया गया जिससे कि इनकी गलत हरकत लोगों के सामने ना आ सके।
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल….
यह झूठा दावा और कर रहे हैं कि हमारे पास यहां का रजिस्ट्रेशन है हमारा पहला सवाल है वर्षों से डेड पड़ी संस्था इसका नवीनीकरण आपने अपने कार्यकाल में नहीं कराया दूसरे जब काबिज है और संचालन कर रहे है तो कैसे करा दिया कौन-कौन से झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किये? क्या आपको पता है गलत दस्तावेज प्रस्तुत करना कानूनन अपराध है?
और नवीनीकरण करा भी लिया था जो कि जांच के घेरे में है तो क्या रजिस्ट्रार ने यह कह दिया होगा कि आपको ताले तोड़ने का, सीसीटीवी कैमरे तोड़ने का, अंदर कमरों के ताले तोड़ने का, सामान गायब करने का, लोक सेवकों के बोर्ड पोतने का अधिकार मिल गया? क्या आप सही थे तो सक्षम न्यायालय के माध्यम से नही आ सकते थे?
दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात…..
एक बात और गलत कही जा रही है कि बुजुर्गों को परेशान किया जा रहा है उन पर झूठे मुकदमे डाले गए हैं। हमने कभी नहीं कहा कि बुजुर्गों ने ताले अपने हाथ से तोड़े लेकिन जिस समय ताले तोड़े गए यह बुजुर्ग वहाँ उपस्थित थे। क्या बुजुर्गों का नैतिक दायित्व नही था इनको रोका जाए गलत काम करने से? आपकी मौन सहमति थी तो आप दोषी कैसे नहीं है? पुलिस मुदमे की जांच कर रही है तो आप सच्चाई बता क्यों नहीं देते किसके हाथ में हथौड़ी थी कौन सरिया मार रहा था जब ताला नहीं टूटा तो टैंट गाड़ने वाला सब्बल लेकर आये और उससे ताला तोड़ गया? आप सच बताकर साइड हो जाइये। आप हमारे भी बुजुर्ग है हम क्यों चाहेंगे आपको फसाना? लेकिन सच आपने बोलना है और हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि श्री रामलीला प्रागंण के ताले तोड़े जाये और लोग मौन रहे?
हमारा उद्देश्य एक मात्र श्री रामलीला कमेटी का बेहतर संचालन और यहाँ की व्यवस्थाओं का बेहतर प्रदर्शन रहा है जो पूर्व में यहाँ का अध्यक्ष होने का दावा कर रहे हैं पूरी बनखण्डी जानती है कि हर साल घाटा दिखाकर श्री रामलीला के इस पूरे प्रांगण को किस प्रकार से आप अपने कब्ज़े में रखते थे इसे टैंट हाउस बना रखा था यदा कदा अगर कोई परिवार यहाँ शादी कराने आए तो आपकी शर्त होती थी कि खाना और टैंट आपका ही होगा। एक मुश्त धनराशि आपको दे दी जाए चाहे श्री रामलीला कमेटी के खाते में 1 रुपया भी ना आए इससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ता था ऐसे ही आपके साथ कई लोग हैं जो इस रामलीला कमेटी में एक दो कमरे में कब्ज़ा जमाए बैठे थे 2009 से अस्तित्व में आने के बाद आपकी व्यक्तिगत दुकानें बंद कर दी गई है आपको इसका मलाल है?
पत्रकार बंधुओं आपको बताना चाहते है कि जिस बाली पाल को यह कौन है कह रहे है वह वर्तमान कमेटी के उपाध्यक्ष है और अध्यक्ष के मुंबई में होने के कारण कार्यवाहक अध्यक्ष होने के चलते शिकायत दर्ज कराई है। बाली पाल के परिवार को और जो लोग इस केस में गवाही दे रहे हैं उन्हें अप्रत्यक्ष प्रत्यक्ष रुप से जितेन्द्र पाल पाटी, अभिनव पाल, सुशील पाल इनके साथी धमकी दे रहे है। कि बनखण्डी में रहना मुश्किल कर देंगे। इतना ही नही महामंत्री हरीश तिवाड़ी के खिलाफ कुछ असमाजिक तत्व सोशल और वाट्सएप ग्रुप में जमीन में गाड़ देंगे जैसी वाहियात और धमकी भरे शब्दों का प्रयोग कर रहे बिना किसी कानून के भय के?
इन असामाजिक तत्वों द्वारा धमकियां दी जा रही है उनके बच्चों को धमकियां दी जा रही है इस पर पुलिस क्या कार्रवाई करेगी क्या न्याय माँगना है आज के समय में इतना कठिन हो गया है।
क्या दूसरों के ताले तोड़ना इतना आसान हो रखा है कि संख्या बल दिखाकर कि आप कैसे भी, किसी भी घटनाक्रम को अंजाम दे दें आपको सजा नहीं मिलेगी?
आपको जानकारी देनी है कि कमेटी के अध्यक्ष ने पार्षद पति से फोन पर यह अंदेशा 22 मई को जता जता दिया था कि आपके द्वारा जो 28 मई को कैंप की बात की जा रही है इसकी आड़ में कुछ भी गलत काम होगा तो आपकी जिम्मेदारी रहेगी? आप लिखित में मांगिए कि आपको कैंप के लिए जगह चाहिए। पहले भी कैंप आदि सामाजिक कार्य होते आये है लेकिन आप गलत लोगों का साथ दे रहे है आप किसी भी घटनाक्रम के लिए जिम्मेवार होंगे। हमारे बनखण्डी के यूसीसी कैंप की जबरन तिथि बदली गई बृहस्पतिवार 29 मई का दिन इस कार्य को चुना गया और यूसीसी कैंप के बहाने ताले तोड़े गये गजब बात रही कि पंजीकरण कराने 55 से 80 साल के व्यक्ति आये? यह पूरा सुनियोजित षडयंत्र था। 29 मई को को अध्यक्ष विनोद पाल ने अहमदाबाद से सुबह 9 बजकर 58 मिनट पर पार्षद पति को फोन कर दोबारा समझाया गया कि गलत काम न होने दे।
हमारा सभी पत्रकार बंधुओं से विनम्न निवेदन पुलिस के द्वारा बार बार हमें कहा जा रहा है कि आप लोग शांति व्यवस्था बनाये रखे अभी विवेचना / जांच चल रही है आप किसी भी प्रकार का झगड़ा अथवा धरना प्रदर्शन न करें पुलिस को जाँच में सहयोग करे हम तो कानून पर विश्वास रखते हुए शांतिपूर्वक दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे है।
हमारा आप सभी से आग्रह है इतने वर्षों से आप सभी ने श्री रामलीला कमेटी सुभाष बनाखण्डी के संचालन में हमारा भरपूर साथ दिया है इसके प्रचार-प्रसार में आप सभी की भूमिका सराहनीय और महत्वूपर्ण रही है आज हम आपका इस गंभीर मामले में भी सहयोग चाहते हैं आपसे आग्रह है कि आप सच्चाई का साथ दें और जिन भी लोगों ने ताले तोड़कर सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया हैं समाज हित में उनको सजा दिलवाने में हमारा सहयोग करे।
