*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -निर्दोष को सजा*
*आज का पञ्चांग*
*दिनाँक:-07/06/2025,शनिवार*
*द्वादशी, शुक्ल पक्ष,*
*ज्येष्ठ*
(समाप्ति काल)
तिथि————– द्वादशी अहोरात्र तक
पक्ष————————– शुक्ल
नक्षत्र————- चित्रा 09:38:45
योग———— वरियान 11:16:02
करण————— बव 18:03:15
माह———–‐————– ज्येष्ठ
चन्द्र राशि——————- तुला
सूर्य राशि—————— वृषभ
ऋतु————————– ग्रीष्म
आयन———————उत्तरायण
संवत्सर——————- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————— 1947
कलि संवत—————– 5126
सूर्योदय—————- 05:24:37
सूर्यास्त—————– 19:11:48
दिन काल————– 13:47:11
रात्री काल————– 10:12:45
चंद्रोदय—————–15:51:17
चंद्रास्त—————– 26:57:09
लग्न—- वृषभ 22°18′ , 52°18′
सूर्य नक्षत्र—————— रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र——————– चित्रा
नक्षत्र————————- पाया
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
री—-चित्रा 09:38:45
रू—- स्वाति 16:25:04
रे—- स्वाति 23:10:57
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य= वृषभ 22°49, रोहिणी 4 वु
चन्द्र= तुला 04°30 , चित्रा 4 री
बुध = मिथुन 01°52 ‘ मृगशिरा 3 का
शु क्र= मेष 06°05, अश्विनी 2 चे
मंगल= सिंह 00°30 ‘ मघा 1 मा
गुरु=मिथुन 05°30 मृगशिरा, 4 की
शनि=मीन 06°48 ‘ उ o भा o , 2 थ
राहू=(व) कुम्भ 29°00 पू o भा o, 3 दा
केतु= (व) सिंह 29°00 उ oफा o 1 टे
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*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*
राहू काल 08:51 – 10:35 अशुभ
यम घंटा 14:02 – 15:45 अशुभ
गुली काल 05:25 – 07:08 अशुभ
अभिजित 11:51 – 12:46 शुभ
दूर मुहूर्त 07:15 – 08:10 अशुभ
वर्ज्यम 15:58 – 17:46 अशुभ
प्रदोष 19:12 – 21:15 शुभ
💮चोघडिया, दिन
काल 05:25 – 07:08 अशुभ
शुभ 07:08 – 08:51 शुभ
रोग 08:51 – 10:35 अशुभ
उद्वेग 10:35 – 12:18 अशुभ
चर 12:18 – 14:02 शुभ
लाभ 14:02 – 15:45 शुभ
अमृत 15:45 – 17:28 शुभ
काल 17:28 – 19:12 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
लाभ 19:12 – 20:28 शुभ
उद्वेग 20:28 – 21:45 अशुभ
शुभ 21:45 – 23:02 शुभ
अमृत 23:02 – 24:18* शुभ
चर 24:18* – 25:35* शुभ
रोग 25:35* – 26:51* अशुभ
काल 26:51* – 28:08* अशुभ
लाभ 28:08* – 29:25* शुभ
💮होरा, दिन
शनि 05:25 – 06:34
बृहस्पति 06:34 – 07:42
मंगल 07:42 – 08:51
सूर्य 08:51 – 10:00
शुक्र 10:00 – 11:09
बुध 11:09 – 12:18
चन्द्र 12:18 – 13:27
शनि 13:27 – 14:36
बृहस्पति 14:36 – 15:45
मंगल 15:45 – 16:54
सूर्य 16:54 – 18:03
शुक्र 18:03 – 19:12
🚩होरा, रात
बुध 19:12 – 20:03
चन्द्र 20:03 – 20:54
शनि 20:54 – 21:45
बृहस्पति 21:45 – 22:36
मंगल 22:36 – 23:27
सूर्य 23:27 – 24:18
शुक्र 24:18* – 25:09
बुध 25:09* – 26:00
चन्द्र 26:00* – 26:51
शनि 26:51* – 27:42
बृहस्पति 27:42* – 28:34
मंगल 28:34* – 29:25
*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
वृषभ > 04:08 से 05:28 तक
मिथुन > 05:28 से 08:22 तक
कर्क > 08:22 से 10:32 तक
सिंह > 10:32 से 12:48 तक
कन्या > 12:48 से 15:04 तक
तुला > 15:04 से 17:16 तक
वृश्चिक > 17:16 से 19:40 तक
धनु > 19:40 से 21:50 तक
मकर > 21:50 से 23:34 तक
कुम्भ > 23:34 से 00:52 तक
मीन > 00:52 से 02:14 तक
मेष > 02:14 से 04:06 तक
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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लोग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
12 + 7 + 1 = 20 ÷ 4 = 0 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
12+ 12 + 5 = 29 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*निर्जला एकादशी व्रत (वैष्णव)*
*सर्वार्थ सिद्धि योग 09:39 से*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवः ।
न च विद्यागमऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत् ।।
।।चाo नीo।।
उस देश मे निवास न करें जहाँ आपकी कोई ईज्जत नहीं हो, जहा आप रोजगार नहीं कमा सकते, जहा आपका कोई मित्र नहीं और जहा आप कोई ज्ञान आर्जित नहीं कर सकते।
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18
अनुबन्धं क्षयं हिंसामनवेक्ष्य च पौरुषम्।
मोहादारभ्यते कर्म यत्तत्तामसमुच्यते॥
जो कर्म परिणाम, हानि, हिंसा और सामर्थ्य को न विचारकर केवल अज्ञान से आरंभ किया जाता है, वह तामस कहा जाता है
॥25॥
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद से क्लेश हो सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। नकारात्मकता रहेगी। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। प्रमाद न करें।
🐂वृष
अध्यात्म में रुचि रहेगी। किसी संत-महात्मा का आशीर्वाद मिल सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। नौकरी में चैन रहेगा। विवाद से बचें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेकार बातों पर ध्यान न दें। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। प्रमाद न करें।
👫मिथुन
कार्यकारी नए काम मिल सकते हैं। योजना फलीभूत होगी। प्रभावशाली लोगों का सहयोग प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🦀कर्क
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। काम में मन लगेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। कारोबार अच्छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जीवन सु्खमय रहेगा।
🐅सिंह
फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। कारोबार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे।
🙎♀️कन्या
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। आय में वृद्धि होगी। कोई बड़ा रुका हुआ कार्य पूर्ण होने के योग हैं। कारोबार अच्छा चलेगा। उत्साह बना रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।
⚖️तुला
दूर से उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी। उत्साह से काम कर पाएंगे।
🦂वृश्चिक
प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेश शुभ फल देंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जल्दबाजी न करें।
🏹धनु
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते काम बिगड़ सकते हैं। दौड़धूप अधिक होगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कारोबार में लाभ होगा। आय होगी। धैर्य रखें।
🐊मकर
विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य में सफलता हासिल करेगा। अध्ययन आदि में एकाग्रता रहेगी। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी मनोरंजक यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। नौकरी में कोई नया कार्य कर पाएंगे। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
🍯कुंभ
स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। कोई कारोबारी बड़ा सौदा हो सकता है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में चैन रहेगा। किसी लंबे कारोबारी प्रवास की योजना बन सकती है। समय की अनुकूलता का लाभ लें। प्रसन्नता रहेगी।
🐟मीन
कोर्ट-कचहरी तथा सरकारी कार्यालयों में अटके काम पूरे हो सकते हैं तथा स्थिति सुधरेगी। आय में वृद्धि होगी। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। घर में व्यय होगा। किसी दुविधा से निर्णय लेने की क्षमता कम होगी। बुद्धि का प्रयोग करें। प्रमाद न करें।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! निर्दोष को सजा !!*
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बहुत समय पहले हरिशंकर नाम का एक राजा था। उसके तीन पुत्र थे और अपने उन तीनों पुत्रों में से वह किसी एक पुत्र को राजगद्दी सौंपना चाहता था। पर किसे? राजा ने एक तरकीब निकाली और उसने तीनो पुत्रों को बुलाकर कहा- अगर तुम्हारे सामने कोई अपराधी खड़ा हो तो तुम उसे क्या सजा दोगे?
पहले राजकुमार ने कहा कि अपराधी को मौत की सजा दी जाए तो दूसरे ने कहा कि अपराधी को काल कोठरी में बंद कर दिया जाये। अब तीसरे राजकुमार की बारी थी। उसने कहा कि पिताजी सबसे पहले यह देख लिया जाये कि उसने गलती की भी है या नहीं।
इसके बाद उस राजकुमार ने एक कहानी सुनाई- किसी राज्य में राजा हुआ करता था, उसके पास एक सुन्दर सा तोता था। वह तोता बड़ा बुद्धिमान था, उसकी मीठी वाणी और बुद्धिमत्ता की वजह से राजा उससे बहुत खुश रहता था। एक दिन की बात है कि तोते ने राजा से कहा कि मैं अपने माता-पिता के पास जाना चाहता हूँ। वह जाने के लिए राजा से विनती करने लगा।
तब राजा ने उससे कहा कि ठीक है पर तुम्हें पांच दिनों में वापस आना होगा। वह तोता जंगल की ओर उड़ चला, अपने माता-पिता से जंगल में मिला और खूब खुश हुआ। ठीक पांच दिनों बाद जब वह वापस राजा के पास जा रहा था तब उसने एक सुन्दर सा उपहार राजा के लिए ले जाने का सोचा।
वह राजा के लिए अमृत फल ले जाना चाहता था। जब वह अमृत फल के लिए पर्वत पर पहुंचा तब तक रात हो चुकी थी। उसने फल को तोड़ा और रात वहीं गुजारने का सोचा। वह सो रहा था कि तभी एक सांप आया और उस फल को खाना शुरू कर दिया। सांप के जहर से वह फल भी विषाक्त हो चुका था।
जब सुबह हुई तब तोता उड़कर राजा के पास पहुँच गया और कहा- राजन मैं आपके लिए अमृत फल लेकर आया हूँ। इस फल को खाने के बाद आप हमेशा के लिए जवान और अमर हो जायेंगे। तभी मंत्री ने कहा कि महाराज पहले देख लीजिए कि फल सही भी है कि नहीं ? राजा ने बात मान ली और फल में से एक टुकड़ा कुत्ते को खिलाया।
कुत्ता तड़प-तड़प कर मर गया। राजा बहुत क्रोधित हुआ और अपनी तलवार से तोते का सिर धड़ से अलग कर दिया। राजा ने वह फल बाहर फेंक दिया। कुछ समय बाद उसी जगह पर एक पेड़ उगा। राजा ने सख्त हिदायत दी कि कोई भी इस पेड़ का फल ना खाएं क्यूंकि राजा को लगता था कि यह अमृत फल विषाक्त होते हैं और तोते ने यही फल खिलाकर उसे मारने की कोशिश की थी।
एक दिन एक बूढ़ा आदमी उस पेड़ के नीचे विश्राम कर रहा था। उसने एक फल खाया और वह जवान हो गया क्यूंकि उस वृक्ष पर उगे हुए फल विषाक्त नहीं थे। जब इस बात का पता राजा को चला तो उसे बहुत ही पछतावा हुआ उसे अपनी करनी पर लज़्ज़ा हुई।
तीसरे राजकुमार के मुख से यह कहानी सुनकर राजा बहुत ही खुश हुआ और तीसरे राजकुमार को सही उत्तराधिकारी समझते हुए उसे ही अपने राज्य का राजा चुना।
*शिक्षा:-*
किसी भी अपराधी को सजा देने से पहले यह देख लेना चाहिए कि उसकी गलती है भी या नहीं, कहीं भूलवश आप किसी निर्दोष को तो सजा देने नहीं जा रहे हैं। निरपराध को कतई सजा नहीं मिलनी चाहिए..!!
*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
