*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -दूसरों के पीछे मत भागो*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 04/03/2025, मंगलवार*
*पंचमी, शुक्ल पक्ष,*
*फाल्गुन*
(समाप्ति काल)
तिथि———– पंचमी 15:16:04 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– भरणी 26:36:41
योग————- ऐन्द्र 26:05:30
करण———- बालव 15:16:04
करण———- कौलव 26:00:36
वार——————— मंगलवार
माह——————— फाल्गुन
चन्द्र राशि—————— मेष
सूर्य राशि—————– कुम्भ
रितु———————— वसंत
आयन——————उत्तरायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————-कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
शक संवत——————1946
कलि संवत—————- 5125
सूर्योदय————–06:41:45
सूर्यास्त————— 18:20:17
दिन काल———— 11:38:32
रात्री काल————- 12:20:25
चंद्रोदय————– 09:17:58
चंद्रास्त—————- 23:16:20
लग्न—- कुम्भ 19°30′ , 319°30′
सूर्य नक्षत्र————- शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र—————– भरणी
नक्षत्र पाया—————— स्वर्ण
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
ली—- भरणी 09:58:50
लू—- भरणी 15:30:09
ले—- भरणी 21:02:44
लो—- भरणी 26:36:41
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= कुम्भ 19°40, शतभिषा 4 सू
चन्द्र= मेष 14°30 , भरणी 1 ली
बुध =मीन 06°52 ‘ उ o भा o 2 थ
शु क्र= मीन 16°05, उ o फाo’ 4 ञ
मंगल=मिथुन 23°30 ‘ पुनर्वसु ‘ 1 के
गुरु=वृषभ 18°30 रोहिणी, 3 वी
शनि=कुम्भ 26°28 ‘ पू o भा o , 2 सो
राहू=(व) मीन 04°05 उo भा o, 1 दू
केतु= (व)कन्या 04°05 उ oफा o 3 पा
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 15:26 – 16:53 अशुभ
यम घंटा 09:36 – 11:04 अशुभ
गुली काल 12:31 – 13: 58अशुभ
अभिजित 12:08 – 12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 09:01 – 09:48 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:17 – 24:03* अशुभ
वर्ज्यम 13:17 – 14:46 अशुभ
प्रदोष 18:20 – 20:51. शुभ
💮चोघडिया, दिन
रोग 06:42 – 08:09 अशुभ
उद्वेग 08:09 – 09:36 अशुभ
चर 09:36 – 11:04 शुभ
लाभ 11:04 – 12:31 शुभ
अमृत 12:31 – 13:58 शुभ
काल 13:58 – 15:26 अशुभ
शुभ 15:26 – 16:53 शुभ
रोग 16:53 – 18:20 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
काल 18:20 – 19:53 अशुभ
लाभ 19:53 – 21:25 शुभ
उद्वेग 21:25 – 22:58 अशुभ
शुभ 22:58 – 24:31* शुभ
अमृत 24:31* – 26:03* शुभ
चर 26:03* – 27:36* शुभ
रोग 27:36* – 29:08* अशुभ
काल 29:08* – 30:41* अशुभ
💮होरा, दिन
मंगल 06:42 – 07:40
सूर्य 07:40 – 08:38
शुक्र 08:38 – 09:36
बुध 09:36 – 10:35
चन्द्र 10:35 – 11:33
शनि 11:33 – 12:31
बृहस्पति 12:31 – 13:29
मंगल 13:29 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:26
शुक्र 15:26 – 16:24
बुध 16:24 – 17:22
चन्द्र 17:22 – 18:20
🚩होरा, रात
शनि 18:20 – 19:22
बृहस्पति 19:22 – 20:24
मंगल 20:24 – 21:25
सूर्य 21:25 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:29
बुध 23:29 – 24:31
चन्द्र 24:31* – 25:32
शनि 25:32* – 26:34
बृहस्पति 26:34* – 27:36
मंगल 27:36* – 28:37
सूर्य 28:37* – 29:39
शुक्र 29:39* – 30:41
*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
कुम्भ > 04:36 से 06:14 तक
मीन > 06:14 से 07:42 तक
मेष > 07:42 से 09:20 तक
वृषभ > 09:20 से 11:18 तक
मिथुन > 11:18 से 13:36 तक
कर्क > 13:36 से 15:52 तक
सिंह > 15:52 से 18:02 तक
कन्या > 18:02 से 20:16 तक
तुला > 20:16 से 22:30 तक
वृश्चिक > 22:30 से 00:48 तक
धनु > 00:48 से 02:44 तक
मकर > 02:44 से 04:30 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
5 + 3 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
5 + 5 + 5 = 15 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*सर्वार्थ सिद्धि योग 26:37 से*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
लुब्धमर्थेन गृहिणीयात् स्तब्धमञ्जलिकर्मणा ।
मूर्खं छन्दानुवृत्या च यथार्थत्वेन पण्डितम् ।।
।। चा o नी o।।
एक लालची आदमी को भेट वास्तु दे कर संतुष्ट करे. एक कठोर आदमी को हाथ जोड़कर संतुष्ट करे. एक मुर्ख को सम्मान देकर संतुष्ट करे. एक विद्वान् आदमी को सच बोलकर संतुष्ट करे.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: गुणत्रयविभागयोग :- अo-14
ब्रह्मणो हि प्रतिष्ठाहममृतस्याव्ययस्य च ।,
शाश्वतस्य च धर्मस्य सुखस्यैकान्तिकस्य च ॥,
क्योंकि उस अविनाशी परब्रह्म का और अमृत का तथा नित्य धर्म का और अखण्ड एकरस आनन्द का आश्रय मैं हूँ॥,27॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। वरिष्ठ जन सहायता करेंगे। अप्रत्याशित लाभ होगा। यात्रा होगी। व्यावसायिक अथवा निजी काम से सुखद यात्रा हो सकती है। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी। दूसरों से न उलझें।
🐂वृष
वरिष्ठ जन सहायता करेंगे। रुके कार्यों में गति आएगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रोजगार बढ़ेगा। सतर्कता से कार्य करें। संतान के व्यवहार से सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। व्यापार में नए अनुबंध आज नहीं करें। आर्थिक तंगी रहेगी।
👫मिथुन
रुका हुआ धन मिल सकता है। निवेश शुभ रहेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। स्वयं के ही प्रयासों से जनप्रियता एवं मान-सम्मान मिलेगा। रुका काम समय पर पूरा होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा, नई योजनाएं बनेंगी।
🦀कर्क
अप्रत्याशित खर्च होंगे। तनाव रहेगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम न लें। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें। भूल करने से विरोधी बढ़ेंगे। कार्यक्षेत्र का विकास एवं विस्तार होगा। उपहार मिल सकता है। संतान की चिंता दूर होगी।
🐅सिंह
तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। बाहरी सहायता से काम होंगे। ईश्वर में रुचि बढ़ेगी। कामकाज की अनुकूलता रहेगी। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। पूंजी संचय की बात बनेगी।
🙍♀️कन्या
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता बनी रहेगी। व्यापार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कार्य के विस्तार की योजनाएं बनेंगी। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। पठन-पाठन में रुचि बढ़ेगी।
⚖️तुला
चोट व रोग से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी। दूसरों पर विश्वास हानि देगा। कार्य में बाधा होगी। पत्नी से आश्वासन मिलेगा। स्वयं के निर्णय लाभप्रद रहेंगे। मानसिक संतोष, प्रसन्नता रहेगी। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। दूसरों की नकल न करें।
🦂वृश्चिक
घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्यों में विलंब से चिंता होगी। मानसिक उद्विग्नता रहेगी। पारिवारिक जीवन संतोषप्रद रहेगा।
🏹धनु
घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। कार्य पूर्ण होंगे। आय बढ़ेगी। मनोरंजक यात्रा होगी। प्रसन्नता रहेगी। सहयोगी मदद नहीं करेंगे। व्ययों में कटौती करने का प्रयास करें। परिवार में प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार के कार्य से बाहर जाना पड़ सकता है।
🐊मकर
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। रोजगार में उन्नति एवं लाभ की संभावना है। लाभदायक समाचार मिलेंगे। सामाजिक एवं राजकीय ख्याति में अभिवृद्धि होगी। व्यापार अच्छा चलेगा।
🍯कुंभ
पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। अच्छी खबर मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न लें। लाभ होगा। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएं रखें। आर्थिक अनुकूलता रहेगी। रुका धन मिलने से धन संग्रह होगा। राज्यपक्ष से लाभ के योग हैं। नई योजनाओं की शुरुआत होगी।
🐟मीन
शोक समाचार मिल सकता है। काम में मन नहीं लगेगा। विवाद से बचें। मेहनत अधिक होगी। आवास संबंधी समस्या हल होगी। आलस्य न करें। सोचे काम समय पर नहीं हो पाएंगे। व्यावसायिक चिंता रहेगी। संतान के व्यवहार से कष्ट होगा।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*!! दूसरों के पीछे मत भागो !!*
एक बार स्वामी विवेकानंद जी अपने आश्रम में एक छोटे पालतू कुत्ते के साथ टहल रहे थे। तभी अचानक एक युवक उनके आश्रम में आया और उनके पैरों में झुक गया और कहने लगा– “स्वामीजी मैं अपनी जिंदगी से बड़ा परेशान हूं। मैं प्रतिदिन पुरुषार्थ करता हूं लेकिन आज तक मैं सफलता प्राप्त नहीं कर पाया। पता नहीं ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है, जो इतना पढ़ा-लिखा होने के बावजूद भी मैं नाकामयाब हूं।”
युवक की परेशानी को स्वामीजी ने तुरंत समझ लिया। उन्होंने युवक से कहा– “भाई! थोड़ा मेरे इस कुत्ते को कहीं दूर तक सैर करा दो। उसके बाद मैं तुम्हारे प्रश्नों का उत्तर दूंगा।”
उनकी इस बात पर युवक को थोड़ा अजीब लगा लेकिन दोबारा उसने कोई प्रश्न नहीं किया और कुत्ते को दौड़ाते हुए आगे निकल पड़ा। कुत्ते को सैर कराने के बाद, जब एक युवक आश्रम में पहुंचा तो वह देखा कि युवक का चेहरा तेज है लेकिन उसका छोटा कुत्ता थक से जोर-जोर से हांफ रहा था।
स्वामीजी ने पूछा, “भाई, मेरा कुत्ता इतना कैसे थक गया? तुम तो बड़े शांत दिख रहे हो। क्या तुम्हें थकावट नहीं हुई?” युवक ने कहा, “स्वामीजी, मैं धीरे-धीरे आराम से चल रहा था, लेकिन मेरा कुत्ता अशांत था। सभी जानवरों के पीछे दौड़ता था, इसीलिए बहुत थक गया था।”
तब विवेकानंद ने कहा, “भाई, तुम्हारे प्रश्नों का उत्तर तो यही है! तुम्हारा लक्ष्य तुम्हारे आसपास है, लेकिन तुम उससे दूर चलते हो। अन्य लोगों के पीछे दौड़ते रहते हो और तुम जो चाहते हो वह दूर हो जाता है।”
युवक ने विवेकानंद के उत्तर से संतुष्ट होकर अपनी गलती को सुधारने का निर्णय लिया।
*शिक्षा:-*
अपने लक्ष्य पर ध्यान रखो और भटकाने वाली चीज़ों से दूरी बनाओ।
