* आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग-राजा की चिंता*
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*आज का राशिफल*
*22 दिसम्बर 2025 , सोमवार*
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका दिन सामान्य रहेगा। धनार्जन करने में सफलता निश्चित है । व्यस्त रहेंगे लेकिन शाम को आराम का अवसर मिलेगा।व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय व धार्मिक भावना बढ़ेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करना चाहिए। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। खुद के लिए समय निकालें , व्यायाम करें। आराम करें। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
अपनी बुद्धिमत्ता से आप सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। विकास की योजनाएं बनेंगी। निजीजनों में असंतोष हो सकता है। व्यापार में इच्छित लाभ होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। मान बढ़ेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। परिवर्तनशील मौसम का ध्यान रखें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
मेहनत का फल मिलेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी।धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। भूमि, आवास की समस्या रह सकती है। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेगा। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। संतान से कष्ट न हो इसलिए संस्कार लाभप्रद रहेंगे। थकान रहेगी , खुद के लिए भी समय निकालना चाहिए।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य पर व्यय होगा । विवाद से दूर रहे। यात्रा में अपनी वस्तुओं का ध्यान रखें। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह लाभकारी होगा । अधीनस्थों की ओर ध्यान दें भाग्योदय होगा। बाहर का खाना खाने से बचें।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
राजकीय सहयोग मिलेगा एवं इस क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे। विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। थकान रहेगी। जोखिम न लें। विवाद से दूर रहें। वाणी पर संयम रखें। अनचाहे दोस्त न बनाएँ।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कामकाज में धैर्य रखने से सफलता मिल सकेगी। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा। योजनाएं फलीभूत होंगी। मित्रों में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। नींद व विश्राम को समय दे।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
व्यावसायिक चिंता दूर हो सकेगी। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएंगे व भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न लें। योजनाएं फलीभूत होंगी। आराम भरपूर करें।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
समाज में प्रसिद्धि के कारण सम्मान में बढ़ौत्री होगी। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे। परिवार की समस्याओं को अनदेखा न करें। बुजुर्गों से आशीर्वाद जरूर लें।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखना आवश्यक है । लेन-देन में सावधानी रखें। विवाद न करें। समय अनुकूल नहीं है। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा , जीवनसाथी खुश है तो धन के योग हैं। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाए रखें। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएंगे।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
संतान से मदद मिलेगी। आर्थिक स्थिति में प्रगति की संभावना है। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय काम बनेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता रहेगी। जोखिम न उठाएं। अचानक धन की प्राप्ति के योग हैं। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें नहीं तो स्वास्थ्य पर असर निश्चित है।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
नए अनुबंध होंगे। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। बेकार के झंझटों में न पड़ें। शत्रु सक्रिय रह सकते हैं सतर्क रहें । कार्य की प्रवृत्ति में यथार्थता व व्यावहारिकता का समावेश आवश्यक है। व्यापार में नई योजनाओं पर कार्य नहीं होंगे। जीवनसाथी का ध्यान रखें। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपका आध्यात्म पर ध्यान और विश्वास बढेगा।धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। बुद्धि एवं तर्क से कार्य में सफलता के योग बनेंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। अतः उसका परित्याग करें। व्यापार लाभप्रद रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🔅 *_कृपया ध्यान दें👉_*
यद्यपि शुद्ध राशिफल की पूरी कोशिश रही है फिर भी इन राशिफलों में और आपकी कुंडली व राशि के ग्रहों के आधार पर आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में कुछ अन्तर हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप किसी ज्योतिषी से अवश्य सम्पर्क करें। किसी भी भिन्नता के लिए हम उत्तरदायी नहीं हैं।
🌷आपका दिन मंगलमय हो।🌷
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2️⃣2️⃣❗1️⃣2️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣
*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! राजा की चिंता !!*
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प्राचीन समय की बात है, एक राज्य में एक राजा राज करता था. उसका राज्य सुख वैभव से संपन्न था.
धन-धान्य की कोई कमी नहीं थी।राजा और प्रजा ख़ुशी-ख़ुशी अपना जीवन-यापन कर रहे थे.
एक वर्ष उस राज्य में भयंकर अकाल पड़ा. पानी की कमी से फ़सलें सूख गई. ऐसी स्थिति में किसान राजा को लगान नहीं दे पाए. लगान प्राप्त न होने के कारण राजस्व में कमी आ गई और राजकोष खाली होने लगा. यह देख राजा चिंता में पड़ गया. हर समय वह सोचता रहता कि राज्य का खर्च कैसे चलेगा?
अकाल का समय निकल गया. स्थिति सामान्य हो गई. किंतु राजा के मन में चिंता घर कर गई. हर समय उसके दिमाग में यही रहता कि राज्य में पुनः अकाल पड़ गया, तो क्या होगा? इसके अतिरिक्त भी अन्य चिंतायें उसे घेरने लगी. पड़ोसी राज्य का भय, मंत्रियों का षड़यंत्र जैसी कई चिंताओं ने उसकी भूख-प्यास और रातों की नींद छीन ली.
वह अपनी इस हालत से परेशान था किंतु जब भी वह राजमहल के माली को देखता, तो आश्चर्य में पड़ जाता. दिन भर मेहनत करने के बाद वह रूखी-सूखी रोटी भी छक्कर खाता और पेड़ के नीचे मज़े से सोता. कई बार राजा को उससे जलन होने लगती.
एक दिन उसके राजदरबार में एक सिद्ध साधु पधारे. राजा ने अपनी समस्या साधु को बताई और उसे दूर करने सुझाव मांगा.
साधु राजा की समस्या अच्छी तरह समझ गए थे. वे बोले, “राजन! तुम्हारी चिंता की जड़ राज-पाट है. अपना राज-पाट पुत्र को देकर चिंता मुक्त हो जाओ.”
इस पर राजा बोला, ”गुरुवर! मेरा पुत्र मात्र पांच वर्ष का है. वह अबोध बालक राज-पाट कैसे संभालेगा?”
“तो फिर ऐसा करो कि अपनी चिंता का भार तुम मुझे सौंप दो” साधु बोले.
राजा तैयार हो गया और उसने अपना राज-पाट साधु को सौंप दिया. इसके बाद साधु ने पूछा, “अब तुम क्या करोगे?”
राजा बोला, “सोचता हूँ कि अब कोई व्यवसाय कर लूं.”
“लेकिन उसके लिए धन की व्यवस्था कैसे करोगे? अब तो राज-पाट मेरा है। राजकोष के धन पर भी मेरा अधिकार है.”
“तो मैं कोई नौकरी कर लूंगा, राजा ने उत्तर दिया.
“ये ठीक है लेकिन यदि तुम्हें नौकरी ही करनी है, तो कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं. यहीं नौकरी कर लो. मैं तो साधु हूँ। मैं अपनी कुटिया में ही रहूंगा. राजमहल में ही रहकर मेरी ओर से तुम ये राज-पाट संभालना.”
राजा ने साधु की बात मान ली और साधु की नौकरी करते हुए राजपाट संभालने लगा. साधु अपनी कुटिया में चले गए.
कुछ दिन बाद साधु पुनः राजमहल आये और राजा से भेंट कर पूछा, “कहो राजन! अब तुम्हें भूख लगती है या नहीं और तुम्हारी नींद का क्या हाल है?”
“गुरुवर! अब तो मैं खूब खाता हूँ और गहरी नींद सोता हूँ. पहले भी मैं राजपाट का कार्य करता था, अब भी करता हूँ. फिर ये परिवर्तन कैसे? ये मेरी समझ के बाहर है.” राजा ने अपनी स्थिति बताते हुए प्रश्न भी पूछ लिया.
साधु मुस्कुराते हुए बोले, “राजन! पहले तुमने काम को बोझ बना लिया था और उस बोझ को हर समय अपने मानस-पटल पर ढोया करते थे. किंतु राजपाट मुझे सौंपने के उपरांत तुम समस्त कार्य अपना कर्तव्य समझकर करते हो. इसलिए चिंतामुक्त हो.”
*शिक्षा:-*
मित्रों, जीवन में जो भी कार्य करें, अपना कर्त्तव्य समझकर करें न कि बोझ समझकर. यही चिंता से दूर रहने का एकमात्र उपाय है.
*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
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