*उत्तराखंड देहरादून के सभागार में डिजिटल कॉन्टेंट रिकॉर्डिंग कार्यशाला का हुआ आयोजन*
देवभूमि जे के न्यूज़-(जयकुमार तिवारी)-
2 दिसंबर से 6 दिसंबर 2025 तक एस, सी, ई, आर, टी, उत्तराखंड देहरादून के सभागार में डिजिटल कॉन्टेंट रिकॉर्डिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य-
न्यू एजुकेशन पॉलिशी 2020, और 2023 की बारीकियों की समझ विकसित करना ।
संगीत शिक्षा पर समझ विकास और लोक संस्कृति का संरक्षण करना है ।
संगीत शिक्षा के सैद्धांतिक पक्ष के सरलीकरण हेतु डिजिटल कॉन्टेंट निर्माण करना।
डॉ ऊषा कटियार ने स्पष्ट किया कि संगीत मनुष्य में निहित आंतरिक प्रवृत्तियों का मनोहारी रूप है।
कार्यशाला के प्रथम दिवस उद्घाटन में मां सरस्वती पूजन और मनोज थापा जी में राग मियां मल्हार में स्तुति रख लाज मेरी गणपति मधुर प्रस्तुति से की गई डॉ बिजल्वाण सहायक निदेशक, राजकमल रंगमंच के प्रतिष्ठित कलाकार उज्ज्वल सपने सोसायटी हरिद्वार के कर कमलों से शुभारम्भ किया गया।
डॉ ऊषा कटियार कार्यक्रम समन्वयक ने परिचय सत्र के पश्चात संगीतिका डिजिटल कॉन्टेंट रिकॉर्डिंग कार्यशाला के उद्देश्य और कार्यक्रम प्रारूप पर प्रकाश डालते हुए स्क्रिप्ट में समस्त कलाकारों और विद्यार्थियों की भूमिका को समझाने और अभिनय,गायन, वादन,के अनुरूप प्रतिभागियों को चिन्हित किया। राजकमल रंगकर्मी ने रंगमंच की बारीकियों तथा प्रतिभागियों को प्रदर्शन के तत्व यथा पात्र, विचार,संवाद, शैली, कथानक,के विषय में विषय से रूबरू कराया साथ ही नाटक में संगीत एवं राग व ताल के महत्व,जैसे दृश्य ध्वनि का प्रभाव, दर्शकों का मार्ग दर्शन, विषयवस्तु को या कहानी को आगे बढ़ाना आदि को रोचकता से प्रस्तुत किया जो विशेष रुचि का क्षेत्र रहा ,सभी संगीत कलाकारों और विद्यार्थियों को पात्र की प्रवृत्ति के अनुरूप अभिनय का अभ्यास, डायलॉक डिलीवरी ,कराई गई विद्यार्थियों ने बेहद खूबसूरती,और उत्सुकता से रूबरू होते हुए अपना प्रदर्शन किया ।डॉ बिजल्वाण सहायक निदेशक एस,सी, ई, आर, टी जी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया ,कि संगीत विषय में यह प्रथम प्रयोग है जो ,,न केवल संगीत के शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग किया जाएगा बल्कि एन,ई पी,2020 और एन, ई,पी,2023 की मंशा के अनुरूप विद्यार्थियों में रचनात्मकता, संवेदनशीलता को विकसित करने का काम करेगा ,संगीत, ध्वनि, लय,ताल,के प्रति संवदेनशीलता जगाने मे अपनी अहम भूमिका निभाएगा ।
कौशल विकास हेतु वर्चुअल लैब के माध्यम को प्रभावशाली कॉन्टेंट की दिशा में यह प्रयास सराहनीय है।
डॉ हिमांशु और पुष्पिंदर ने लय और ताल को सरलतम रूप से प्रस्तुत किया और दादरा, कहरवा ,की समझाया ।
डॉ ऊषा कटियार ने कहा कि संगीत मनुष्य को मनुष्य बनाने की बहुमूल्य औषधि हैं।जो प्रथम चरण में संस्कार के रूप में अपनाई जानी चाहिए।
एन, सी, ई, आर,टी,नई दिल्ली की प्रकाशित कक्षा 6 की कृति पुस्तिका सभी विद्यार्थियों में कलाओं के चार पहलू चित्रकला, संगीत के अंतर्गत गायन, वादन, नृत्य, रंगमंच, की विषय वस्तु और संस्कृति विविधता को प्रस्तुत किया गया है।
कार्यशाला में स्क्रिप्ट के अनुरूप अभिनय , गायन, वादन,की रिकार्डिंग की गई जिसमें ,डॉ हिमांशु जोशी, मनोज थापा, विक्रम सिंह, पुष्पिंदर सिंह तबला, आशा भट्ट के भगीरथ, तनीषा, शिवा, प्रिया थापा, ने अपन सहयोग प्रदान किया । आज दिनांक 6 दिसंबर 2025 को रोचकता और नवाचार के साथ कार्यशाला का रिकॉर्डिंग का चरण पूर्ण हुआ डॉ बिजल्वाण सहायक निदेशक के कर कमलों से सभी कलाकारों और विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट वितरित किए गए ।
ऑक्टिव स्टूडियो देहरादून में रिकॉडिंग का अनुभव विद्यार्थियों के लिए बेहद रोमांचक और नवीन रहा उत्साह और आनंदमय माहौल में कार्य पूर्णतः को प्राप्त हुआ ।
