उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- घर-परिवार : एक नई सुबह*

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3 नवंबर 2025, सोमवार का दैनिक पंचांग

🔅 तिथि त्रयोदशी 11:37 PM

🔅 नक्षत्र उत्तराभाद्रपद 01:05 PM

🔅 करण : कौलव 03:42 PM तैतिल 03:42 PM

🔅 पक्ष शुक्ल योग हर्शण 07:39 PM

🔅 वार सोमवार

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ

🔅 सूर्योदय 06:29 AM

🔅 चन्द्रोदय 03:22 PM

🔅 चन्द्र राशि मीन

🔅 सूर्यास्त 05:31 PM

🔅 चन्द्रास्त +04:18 AM

🔅 ऋतु हेमंत

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष

🔅 शक सम्वत 1947 विश्वावसु

🔅 कलि सम्वत 5127

🔅 दिन काल 11:08 AM

🔅 विक्रम सम्वत 2082

🔅 मास अमांत कार्तिक

🔅 मास पूर्णिमांत कार्तिक

☀ शुभ और अशुभ समय

☀ शुभ समय

🔅 अभिजित 11:10:40 – 11:55:16

☀ अशुभ समय

🔅 दुष्टमुहूर्त 11:55 AM – 12:39 PM

🔅 कंटक 08:12 AM – 08:56 AM

🔅 यमघण्ट 11:10 AM – 11:55 AM

🔅 राहु काल 07:22 AM – 08:45 AM

🔅 कुलिक 02:09 PM – 02:53 PM

🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 09:41 AM – 10:26 AM

🔅 यमगण्ड 10:09 AM – 11:32 AM

🔅 गुलिक काल 12:56 PM – 02:20 PM

☀ दिशा शूल

🔅 दिशा शूल पूर्व

☀ चन्द्रबल और ताराबल

☀ ताराबल

🔅 अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

☀ चन्द्रबल

🔅 वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन

विशेष ~ सोम प्रदोष व्रत।

3 नवंबर 2025, सोमवार दैनिक राशिफल

मेष (Aries): किसी की वाणी या बर्ताव से आज आपके मन को चोट पहुंच सकती है। मानसिक भय के साथ शारीरिक अस्वस्थता से आप बेचैन रहेंगे। माताजी का स्वास्थ्य खराब होगा। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। महत्वपूर्ण दस्तावेज आज न कराने की सलाह है। ऑफिस में स्त्रीवर्ग से हानि पहुंचने की संभावना है। विद्यार्थियों के लिए मध्यम दिन है।

शुभ रंग = लाल

शुभ अंक : 8

वृषभ (Tauras): चिंता के बोझ से राहत मिलेगी जिससे स्फूर्ति और उत्साह का अनुभव करेंगे। आपके आंतरिक साहित्य और कला सूझ-बूझ को बाहर लाने के लिए उचित समय है। परिजनों की तरफ विशेष ध्यान दें। मित्रों के साथ प्रवास का आयोजन होगा। आर्थिक आयोजन पूरे होंगे। मनपसंद भोजन मिलेगा। भाग्यवृद्धि का अवसर प्राप्त होगा।

शुभ रंग = क्रीम

शुभ अंक : 7

मिथुन (Gemini): आज आपको कार्य में सफलता मिलेगी, परंतु थोड़ा विलंब होगा। फिर भी उस संबंध में प्रयत्न जारी रखने से उन्हें पूरा कर सकेंगे। आर्थिक आयोजनों में अवरोध के बाद मार्ग प्रशस्त होता हुआ प्रतीत होगा। नौकरी-धंधे में साथी कार्यकर्ताओं का पूर्ण सहयोग प्राप्त होता। परिवार में आनंद का वातावरण रहेगा।

शुभ रंग = आसमानी

शुभ अंक : 3

कर्क (Cancer): शारीरिक-मानसिक सुख बने रहेंगे। मित्रों और स्वजनों के साथ आज का दिन खूब आनंद और उल्लास से व्यतीत करेंगे। आपका मन प्रसन्न रहेगा। दांपत्य जीवन में जीवनसाथी के प्रति विशेष आकर्षण अनुभव करेंगे, जिससे मधुरता रहेगी। प्रवास की संभावना और आर्थिक लाभ का योग है।

शुभ रंग = उजला

शुभ अंक : 4

सिंह (Leo): चिंता के भार से स्वास्थ्य को हानि पहुंचेगी। उग्र दलीलों या वाद-विवाद से किसी के साथ संघर्ष होगा। कोर्ट-कचहरी के कार्य में सावधानीपूर्वक कदम उठाएं। भावनाओं के प्रवाह में बहकर आप कोई अविचारी कार्य न करें। वाणी और व्यवहार में संयम तथा विवेक बनाए रखने की सलाह देते हैं।

शुभ रंग = लाल

शुभ अंक : 5

कन्या (Virgo): तन-मन की स्वस्थता के साथ आज का खुशहाल दिन आपको विविध लाभों का उपहार देगा। व्यापारी और नौकरी करने वालों को आर्थिक लाभ होगा। उच्च पदाधिकारी खुश रहने से पदोन्नति की संभावना बढ़ेंगी। विवाहोत्सुक व्यक्तियों के लिए अनुकूल परिस्थितियां निर्मित होंगी। पर्यटन का आयोजन होगा। वैवाहिक सुख का भरपूर आनंद पा सकेंगे।

शुभ रंग = आसमानी

शुभ अंक : 2

तुला (Libra): आज आपके कार्य सरलतापूर्वक पूरे होंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी। ऑफिस में उच्च पदाधिकारियों की तरफ से प्रोत्साहन मिलने पर आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। व्यापारियों को व्यापार में तथा आय में वृद्धि होगी। गृहस्थ जीवन आनंदपूर्ण रहेगा। स्वास्थ्य बना रहेगा। उत्तम सांसारिक सुख प्राप्त होंगे।

शुभ रंग = क्रीम

शुभ अंक : 7

वृश्चिक (Scorpio): थकान, आलस और चिंता से कार्य करने का उत्साह मंद पड़ा हुआ प्रतीत होगा। विशेष रूप से संतान आपकी चिंता का कारण बनेगी। कार्यक्षेत्र में भी अधिकारी वर्ग का नकारात्मक व्यवहार आपके अंदर हताशा पैदा करेगा। प्रतिस्पर्धियों और विरोधियों की शक्ति बढ़ेगी। व्यवसाय में कठिनाई निर्मित होगी। महत्वपूर्ण निर्णय न लेने की सलाह है।

शुभ रंग = पींक

शुभ अंक : 8

धनु (Sagittarius): बीमारी क्रोध, आवेश से आपका मानसिक व्यवहार हताशपूर्ण रहेगा। इसलिए गुस्से पर नियंत्रण रखने के लिए कहते हैं। सरकार विरोधी प्रवृ्त्तियों और नए सम्बंध से फिलहाल बचकर रहें। किसी कारण से समय पर भोजन नहीं मिलेगा। अत्यधिक खर्च पर अंकुश लगाएं। झगड़े-विवाद से दूर रहें।

शुभ रंग = उजला

शुभ अंक : 4

मकर (Capricorn): कार्यभार और मानसिक टेंशन से राहत पाकर मित्रों, सगे-सम्बंधियों के साथ खुशीपूर्वक आज का दिन व्यतीत करेंगे। विपरीत लिंगीय व्यक्तियों के प्रति आकर्षण अनुभव करेंगे। उत्तम वैवाहिक सुख प्राप्त होगा। व्यापार का विस्तार करेंगे। आर्थिक लाभ और मान-सम्मान में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य बना रहेगा। प्रिय व्यक्ति के साथ मुलाकात आनंद देगी।

शुभ = क्रीम

शुभ अंक : 7

कुंभ (Aquarius): आपको आज कार्यभार में सफलता के साथ यश भी मिलेगा। पारिवारिक सदस्यों के साथ अधिक ऊष्मा और प्रेमपूर्ण व्यवहार रहेगा। शारीरिक तथा मानसिक स्वस्थता रहेगी। नौकरी धंधे के स्थल पर सहकर्मीगण आपके सहायक बनेंगे। घर में आनंद और उत्साह का वातावरण रहेगा।

शुभ रंग = आसमानी

शुभ अंक : 2

मीन (Pisces): आप साहित्य के क्षेत्र में लेखन तथा पठन के कार्य में गहरी रुचि रखेंगे। हृदय की कोमलता प्रियजनों को निकट लाएगी। स्वभाव में भावुकता अधिक रहेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से दिन मध्यम रहेगा। विद्यार्थी पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। मानसिक संतुलन और वाणी पर संयम बनाए रखना आवश्यक है।

शुभ रंग = पीला

शुभ अंक : 9

_*।। राम_राम।।*_

*💐घर-परिवार : एक नई सुबह💐*

साल 1992 की बात है। शाम के सात बज रहे थे। सड़कों पर धीरे-धीरे सन्नाटा छाने लगा था। मोहल्ले के ज़्यादातर घरों में टीवी पर बस एक ही चैनल चलता था — *दूरदर्शन।*
और हर रविवार को पड़ोसी एक-दूसरे से पहले ही पूछ लेते —
“भाई, आज *घर-परिवार* देख रहे हो ना?”

उसी मोहल्ले के एक छोटे से मकान में *शारदा देवी* अपने बेटे *अमित* और बहू *रीमा* के साथ रहती थीं। अमित शहर की एक छोटी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। सुबह से शाम तक काम में डूबा रहता, और घर लौटते ही मोबाइल तो नहीं, लेकिन अपने अख़बार में खो जाता। रीमा घर के सारे काम संभालती, पर दिल में कहीं न कहीं एक टीस रहती — घर में बातें कम, चुप्पियाँ ज़्यादा हैं।

शारदा देवी को पुराने जमाने की आदतें थीं — सवेरे रेडियो, दोपहर में भजन, और शाम को *दूरदर्शन*।
वो हर रविवार शाम को पूरे परिवार को बुलाकर कहतीं,
“चलो, सब बैठो, *घर-परिवार* शुरू होने वाला है। यह कोई नाटक नहीं, जीवन का आईना है।”

अमित मुस्कुरा कर कह देता, “माँ, पुराना जमाना गया, अब कोई टीवी से संस्कार नहीं सीखता।”
रीमा कुछ नहीं कहती, बस चुपचाप टीवी के पास बैठ जाती।

उस दिन *घर-परिवार* में एक एपिसोड आया — “ *बूढ़े माँ-बाप का घर में स्थान*।”
कहानी में दिखाया गया था कि कैसे एक बेटा अपनी माँ को वृद्धाश्रम भेज देता है और फिर खुद अकेलापन महसूस करता है।

एपिसोड के अंत में सूत्रधार की आवाज़ गूँजी —
“घर तभी घर होता है जब उसमें तीन पीढ़ियाँ एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील रहें। बड़ों की सीख, मंझलों का अनुभव और बच्चों का स्नेह — यही असली घर-परिवार है।”

रीमा की आँखों में आँसू भर आए। उसे लगा जैसे ये कहानी उसकी ही सास-बहू की कहानी है।
वो उठी और शारदा देवी के पास जाकर बोली,
“माँ, आपने सही कहा था… *घर-परिवार* सच में जीवन का आईना है।”
शारदा देवी मुस्कुराईं, “बेटा, इन कार्यक्रमों का यही तो मकसद है — हमें अपने रिश्तों की कीमत याद दिलाना।”
उस दिन से रीमा ने ठान लिया कि घर में संवाद फिर से जीवित करेगी।
अगले दिन उसने अमित से कहा,
“आज रात हम सब साथ में खाना खाएँगे, टीवी नहीं चलेगा, बस बातें होंगी।”

अमित ने हँसते हुए कहा, “इतनी बड़ी मीटिंग क्यों?”
रीमा बोली, “क्योंकि घर मीटिंग से नहीं, साथ बैठने से बनता है।”

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धीरे-धीरे उस छोटे से घर में बदलाव आने लगा।
रीमा ने पुरानी दूरदर्शन की कहानियों से प्रेरणा लेकर हर रविवार को “परिवार चर्चा” शुरू कर दी।
वो एक कागज निकालती और पूछती —
“आज सब बताओ, इस हफ्ते किस बात ने तुम्हें सबसे ज़्यादा खुश किया और किस बात ने दुखी?”

शुरुआत में अमित झिझका, लेकिन माँ ने कहा,
“मैं पहले बोलूँगी… मुझे खुशी है कि तुम दोनों अब एक-दूसरे से खुलकर बात करते हो।”

धीरे-धीरे घर में हँसी लौट आई।
रीमा ने पड़ोस के बच्चों को भी बुलाना शुरू किया। वो सब मिलकर पुराने *घर-परिवार* के एपिसोड देखते और उनसे सीख निकालते —
*सहयोग, संवेदना, और परिवार का महत्व।*

एक दिन अमित ने ऑफिस में मीटिंग के दौरान कहा,
“हमारे घर में तो अब दूरदर्शन का ‘घर-परिवार’ ही असली टीचर बन गया है।”
सहकर्मी हँसे, लेकिन अमित ने मुस्कुराकर कहा,
“हँसो मत, उसी कार्यक्रम ने मुझे सिखाया कि घर केवल चार दीवारें नहीं, रिश्तों का जाल है, जिसे संभालना भी कला है।”

कुछ महीनों बाद शारदा देवी बीमार पड़ गईं।
रीमा रात-दिन उनकी सेवा में लगी रहती। डॉक्टर ने कहा, “इनका मनोबल बहुत मजबूत है, प्यार और साथ मिले तो जल्दी ठीक होंगी।”
शारदा ने रीमा का हाथ पकड़ा,
“बेटा, तूने मेरे जीवन के आखिरी पड़ाव में मुझे परिवार का असली अर्थ दिखाया।”

रीमा की आँखों में आँसू आ गए।
उसी रात उसने अमित से कहा,
“हम नए जमाने में जी रहे हैं, लेकिन पुरानी परंपराओं की गरमाहट ही हमें जोड़ती है। दूरदर्शन का ‘घर-परिवार’ हमें वही गरमाहट याद दिलाता है।”

कुछ महीनों बाद शारदा देवी नहीं रहीं।
अंतिम संस्कार के बाद घर में गहरा सन्नाटा था।
अमित ने धीरे से टीवी चालू किया।
संयोग से उस दिन *घर-परिवार* का एपिसोड था — “**माँ का आशीर्वाद**।”

एपिसोड के अंत में वही सूत्रधार बोला —
“माँ का जाना अंत नहीं होता, वो हर मुस्कान में, हर दुआ में जीवित रहती है। अगर परिवार में प्रेम है, तो माँ की आत्मा हमेशा साथ रहती है।”

रीमा ने आँसू पोंछे और कहा,
“देखो अमित, माँ हमें यह आखिरी संदेश देकर ही गई हैं — प्रेम सबसे बड़ा धर्म है।”

अमित ने रीमा का हाथ थाम लिया।
“हाँ रीमा, चलो हम भी हर रविवार माँ की याद में *घर-परिवार* ज़रूर देखेंगे। ताकि हमें हमेशा याद रहे कि परिवार का असली मतलब क्या है।”

और सचमुच, उस घर में फिर वही पुराना माहौल लौट आया।
हर रविवार को टी.वी. के सामने तीन कप चाय रखे जाते — दो अमित और रीमा के लिए, और तीसरा कप माँ की याद में।
टी.वी. पर *घर-परिवार* चलता, और दोनों की आँखों में नम मुस्कान होती।

कहते हैं ना —

> “समय बदल सकता है, चैनल बदल सकते हैं, पर घर-परिवार की शिक्षा कभी पुरानी नहीं होती।”

*संदेश:*
दूरदर्शन का “घर-परिवार” सिर्फ़ एक कार्यक्रम नहीं था, वह उस युग का संस्कार था — जिसने सिखाया कि परिवार का अर्थ साथ रहना नहीं, एक-दूसरे को समझना है।

सदैव प्रसन्न रहिये।,जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।

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देवभूमि jknews

जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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