ऋषिकेश

*अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा एवं उत्तराखंड एक्जाम प्वाइंट द्वारा लोकपर्व इगास के उपलक्ष्य में अभिनेता बलदेव राणा को किया सम्मानित*

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देवभूमि जे के न्यूज़, ऋषिकेश-

अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा एवं उत्तराखंड एक्जाम प्वाइंट द्वारा लोकपर्व इगास के उपलक्ष्य में वीर भड़ माधोसिंह की जीवनगाथा पर अभिनय के माध्यम से जीवंत करने वाले उत्तराखंडी फ़िल्म अभिनेता बलदेव राणा को पुष्प गुच्छ, शाल ओढ़ाकर एवं भगवत गीता भेंटकर सम्मानित किया गया। देहरादून रोड स्तिथ कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ राजे नेगी ने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति एवं पारम्परिक त्योहारों को मनाए जाने के इतिहास से रूबरू हो ये बहुत जरूरी है। डॉ नेगी ने कहा कि सही जानकारी के अभाव में इगास पर्व को लेकर आज भी आमजन में कई मिथक है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि अभिनेता बलदेव राणा को पर्व का सीधा संबंध वीर भड़ माधो सिंह भण्डारी की विजय वीर गाथाओं से जुड़ा है। इस मौके पर विभिन्न मंचो पर वीरभड़ माधो सिंह भंडारी नाटक मंचन कर चुके अभिनेता बलदेव राणा ने बताया कि आज से ठीक 430 साल पहले 17 वीं शताब्दी में गढ़वाल श्रीनगर राजाओं की राजधानी हुवा करती थी इस रियासत के राजा महिपत शाह के शासन काल मे माधो सिंह भंडारी गढ़वाल की सेना के प्रमुख सेनानायक रहें। गढ़वाल और तिब्बत के बीच अक्सर युद्ध हुआ करते थे। दापा के सरदार गर्मियों में दर्रों से उतरकर गढ़वाल के ऊपरी भाग में लूटपाट करते थे। माधो सिंह भंडारी ने तिब्बत के सरदारों से दो से तीनबार युद्ध लड़ चुके थे। इसबार जब युद्ध चल रहा था तो दीपावली का समय था और गढ़वाल की सेना में लगभग सभी क्षेत्रो(टिहरी,उत्तरकाशी, जौनसार, चमोली,श्रीनगर) से शामिल योद्धा जवान युद्ध लड़ रहे थे चूंकि युद्ध को लेकर गढ़वाल क्षेत्र में सबके मन मे भय का माहौल व्याप्त था तो लोगो ने अपने घरों में दिवाली नही मनाई। फिर दिवाली के ठीक ग्यारह दिन बाद जब गढ़वाल की सेना दापा घाट के युद्ध मे तिब्बत की सेना को पराजित करके वापिस लोटी थी। तब सेना के वापिस सकुशल विजय होकर लौटने की खुशी पर राजा द्वारा यह आदेश पारित हुवा की अबसे देवउठनी एकादशी पर इगास पर्व के रूप में दिवाली मनाई जाएगी। और इस तरह गढ़वाल में इगास पर्व की शुरुआत हुई। इस अवसर पर उत्तराखंड एक्जाम प्वाइंट की निदेशक साक्षी नेगी ने कहा कि उत्तराखंड की लोकसंस्कृति परम्पराओ के संरक्षण के प्रति लोगो का जागरूक होना बेहत आवश्यक है तभी हमारी पौरोणिक विरासत सुरक्षित रहेगी। इस अवसर पर राजेन्द्र सिंह नेगी, सत्यपाल सिह रावत, वंदना देवी, मनोज सिंह उपस्थित थे।

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