उत्तराखंडधर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- पुण्य तपोबल एकत्रित करो!*

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*आज का पञ्चांग*

*दिनाँक:-29/07/2025,मंगलवार*
*पंचमी, शुक्ल पक्ष,*
*श्रावण*
(समाप्ति काल)

तिथि–‐——— पंचमी 24:45:59 तक
पक्ष————————– शुक्ल
नक्षत्र———- उ०फा० 19:26:33
योग————— शिव 27:03:29
करण————— बव 12:00:16
करण———– बालव 24:45:59
वार———————– मंगलवार
माह-‐———————– श्रावण
चन्द्र राशि—————— कन्या
सूर्य राशि——————- कर्क
रितु—————————- वर्षा
आयन—————— दक्षिणायण
संवत्सर——————- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————— 1947
कलि संवत—————— 5126
सूर्योदय—————- 05:42:09
सूर्यास्त—————– 19:08:55
दिन काल————– 13:26:46
रात्री काल————– 10:33:45
चंद्रोदय—————– 09:47:58
चंद्रास्त—————– 21:59:23
लग्न—– कर्क 11°57′ , 101°57′
सूर्य नक्षत्र——————— पुष्य
चन्द्र नक्षत्र———- उत्तराफाल्गुनी
नक्षत्र पाया——————- रजत

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

टो—- उत्तरा फाल्गुनी 06:25:52

पा—- उत्तराफाल्गुनी 12:55:06

पी—- उत्तरा फाल्गुनी 19:26:33

पू—- हस्त 26:00:06

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= कर्क 11°49 , पुष्य. 3 हो
चन्द्र= कन्या 02 °30 , उo फ़ा o 2 टो
बुध = कर्क 16°52 ‘ आश्लेषा 1 डी
शु क्र= मिथुन 03°05, मृगशिरा , 3 का
मंगल= कन्या 00°30 ‘ उ o फ़ा o 1 टे
गुरु=मिथुन 16°30 आर्द्रा , 4 छ
शनि=मीन 07°48 ‘ उ o भा o , 2 थ
राहू=(व) कुम्भ 26°15 पू o भा o, 2 सो
केतु= (व) सिंह 26°15 पूoफा o 4 टू
============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 15:47 -17:28 अशुभ
यम घंटा 09:04 -10:45अशुभ
गुली काल 12:26 -14:06 अशुभ
अभिजित 11:59 -12:52 शुभ
दूर मुहूर्त 08:24 – 09:17 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:22 – 24:16अशुभ
वर्ज्यम 28:38-30:24 अशुभ
प्रदोष 19:09 – 21:17 शुभ

💮चोघडिया, दिन

रोग 05:42- 07:23अशुभ
उद्वेग 07:23- 09:04 अशुभ
चर 09:04 – 10:45शुभ
लाभ 10:45-12:26 शुभ
अमृत 12:26-14:06 शुभ
काल 14:06 -15:47 अशुभ
शुभ 15:47 -17:28 शुभ
रोग 17:28- 19:09 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

काल 19:09-20:28 अशुभ
लाभ 20:28-21:47 शुभ
उद्वेग 21:47 – 23:07 अशुभ
शुभ 23:07-24:26 शुभ
अमृत 24:26-25:45 शुभ
काल 25:45*-27:04 शुभ
रोग 27:04 – 28:23*l अशुभ
काल 28:23-29:43 अशुभ

💮होरा, दिन

मंगल 05:42- 06:49
सूर्य 06:49 -07:57
शुक्र 07:57 -09:04
बुध 09:04 -10:11
चन्द्र 10:11-11:18
शनि 11:18 -12:26
बृहस्पति 12:26 -13:33
मंगल 13:33-14:40
सूर्य 14:40 -15:47
शुक्र 15:47 -16:54
बुध 16:54- 18:02
चन्द्र 18:02 -19:09

🚩होरा, रात

शनि 19:09- 20:02
बृहस्पति 20:02- 20:55
मंगल 20:55- 21:47
सूर्य 21:47 – 22:40
शुक्र 22:40 -23:33
बुध 23:33 -24:26
चन्द्र 24:26-25:19
शनि 25:19-26:11
बृहस्पति 26:11-27:04
मंगल 27:04-27:57
सूर्य 27:57-28:50
शुक्र 28:50-29:43

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*

कर्क > 04:44 से 07:05 तक
सिंह > 07:04 से 09:26 तक
कन्या > 09:26 से 11:40 तक
तुला > 11:40 से 14:00 तक
वृश्चिक > 14:00 से 16:20 तक
धनु > 16:20 से 18:34 तक
मकर > 18:34 से 20:12 तक
कुम्भ > 20:12 से 21:32 तक
मीन > 21:32 से 22:52 तक
मेष > 22:52 से 00:48 तक
वृषभ > 00:48 से 02:38 तक
मिथुन > 02:38 से 05:44 तक
=======================

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————- उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

5 + 3 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

बुध ग्रह मुखहुति

*💮 शिव वास एवं फल -:*

5 + 5 + 5 = 15 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

*नागपंचमी*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

साधुभ्यस्ते निवर्तन्ते पुत्रामित्राणि बान्धवाः ।
ये च तैः सह गन्तारस्तध्दर्मात्सुकृतं कुलम् ।।
।।चाo नीo।।

पुत्र , मित्र, सगे सम्बन्धी साधुओं को देखकर दूर भागते है, लेकिन जो लोग साधुओं का अनुशरण करते है उनमे भक्ति जागृत होती है और उनके उस पुण्य से उनका सारा कुल धन्य हो जाता है

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

गीता -: अर्जुन विषादयोग:- अo-1

संजय उवाच
दृष्टवा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा।
आचार्यमुपसंगम्य राजा वचनमब्रवीत्‌॥

संजय बोले- उस समय राजा दुर्योधन ने व्यूहरचनायुक्त पाण्डवों की सेना को देखा और द्रोणाचार्य के पास जाकर यह वचन कहा
॥2॥

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। बड़ा काम करने का मन बनेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। भाग्य अनुकूल रहेगा। रुके कार्य पूरे होंगे। प्रसन्नता रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय होगा।

🐂वृष
विवाद को बढ़ावा न दें। किसी व्यक्ति के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। दु:खद समाचार मिल सकता है। बेकार बातों की तरफ ध्यान न दें। दौड़धूप अधिक होगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग कम मिलेगा। कार्य की अधिकता रहेगी। जल्दबाजी न करें।

👫मिथुन
रचनात्मक कार्य पूर्ण व सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आयोजन होगा। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार में सफलता प्राप्त होगी। व्यस्तता रहेगी। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-बाहर सभी ओर से सफलता तथा प्रसन्नता प्राप्त होगा।

🦀कर्क
स्थायी संपत्ति में वृद्धि हो सकती है। प्रॉपर्टी के कामकाज बड़ा लाभ दे सकते हैं। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में प्रशंसा मिलेगी। रोजगार मिलेगा। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। लापरवाही न करें।

🐅सिंह
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उत्साह की अधिकता तथा व्यस्तता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। कारोबार ठीक चलेगा। महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य अनुकूल है, लाभ लें। घर-बाहर सभी ओर से सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी।

🙍‍♀️कन्या
बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। काम करने की इच्छा नहीं होगी। विवाद से क्लेश संभव है। बनते कामों में बाधा उत्पन्न होगी। मेहनत अधिक और लाभ कम रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। घर में तनाव रह सकता है। दूसरे लोग आपसे अधिक अपेक्षा करेंगे।

⚖️तुला
कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। धन प्राप्ति सुगम होगी। नौकरी में चैन रहेगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर मिल सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। जल्दबाजी न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🦂वृश्चिक
योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्यभार तथा अधिकार दोनों बढ़ सकते हैं। बाहर जाने की योजना बनेगी। शत्रुओं का पराभव होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

🏹धनु
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेशादि मनोनुकूल लाभ देंगे। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार में लाभ बढ़ेगा। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर मिल सकता है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति बनी रहेगी।

🐊मकर
विवाद को बढ़ावा न दें। फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। कुसंगति से बचें। घर-परिवार की चिंता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय बनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।

🍯कुंभ
चोट व रोग से बाधा संभव है। झंझटों में न पड़ें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। यात्रा लाभदायक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। समय अनुकूल है, लाभ लें। प्रमाद न करें। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।

🐟मीन
उत्साहवर्द्धक सूचना मिलेगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। फालतू खर्च होगा। बड़ा काम करने का मन बनेगा। कारोबार में लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड आदि मनोनुकूल लाभ देंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लाभ होगा।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🛕जय सियाराम*

*🍁पुण्य तपोबल एकत्रित करो!🍁*

एक सेठ के एक इकलौता पुत्र था पर छोटी सी उम्र मे ही गलत संगत के कारण राह भटक गया!

चिंतित सेठ को कुछ नही सूझ रहा था। तो वो भगवान् के मन्दिर में गया और दर्शन के बाद पुजारी जी को अपनी समस्या बताई !

पुजारी जी ने कहा की आप अपने पुत्र को कुछ दिन मन्दिर में भेजना कोशिश पुरी करेंगे की आपकी समस्या का समाधान हो, आगे जैसी हरि की ईच्छा !

सेठ ने पुत्र से कहा की तुम्हे कुछ दिनो तक मन्दिर जाना है, नही तो तुम्हे सम्पति से बेदखल कर दिया जायेगा…

घर से मन्दिर की दूरी ज्यादा थी और सेठ उसे किराये के गिनती के पैसे देते थे! अब वो एक तरह से बंदिश मे आ गया!

मंदिर के वहाँ एक वृद्ध बैठा रहता था और एक अजीब सा दर्द उसके चेहरे पर था और रोज वो बालक उस वृद्ध को देखता।

एक दिन मन्दिर के वहाँ बैठे उस वृद्ध को देखा तो उसे मस्ती सूझी और वो वृद्ध के पास जाकर हँसने लगा…

उसने वृद्ध से पुछा हॆ वृद्ध पुरुष तुम यहाँ ऐसे क्यों बैठे रहते हो.. लगता है बहुत दर्द भरी दास्तान है तुम्हारी और व्यंग्यात्मक तरीके से कहा शायद बड़ी भूलें की है जिंदगी मे?

उस वृद्ध ने जो कहा उसके बाद उस बालक का पूरा जीवन बदल गया!

उस वृद्ध ने कहा हाँ बेटा हँस लो आज तुम्हारा समय है.. पर याद रखना की जब समय बदलेगा तो एक दिन कोई ऐसे ही तुम पर हँसेगा!

सुनो बेटा मैं भी खुब दौड़ा.. मेरे चार चार बेटे है और उन्हे जिंदगी मे इस लायक बनाया की आज वो बहुत ऊँचाई पर है..

और इतनी ऊँचाई पर है वो की आज मैं उन्हे दिखाई नही देता हुं! और मेरी सबसे बड़ी भुल ये रही की मैंने अपने बारे मे कुछ भी न सोचा!

अपने इन अंतिम दिनो के लिये कुछ धन अपने लिये बचाकर न रखा। इसलिये आज मैं एक पराधीनता का जीवन जी रहा हुं!

पर मुझे तो अब इस मुरलीधर ने सम्भाल लिया। यहाँ तो पराधीन हुआ हुं..किन्तु डर ये है कही आगे जाकर भी पराधीन न हो जाऊँ!
.
बालक को उन शब्दो ने झकझोर कर रख दिया!

बालक – मैंने जो अपराध किया है उसके लिये मुझे क्षमा करना हॆ देव! पर हॆ देव आपने कहा की आगे जाकर पराधीन न रहूँ ये मेरी कुछ समझ मे न आया?
.
वृद्ध – हॆ वत्स यदि तुम्हारी जानने की इच्छा है तो बिल्कुल सावधान होकर सुनना..

अनन्त यात्रा का एक पड़ाव मात्र है ये मानवदेह,,,और पराधीनता से बड़ा कोई अभिशाप नही है,, और आत्मनिर्भरता से बड़ा कोई वरदान नही है!

अभिशाप की जिन्दगी से मुक्ति पाने के लिये कुछ न कुछ दान- धर्म, जप-तपअवश्य करते रहना! धन शरीर के लिये तो दान-धर्म, जप-तप आत्मा के लिये बहुत जरूरी है!

दान-धर्म के साथ नियमित साधना से तपोधन जोड़िये.. आगे की यात्रा मे बड़ा काम आयेगा!

क्योंकि जब तुम्हारा अंतिम समय आयेगा.. यदि देह का अंतिम समय है तो धन बड़ा सहायक होगा.. और देह समाप्त हो जायेगी तो फिर आगे की यात्रा शुरू हो जायेगी और वहाँ दान- धर्म, तपोधन बड़ा काम आयेगा!

और हाँ एक बात अच्छी तरह से याद रखना की धन तो केवल यहाँ काम आयेगा पर दान-धर्म, तपोधन यहाँ भी काम आयेगा और वहाँ भी काम आयेगा!

और यदि तुम पराधीन हो गये तो तुम्हारा साथ देने वाला कोई न होगा!

उसके बाद उस बालक का पुरा जीवन बदल गया!

इसलिये दान-धर्म और नियमित साधना से तपोधन एकत्रित करो..!!

*प्रत्येक मनुष्य को जीवन मे दान-धर्म सत्कर्म अपनी सामर्थ्य अनुसार अवश्य करते रहना चाहिए,,दान से कभी धन नही घटता अपितु उसमे दिनों दिन वृद्धि होती है,,इस लोक में भी और उस लोक में भी,, आपके द्वारा किया गया दान-धर्म-सत्कर्म ही अंतिम यात्रा में काम आएगा वँहा कोई साथ नही जाएगा आपके पूण्य ही आपके साथ जाएंगे,,गरुड़ पुराण आपने अवश्य सुनी होगी,,उसमे पूर्ण विस्तार से इसके विषय मे लिखा है,,वैतरणी नदी जो उस यात्रा में सबसे दुर्गम है उसे गौमाता बड़ी सरलता से हमारे सूक्ष्म शरीर को पार करा देती है,,जिसके लिए अंतिम समय मे मनुष्य को गाय की पूंछ आजकल लोग पकड़वाते है,,लेकिन क्या अंत मे गाय की पूंछ पकड़ने से गौमाता आपको वैतरणी नदी से पार लगा देगी,,नही,,कदाचित नही,,गौमाता उसे ही पार लगाएगी जिसने पूरे जीवन गौमाता की सेवा की हो,,,इसलिए शास्त्रों के गौदान को महादान कहा गया है,,इसलिए जो समर्थ हैं उन्हें अपने नाम से कम से कम एक गौमाता का दान अवश्य करना ही चाहिए,,और जो नही कर सकते वो गौसेवा करे किसी भी रूप में,,, तन से अपनी निकटम गौशाला में जा कर सेवा कर सकते है,,धन से कर सकते है,,भूसा चारा राशन डलवा सकते है,,प्रत्येक को कुछ न कुछ गौसेवा अवश्य करनी ही चाहिए…जय गौमाता,, जय गौपाल..*

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*

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जीवन में हमेशा सच बोलिए, ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

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