*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -लालच दुःख का कारण बन जाता हैँ*
*आज का पञ्चांग*
*दिनाँक:-16/06/2025,सोमवार*
*पंचमी, कृष्ण पक्ष,*
*आषाढ*
(समाप्ति काल
तिथि———— पंचमी 15:31:03. तक
पक्ष————————– कृष्ण
नक्षत्र———— धनिष्ठा 25:12:37
योग————- वैधृति 11:05:39
करण————- तैतुल 15:31:02
करण————— गर 27:11:46
वार———————— सोमवार
माह———————— आषाढ
चन्द्र राशि——- मकर 13:08:52
चन्द्र राशि—————— कुम्भ
सूर्य राशि—————— मिथुन
रितु—————————ग्रीष्म
आयन——————– उत्तरायण
संवत्सर——————- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) ————–सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————–2082
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————— 1947
कलि संवत—————— 5126
सूर्योदय—————- 05:24:56
सूर्यास्त——————19:15:05
दिन काल————– 13:50:08
रात्री काल————– 10:09:59
चंद्रास्त—————– 09:47:16
चंद्रोदय—————– 23:17:05
लग्न—- मिथुन 0°54′ , 60°54′
सूर्य नक्षत्र—————— मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र—————— धनिष्ठा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
गा—- धनिष्ठा 07:04:38
गी—- धनिष्ठा 13:08:52
गु—- धनिष्ठा 19:11:32
गे—- धनिष्ठा 25:12:37
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य= मिथुन 00°49, मृगशिरा 3 का
चन्द्र= मकर 25°30 , धनिष्ठा 1 गा
बुध = मिथुन 19°52 ‘ आर्द्रा 4 छ
शु क्र= मेष 15°05, भरणी 1 ली
मंगल= सिंह 05°30 ‘ मघा 2 मी
गुरु=मिथुन 07°30 आर्द्रा , 1 कु
शनि=मीन 07°48 ‘ उ o भा o , 2 थ
राहू=(व) कुम्भ 28°35 पू o भा o, 3 दा
केतु= (व) सिंह 28°35 उ oफा o 1 टे
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*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*
राहू काल 07:09 – 08:52 अशुभ
यम घंटा 10:36 – 12:20 अशुभ
गुली काल 14:04 – 15:48 अशुभ
अभिजित 11:52 – 12:48 शुभ
दूर मुहूर्त 12:48 – 13:43 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:34 – 16:29 अशुभ
प्रदोष 19:15 – 21:18 शुभ
🚩पंचक ¹ 13:09 – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 05:25 – 07:09 शुभ
काल 07:09 – 08:52 अशुभ
शुभ 08:52 – 10:36 शुभ
रोग 10:36 – 12:20 अशुभ
उद्वेग 12:20 – 14:04 अशुभ
चर 14:04 – 15:48 शुभ
लाभ 15:48 – 17:31 शुभ
अमृत 17:31 – 19:15 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 19:15 – 20:31 शुभ
रोग 20:31 – 21:48 अशुभ
काल 21:48 – 23:04 अशुभ
लाभ 23:04 – 24:20* शुभ
उद्वेग 24:20* – 25:36* अशुभ
शुभ 25:36* – 26:53* शुभ
अमृत 26:53* – 28:09* शुभ
चर 28:09* – 29:25* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 05:25 – 06:34
शनि 06:34 – 07:43
बृहस्पति 07:43 – 08:52
मंगल 08:52 – 10:02
सूर्य 10:02 – 11:11
शुक्र 11:11 – 12:20
बुध 12:20 – 13:29
चन्द्र 13:29 – 14:38
शनि 14:38 – 15:48
बृहस्पति 15:48 – 16:57
मंगल 16:57 – 18:06
सूर्य 18:06 – 19:15
🚩होरा, रात
शुक्र 19:15 – 20:06
बुध 20:06 – 20:57
चन्द्र 20:57 – 21:48
शनि 21:48 – 22:38
बृहस्पति 22:38 – 23:29
मंगल 23:29 – 24:20
सूर्य 24:20* – 25:11
शुक्र 25:11* – 26:02
बुध 26:02* – 26:53
चन्द्र 26:53* – 27:43
शनि 27:43* – 28:34
बृहस्पति 28:34* – 29:25
*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मिथुन > 05:26 से 07:38 तक
कर्क > 07:38 से 10:00 तक
सिंह > 10:00 से 12:16 तक
कन्या > 12:16 से 14:32 तक
तुला > 14:32 से 16:44 तक
वृश्चिक > 16:44 से 19:08 तक
धनु > 19:08 से 21:18 तक
मकर > 21:18 से 23:02 तक
कुम्भ > 23:02 से 00:20 तक
मीन > 00:20 से 01:42 तक
मेष > 01:42 से 03:34 तक
वृषभ > 03:40 से 05:26 तक
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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 5 + 2 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरू ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभा रूढ़ = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*पंचक प्रारंभ 13:06 से*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गणा ।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृत ।।
।। चाo नीo।।
महिलाओं में पुरुषों कि अपेक्षा:
भूख दो गुना,
लज्जा चार गुना,
साहस छः गुना,
और काम आठ गुना होती है।
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18
धृत्या यया धारयते मनःप्राणेन्द्रियक्रियाः।
योगेनाव्यभिचारिण्या धृतिः सा पार्थ सात्त्विकी॥
हे पार्थ! जिस अव्यभिचारिणी धारण शक्ति (भगवद्विषय के सिवाय अन्य सांसारिक विषयों को धारण करना ही व्यभिचार दोष है, उस दोष से जो रहित है वह ‘अव्यभिचारिणी धारणा’ है।) से मनुष्य ध्यान योग के द्वारा मन, प्राण और इंद्रियों की क्रियाओं ( मन, प्राण और इंद्रियों को भगवत्प्राप्ति के लिए भजन, ध्यान और निष्काम कर्मों में लगाने का नाम ‘उनकी क्रियाओं को धारण करना’ है।) को धारण करता है, वह धृति सात्त्विकी है
॥33॥
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। किसी वरिष्ठ प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कष्ट व भय सताएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा।
🐂वृष
राजभय रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। यात्रा में जल्दबाजी न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। भागदौड़ अधिक रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश सोच-समझकर करें।
👫मिथुन
कुबुद्धि हावी रहेगी। चोट व रोग से बचें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी बड़ी समस्या से मुक्ति मिल सकती है। किसी न्यायपूर्ण बात का भी विरोध हो सकता है। विवाद न करें।
🦀कर्क
चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। यश बढ़ेगा। दूर से शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। घर में मेहमानों का आगमन होगा। कोई मांगलिक कार्य हो सकता है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।
🐅सिंह
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्यों में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रशंसा होगी। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। चोट व रोग से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। व्यापार ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा।
🙍♀️कन्या
शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति पर व्यय होगा। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। भाग्य का साथ रहेगा। शेयर मार्केट से लाभ होगा।
⚖️तुला
शरीर में कमर व घुटने आदि के दर्द से परेशानी हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। शत्रुभय रहेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। परिवार में मांगलिक कार्य हो सकता है।
🦂वृश्चिक
कुसगंति से बचें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। किसी दूसरे व्यक्ति की बातों में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यापार अच्छा चलेगा। नौकरी में मातहतों से कहासुनी हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें।
🏹धनु
धार्मिक अनुष्ठान पूजा-पाठ इत्यादि का कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। कोर्ट-कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। मानसिक शांति रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। समय अनुकूल है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। शारीरिक कष्ट संभव है।
🐊मकर
सुख के साधन प्राप्त होंगे। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक काम करने की इच्छा रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🍯कुंभ
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रमाद न करें।
🐟मीन
पुराना रोग उभर सकता है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस लग सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*🛕जय श्री राम🙏*
*लालच दुःख का कारण बन जाता हैँ*
*एक बार श्रीचन्द नामक पंडित जी कई वर्षो से काशी में शास्त्रों और वेदों का अध्ययन कर रहे थे। उन्हें सभी वेदों का ज्ञान हो गया था। श्रीचन्द जी को लगा कि अब वह अपने गाँव के सबसे ज्ञानी व्यक्ति कहलायेगे। उनके अन्दर घमण्ड आ गया था।*
अगले दिन श्रीचन्द जी अपने गाँव जाने लगे। गाँव में आते ही एक किसान ने उनसे पूछा, क्या आप हमें बता सकते है, कि हमारे समाज में लोग दुखी क्यों है? श्रीचन्द जी ने कहा, लोगो के पास जीने के लिए पर्याप्त साधन नहीं है। अपनी जरुरत पूरी करने के लिए धन नहीं है, इसलिए लोग दुखी है। किसान ने कहा,परन्तु श्रीचन्द जी जिन लोगो के पास धन दौलत है,वह लोग भी दुखी है। मेरे पास धन संपत्ति है फिर भी मै दुखी हूँ क्यों ?
श्रीचन्द जी को कुछ समझ नहीं आया कि वह किसान को क्या उत्तर दे। किसान ने कहा कि,वह आपको अपनी सारी संपत्ति दान कर देगा अगर आप उस के दुःख का कारण पता करके उसे बता दे तो। श्रीचन्द जी ने उसकी संपत्ति के लालच में कहा, ठीक है मैं कुछ दिनों में ही आपके दुःख का कारण ढूंढ लाऊंगा।
यह कहकर श्रीचन्द जी पुनः काशी चले गए। उन्होंने शास्त्रों और वेदों का फिर से अध्ययन किया, परन्तु उन्हें किसान के सवाल का जवाव नहीं मिला। श्रीचन्द जी बहुत परेशान थे। वह सोच रहे थे कि अगर मैं किसान के सवाल का उत्तर नहीं दे पाया तो, लाखो की संपत्ति हाथ से चली जाएगी। अचानक उनकी मुलाकात एक औरत से हुई, जो रोड पर भीख माँग कर अपना गुजारा करती थी। उसने श्रीचन्द जी से उनके दुःख का कारण पूछा।
श्रीचन्द जी ने उसे सबकुछ बता दिया। उस औरत ने कहा कि वह उनको उनके सवाल का उत्तर देगी परन्तु उसके लिए उन्हें उसके साथ कुछ दिन रहना पड़ेगा। श्रीचन्द जी कुछ देर चुप रहे वह सोच रहे थे कि, वह इसके साथ कैसे रह सकते है। अगर वह इसके साथ रहे तो उनको धर्म नष्ट हो जायेगा। श्रीचन्द जी ने फिर सोचा कुछ दिनों की बात है उन्हें किसान के सवाल का उत्तर जब मिल जायेगा वह चले जायेगे और किसान की संपत्ति के मालिक बन जायेगे।
श्रीचन्द जी उसके साथ रहने के लिए तैयार हो गए। कुछ दिन तक वह उसके साथ रहे पर सवाल का उत्तर उस औरत ने नहीं दिया। श्रीचन्द जी ने उससे कहा, मेरे सवाल का उत्तर कब मिलेगा। औरत बोली, आपको मेरे हाथ का खाना खाना होगा। श्रीचन्द जी मान गए। जो किसी के हाथ का पानी भी नहीं पीते थे, वह उस गन्दी औरत के हाथ का बना खाना खा रहे थे ।
उनके सवाल का उत्तर अब भी नहीं मिला। अब औरत ने बोला उन्हें भी उनके साथ सड़क पर खड़े होकर भीख मांगनी पड़ेगी।श्रीचन्द जी को किसान के सवाल का उत्तर पता करना था, इसलिए वह उसके साथ भीख मांगने के लिए भी तैयार हो गए। उसके साथ भीख मांगने पर भी उसे अभी तक सवाल का उत्तर नहीं मिला था।
एक दिन औरत ने श्रीचन्द जी से कहा कि उन्हें आज उसका झूठा भोजन खाना है। यह सुनकर श्रीचन्द जी को गुस्सा आया, और वह उसपे चिल्लाये और बोले तुम मुझे मेरे सवाल का उत्तर दे सकती हो तो बताओ।
वह औरत मुस्कुराई और बोली, श्रीचन्द जी यह तो आपके सवाल का उत्तर है। यहाँ आने से पहले आप किसी के हाथ का पानी भी नहीं पीते थे। मेरे जैसी औरतो को तो आप देखना भी पसंद नहीं करते थे,परन्तु किसान की संपत्ति के लालच में आप मेरे साथ रहने के लिए भी तैयार हो गए।
श्रीचन्द जी, असल में इंसान का लालच और उसकी बढ़ती हुई इच्छाए ही उसके दुःख का कारण है। जो उसे वह सबकुछ करने पर मजबूर कर देती है, जो उसने कभी करने के लिए सोचा भी नहीं होता। हमे इतनी भी लालच नही करना चाहिये की हम हमारा आत्म सम्मान खो बैठे । धन , सुख ,संपत्ति आनी जानी हैं पर आपका सम्मान आपके जाने के बाद भी तटस्थ रहेगा।
धन की लालच ना करे ।
वैसे तो जीवन मै हमारे पास अनेको कारण दुःख के होते हैं । हमे ये नही मिल पाया ,हमारे बच्चों को ये नही मिल पाया, हमे बडा घर का सुख नही मिला, हमे बड़ी गाडी का सुख नही मिला । हमारी लालच हमेशा बढ़ती ही जाती हैं । हमें जो मिलता हैं हम उसमे ख़ुशी की तलाश नही करते पर जो नही मिल पाता उसका हम जिंदगी भर गम पालते हैं । हमारी हालत वैसे ही हैं यदि एक दांत टूट जाए तो हमारी जुबान उसी खाली दांत की तरफ ही जायगी। हम जो 31 दांत बचे उसका आनन्द नही उठाते।
जिंदगी मै लालच हमे अन्धकार की और ले जाता हैं। यही हमारे घमण्ड का कारक भी बनता हैं।लालच हमे ऊंचाई से नीचे भी गिरा देता हैं। किसी वस्तु को पाने की मेहनत करना सफलता हो सकती हैं।पर किसी वस्तु की लालच कर उसको गलत तरीके से पाना हमे अपने आपको भटका सकता हैं।ज्यादा लालच हमारे दुःख का कारण भी बनता हैं।हम कल के लिये और और इकट्ठा करने के लालच मै आज की जिंदगी भी नही जी पाते..!!
“हर कहानी सिर्फ शब्दों का मेल नहीं होती, बल्कि कई गहरी अनुभव और आत्मिक सीख से भरी होती है। 👇🏻👇🏻
1. *लालच इंसान को अंधा बना देता है:*
श्रीचन्द जी एक विद्वान और सम्मानित व्यक्ति थे, लेकिन संपत्ति के लालच में उन्होंने अपने सिद्धांतों को ताक पर रख दिया। इससे यह सिख मिलती है कि जब हम अत्यधिक लालच में फंसते हैं, तो हम अपने आत्म-सम्मान और मूल्य खो बैठते हैं।
2. *इच्छाओं की सीमा नहीं होती:*
जब हम अपनी जरूरतों की बजाय इच्छाओं के पीछे भागते हैं, तो हम कभी संतुष्ट नहीं हो सकते। श्रीचन्द जी के जैसे हमें भी वह नहीं मिल पाता जो हमारे पास है, क्योंकि हम सिर्फ और ज्यादा पाने के पीछे भागते रहते हैं।
3. *सच्चा ज्ञान अनुभव से आता है, न कि सिर्फ पढ़ाई से:*
श्रीचन्द जी ने वेद-शास्त्र पढ़े थे, लेकिन उन्हें सच्चा उत्तर तब मिला जब उन्होंने जीवन के वास्तविक अनुभवों से सीखा। इससे यह सिख मिलती है कि केवल ज्ञान नहीं, जीवन की सच्चाईयों को समझना भी जरूरी है।
4. *सम्मान सबसे बड़ी संपत्ति है:*
श्रीचन्द जी ने अंत में यह महसूस किया कि थोड़े लाभ के लिए जब आत्मसम्मान से समझौता किया जाए, तो वह प्राप्ति भी व्यर्थ हो जाती है। हमें कभी भी किसी भी कीमत पर अपनी गरिमा को नहीं खोना चाहिए।
5. *संतोष और सरलता में ही सुख है:*
कहानी में बताया गया है कि आधी और रूखी रोटी भी अच्छी है अगर वह आपकी मेहनत से मिली हो। लालच से मिली भरी-पूरी चीजें अंततः दुख का कारण बनती हैं। इसलिए, संतोष ही सच्चा सुख है।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*
