*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -भक्त निर्धन क्यों होते हैं!*
📜««« *आज का पंचांग* »»»🌞🚩
कलियुगाब्द…………………..5127
विक्रम संवत्………………….2082
शक संवत्…………………….1947
मास……………………………बैशाख
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी………………………….द्वादशी
दोप 02.57 पर्यंत पश्चात त्रयोदशी
रवि…………………………उत्तरायण
सूर्योदय…….प्रातः 05.49.59 पर
सूर्यास्त……..संध्या 06.57.00 पर
सूर्य राशि……………………….मेष
चन्द्र राशि…………………….कन्या
गुरु राशि………………………वृषभ
नक्षत्र……………………………हस्त
रात्रि 12.04 पर्यंत पश्चात चित्रा
योग……………………………….वज्र
रात्रि 02.52 पर्यंत पश्चात सिद्धि
करण………………………….बालव
दोप 02.57 पर्यंत पश्चात कौलव
ऋतु…………………(माधव) बसंत
दिन…………………………शुक्रवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
09 मई सन 2025 ईस्वी ।
☸ शुभ अंक………………….9
🔯 शुभ रंग……………आसमानी
👁🗨 *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.36 से 12.29 तक ।
👁🗨 *राहुकाल (अशुभ) :-*
प्रात: 10.23 से 12.02 तक ।
🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।
🌞 *उदय लग्न तालिका -*
*मेष*
04:30:58 06:12:26
*वृषभ*
06:12:26 08:10:34
*मिथुन*
08:10:34 10:24:17
*कर्क*
10:24:17 12:40:27
*सिंह*
12:40:27 14:52:15
*कन्या*
14:52:15 17:02:55
*तुला*
17:02:55 19:17:33
*वृश्चिक*
19:17:33 21:33:43
*धनु*
21:33:43 23:39:19
*मकर*
23:39:19 25:26:25
*कुम्भ*
25:26:25 26:59:58
*मीन*
26:59:58 28:30:58
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.04 से 08.43 तक लाभ
प्रात: 08.43 से 10.22 तक अमृत
दोप. 12.02 से 01.41 तक शुभ
सायं 04.59 से 06.38 तक चंचल
रात्रि 09.20 से 10.40 तक लाभ ।
📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ माधवाय नम: ॥
📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (एकादशोऽध्यायः – विश्वरूपदर्शनयोग:) -*
भक्त्या त्वनन्यया शक्य अहमेवंविधोऽर्जुन ।
ज्ञातुं द्रष्टुं च तत्त्वेन प्रवेष्टुं च परंतप ॥११- ५४॥
अर्थात :
परन्तु हे परंतप अर्जुन! अनन्य भक्ति के द्वारा इस प्रकार चतुर्भुज रूपवाला मैं प्रत्यक्ष देखने के लिए, तत्व से जानने के लिए तथा प्रवेश करने के लिए अर्थात एकीभाव से प्राप्त होने के लिए भी शक्य हूँ॥54॥
🍃 *आरोग्यं :-*
*रुखी त्वचा के लिए घरेलू उपाय -*
*3. जैतून का तेल -*
जैतून का तेल रूखी त्वचा के लिए एक मॉइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। ओलिव ऑइल या जैतून का तेल कई एंटीऑक्सीडेंट और स्वस्थ फैटी एसिड से भपूर होता है जो आपकी त्वचा के लिए अच्छा होता है। यह आपके शरीर पर रूखी त्वचा या शुष्क त्वचा को शांत और ठीक कर सकता है। इसके लिए आप स्नान से आधे घंटे पहले, अपने हाथों, पैरों और अन्य शुष्क क्षेत्रों में कुछ जैतून का तेल रगड़ें और हल्के से मालिश करें और फिर एक हल्का मॉइस्चराइज़र लगाएं।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
सही काम का भी विरोध होगा। कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। कोई बड़ी समस्या बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने के प्रति रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में चैन बना रहेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। झंझटों में न पड़ें। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
शत्रुभय रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद से क्लेश होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐश्वर्य के साधनों पर सोच-समझकर खर्च करें। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि बाद में पछताना पड़े। दूसरे अधिक अपेक्षा करेंगे। नकारात्मकता हावी रहेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
प्रतिद्वंद्विता कम होगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बात बिगड़ सकती है। शत्रुभय रहेगा। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्त्री वर्ग से सहायता प्राप्त होगी। नौकरी व निवेश में इच्छा पूरी होने की संभावना है।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
भूमि व भवन संबंधी खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आर्थिक उन्नति होगी। संचित कोष में वृद्धि होगी। देनदारी कम होगी। नौकरी में मनोनुकूल स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट आदि से बड़ा फायदा हो सकता है। परिवार की चिंता बनी रहेगी।
👧 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। झंझटों में न पड़ें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
शत्रुओं का पराभव होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। बेवजह किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के बहकावे में न आएं। फालतू बातों पर ध्यान न दें। लाभ में वृद्धि होगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तुएं गुम हो सकती हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की बाधा दूर होगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि तथा सम्मान में वृद्धि होगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
किसी भी तरह के विवाद में पड़ने से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी। राजभय रहेगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। सही काम का भी विरोध हो सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। किसी अनहोनी की आशंका रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में लापरवाही न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट से बड़ा लाभ हो सकता है।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है या समय पर नहीं मिलेगी। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। यश बढ़ेगा।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विवेक से कार्य करें। लाभ में वृद्धि होगी। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार-व्यवसाय की गति बढ़ेगी। चिंता रह सकती है। थकान रहेगी। प्रमाद न करें।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
*🛕जय श्री राम🙏*
*_भक्त निर्धन क्यों होते हैं!🌳_*
*_एक बार नारद जी ने भगवान से प्रश्न किया- कि प्रभु आपके भक्त निर्धन क्यों होते हैं…..?_*
*_भगवान बोले: “नारद जी ! मेरी कृपा को समझना बड़ा कठिन है।”_*
*_इतना कहकर भगवान नारद के साथ साधु भेष में पृथ्वी पर पधारे- और एक सेठ जी के घर भिक्षा मांगने के लिए द्वार खटखटाने लगे।_*
*_सेठ जी बिगड़ते हुए द्वार की और आए और देखा; तो दो साधु खड़े हैं!_*
*_भगवान बोले: “भैया ! बड़े जोरों की भूख लगी है-थोड़ा सा भोजन मिल जाए।”_*
*_सेठ जी बिगड़कर बोले: “तुम दोनों को लाज नहीं आती। तुम्हारे बाप का माल है….? कर्म करके खाने में लाज आती है, जाओ-जाओ किसी होटल में भिक्षा मांगना।”_*
*_नारद जी बोले: “देखा प्रभु ! यह आपके भक्तों और आपका निरादर करने वाला सुखी प्राणी है।_*
*_इसको अभी शाप दीजिये!” नारद जी की बात सुनते ही- भगवान ने उस सेठ को अधिक धन सम्पत्ति बढ़ाने वाला वरदान दे दिया।_*
*_इसके बाद भगवान नारद जी को लेकर एक बुढ़ी मैया के घर में गए।_*
*_जिसकी एक छोटी सी झोपड़ी थी,जिसमें एक गाय के अलावा- और कुछ भी नहीं था।_*
*_जैसे ही भगवान ने भिक्षा के लिए आवाज लगायी,बुढ़ी मैया बड़ी खुशी के साथ बाहर आयी।_*
*_दोनों सन्तों को आसन देकर बिठाया- और उनके पीने के लिए दुध लेकर आयीं, और.. बोली: “प्रभु ! मेरे पास और कुछ नहीं है- इसे ही स्वीकार कीजिये!”_*
*_भगवान ने बड़े प्रेम से स्वीकार किया! तब नारद जी ने भगवान से कहा: “प्रभु ! आपके भक्तों की इस संसार में देखो कैसी दुर्दशा है,मेरे से तो देखी नहीं जाती।_*
*_यह बेचारी बुढ़ी मैया! आपका भजन करती है- और अतिथि सत्कार भी करती है। आप इसको कोई अच्छा सा आशीर्वाद दीजिए।”_*
*_भगवान ने थोड़ा सोचकर- उसकी गाय को मरने का अभिशाप दे डाला।”_*
*_यह सुनकर नारद जी बिगड़ गए- और कहा: “प्रभु जी! यह आपने क्या किया….?”_*
*_भगवान बोले: “यह बुढ़िया मैया! मेरा बहुत भजन करती है।_*
*_कुछ दिनों में- इसकी मृत्यु हो जाएगी, और मरते समय इसको गाय की चिन्ता सताएगी कि…..मेरे मरने के बाद मेरी गाय को कोई कसाई न ले जाकर काट दे….मेरे मरने के बाद इसको कौन देखेगा…?_*
*_तब इस मैया को मरते समय मेरा स्मरण न होकर बस गाय की ही चिन्ता रहेगी!_*
*_और वह मेरे धाम को न जाकर गाय की योनि में चली जाएगी।”_*
*उधर सेठ को धन बढ़ाने वाला वरदान दिया कि- मरने के वक़्त धन तथा तिजोरी का ध्यान करेगा- और वह तिजोरी के नीचे साँप बनेगा।_*
*_प्रकृति का नियम है- कि जिस चीज मे अति लगाव रहेगा- यह जीव मरने के बाद, वही जन्म लेता है!_*
*और बहुत दुख भोगता है..अतः अपना चिंतन प्रभू की और अधिक रखे !*
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*
