*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -चार आने का हिसाब*
*आज का पञ्चांग*
*दिनांक:- 04/05/2025, रविवार*
*सप्तमी, शुक्ल पक्ष,*
*वैशाख*
(समाप्ति काल)
तिथि———–सप्तमी 07:18:18 तक
पक्ष————————-शुक्ल
नक्षत्र———— पुष्य 12:52:33
योग————- गण्ड 24:40:34
करण———– वणिज 07:18:19
करण——- विष्टि भद्र 19:20:41
वार———————– रविवार
माह———————- वैशाख
चन्द्र राशि—————— कर्क
सूर्य राशि—————— मेष
रितु———————— ग्रीष्म
आयन——————-उत्तरायण
संवत्सर—————– विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) —————सिद्धार्थी
विक्रम संवत—————- 2082
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत——————1947
कलि संवत—————- 5126
सूर्योदय————– 05:38:53
सूर्यास्त————– 18:53:24
दिन काल———— 13:14:31
रात्री काल————- 10:44:43
चंद्रोदय————– 11:37:38
चंद्रास्त—————- 25:32:25
लग्न—– मेष 19°35′ , 19°35′
सूर्य नक्षत्र—————– भरणी
चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य
नक्षत्र पाया——————-रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
हो—- पुष्य 06:43:02
ड—- पुष्य 12:52:33
डी—- आश्लेषा 19:05:06
डू—- आश्लेषा 25:20:37
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य= मेष 19°40, भरणी 2 लू
चन्द्र= कर्क 12°30 , पुष्य 3 हो
बुध =मीन 25°52 ‘ रेवती 3 च
शु क्र= मीन 07°05, उ o फाo’ 2 थ
मंगल=कर्क 12°30 ‘ पुष्य ‘ 3 हो
गुरु=वृषभ 27°30 मृगशिरा, 2 वो
शनि=मीन 04°88 ‘ उ o भा o , 1 दू
राहू=(व) मीन 00°50 पू o भा o, 4 दी
केतु= (व)कन्या 00°50 उ oफा o 2 टो
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*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*
राहू काल 17:14 – 18:53 अशुभ
यम घंटा 12:16 – 13:55 अशुभ
गुली काल 15:35 – 17: 14अशुभ
अभिजित 11:50 – 12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 17:07 – 18:00 अशुभ
वर्ज्यम 26:11* – 27:52* अशुभ
प्रदोष 18:53 – 21:04 शुभ
🚩गंड मूल 12:53 – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:39 – 07:18 अशुभ
चर 07:18 – 08:58 शुभ
लाभ 08:58 – 10:37 शुभ
अमृत 10:37 – 12:16 शुभ
काल 12:16 – 13:55 अशुभ
शुभ 13:55 – 15:35 शुभ
रोग 15:35 – 17:14 अशुभ
उद्वेग 17:14 – 18:53 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
शुभ 18:53 – 20:14 शुभ
अमृत 20:14 – 21:35 शुभ
चर 21:35 – 22:55 शुभ
रोग 22:55 – 24:16* अशुभ
काल 24:16* – 25:36* अशुभ
लाभ 25:36* – 26:57* शुभ
उद्वेग 26:57* – 28:18* अशुभ
शुभ 28:18* – 29:38* शुभ
💮होरा, दिन
सूर्य 05:39 – 06:45
शुक्र 06:45 – 07:51
बुध 07:51 – 08:58
चन्द्र 08:58 – 10:04
शनि 10:04 – 11:10
बृहस्पति 11:10 – 12:16
मंगल 12:16 – 13:22
सूर्य 13:22 – 14:29
शुक्र 14:29 – 15:35
बुध 15:35 – 16:41
चन्द्र 16:41 – 17:47
शनि 17:47 – 18:53
🚩होरा, रात
बृहस्पति 18:53 – 19:47
मंगल 19:47 – 20:41
सूर्य 20:41 – 21:35
शुक्र 21:35 – 22:28
बुध 22:28 – 23:22
चन्द्र 23:22 – 24:16
शनि 24:16* – 25:10
बृहस्पति 25:10* – 26:03
मंगल 26:03* – 26:57
सूर्य 26:57* – 27:51
शुक्र 27:51* – 28:44
बुध 28:44* – 29:38
*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मेष > 04:36 से 06:10 तक
वृषभ > 06:10 से 07:54 तक
मिथुन > 07:54 से 10:34 तक
कर्क > 10:34 से 12:48 तक
सिंह > 12:48 से 15:04 तक
कन्या > 15:04 से 17:20 तक
तुला > 17:20 से 19:32 तक
वृश्चिक > 19:32 से 22:00 तक
धनु > 22:00 से 00:12 तक
मकर > 00:12 से 01:50 तक
कुम्भ > 01:50 से 03:10 तक
मीन > 03:10 से 04:32 तक
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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौंजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
7 + 1 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
7 + 7 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
07:18 से रात्रि 19:27 तक
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*सर्वार्थ सिद्धि योग 12:52 तक*
*रवि पुष्य योग 12:52 तक*
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
रूपयौवनसंपन्ना विशालकुलसम्भवाः ।
विद्याहीना नशोभन्ते निर्गन्धा इवकिंशुकाः ।।
।। चा o नी o।।
जो लोग दिखने में सुन्दर है, जवान है, ऊँचे कुल में पैदा हुए है, वो बेकार है यदि उनके पास विद्या नहीं है. वो तो पलाश के फूल के समान है जो दिखते तो अच्छे है पर महकते नहीं.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -:श्रद्धात्रयविभागयोग :- अo-17
मूढग्राहेणात्मनो यत्पीडया क्रियते तपः।,
परस्योत्सादनार्थं वा तत्तामसमुदाहृतम्॥,
जो तप मूढ़तापूर्वक हठ से, मन, वाणी और शरीर की पीड़ा के सहित अथवा दूसरे का अनिष्ट करने के लिए किया जाता है- वह तप तामस कहा गया है॥,19॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष
राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से खिन्नता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। समय की अनुकूलता मिलेगी। आलस्य हावी रहेगा। घर में सुख-शांति रहेगी। लाभ होगा।
🐂वृष
भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त लाभदायक रहेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। कुसंगति से बचें। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी बड़े काम में हाथ डाल पाएंगे।
👫मिथुन
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। प्रसन्नता तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। भाइयों से सहयोग मिलेगा। कुसंगति से हानि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
🦀कर्क
बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। मेहनत अधिक होगी। लाभ के अवसर टलेंगे। समय पर बाहर से धन नहीं मिलने से निराशा रहेगी। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे। मातहतों का साथ नहीं मिलेगा। थकान रहेगी। व्यवसाय-व्यापार से मनोनुकूल लाभ होगा।
🐅सिंह
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। धन प्राप्ति सु्गम होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सभी काम समय पर होने से प्रशंसा प्राप्त होगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। पारिवारिक चिंताओं में कमी होगी। प्रमाद न करें।
🙍♀️कन्या
पुराने साथियों तथा रिश्तेदारों से मुलाकात सुखद रहेगी। अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। मान बढ़ेगा। किसी नए उपक्रम को प्रारंभ करने पर विचार होगा। लंबी यात्रा की इच्छा रहेगी। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी न करें।
⚖️तुला
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। नए काम मिल सकते हैं। कार्य से संतुष्टि रहेगी। प्रसन्नता तथा उत्साह का वातावरण बनेगा। कारोबार लाभदायक रहेगा। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। प्रमाद से बचें।
🦂वृश्चिक
फालतू खर्च होगा। शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कोई भी निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। वाणी पर नियंत्रण रखें। काम में मन नहीं लगेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। इच्छाशक्ति प्रबल करें।
🏹धनु
डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नए काम हाथ में आएंगे। कारोबारी वृद्धि से प्रसन्नता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। अज्ञात भय रहेगा। पारिवारिक सहयोग से प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
🐊मकर
योजना फलीभूत होगी। कार्यपद्धति में सुधार होगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। मेहनत सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। शेयर मार्केट में जल्दबाजी से बचें। विवेक का प्रयोग करें। भाग्य का साथ मिलेगा। वरिष्ठ व्यक्तियों का मार्गदर्शन मिलेगा।
🍯कुंभ
अध्यात्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का मौका हाथ आएगा। सुख-शांति बने रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल चलेगा। मित्रों का सहयोग लाभ में वृद्धि करेगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रमाद न करें।
🐟मीन
अज्ञात भय रहेगा। अनहोनी की आशंका रहेगी। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कारोबार से लाभ होगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है।
*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*
*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! चार आने का हिसाब !!*
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बहुत समय पहले की बात है, चंदनपुर का राजा बड़ा प्रतापी था। दूर-दूर तक उसकी समृद्धि की चर्चाएं होती थी, उसके महल में हर एक सुख-सुविधा की वस्तु उपलब्ध थी पर फिर भी अंदर से उसका मन अशांत रहता था। बहुत से विद्वानों से मिला, किसी से कोई हल प्राप्त नहीं हुआ.. उसे शांति नहीं मिली।
एक दिन भेष बदल कर राजा अपने राज्य की सैर पर निकला। घूमते- घूमते वह एक खेत के निकट से गुजरा, तभी उसकी नज़र एक किसान पर पड़ी, किसान ने फटे-पुराने वस्त्र धारण कर रखे थे और वह पेड़ की छाँव में बैठ कर भोजन कर रहा था।
किसान के वस्त्र देख राजा के मन में आया कि वह किसान को कुछ स्वर्ण मुद्राएं दे दे ताकि उसके जीवन में कुछ खुशियां आ पाये।
राजा किसान के सम्मुख जा कर बोला- मैं एक राहगीर हूँ, मुझे तुम्हारे खेत पर ये चार स्वर्ण मुद्राएँ गिरी मिलीं, चूँकि यह खेत तुम्हारा है इसलिए ये मुद्राएं तुम ही रख लो।
किसान ना – ना सेठ जी, ये मुद्राएं मेरी नहीं हैं, इसे आप ही रखें या किसी और को दान कर दें, मुझे इनकी कोई आवश्यकता नहीं।
किसान की यह प्रतिक्रिया राजा को बड़ी अजीब लगी, वह बोला- धन की आवश्यकता किसे नहीं होती भला आप लक्ष्मी को ना कैसे कर सकते हैं?
सेठ जी, मैं रोज चार आने कमा लेता हूँ और उतने में ही प्रसन्न रहता हूँ… किसान बोला।
क्या ? आप सिर्फ चार आने की कमाई करते हैं और उतने में ही प्रसन्न रहते हैं, यह कैसे संभव है ! राजा ने अचरज से पुछा।
सेठ जी किसान बोला- प्रसन्नता इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आप कितना कमाते हैं या आपके पास कितना धन है… प्रसन्नता उस धन के प्रयोग पर निर्भर करती है।
तो तुम इन चार आने का क्या-क्या कर लेते हो? राजा ने उपहास के लहजे में प्रश्न किया।
किसान भी बेकार की बहस में नहीं पड़ना चाहता था उसने आगे बढ़ते हुए उत्तर दिया, इन चार आनों में से एक मैं कुएं में डाल देता हूँ, दूसरे से कर्ज चुका देता हूँ, तीसरा उधार में दे देता हूँ और चौथा मिटटी में गाड़ देता हूँ… राजा सोचने लगा, उसे यह उत्तर समझ नहीं आया। वह किसान से इसका अर्थ पूछना चाहता था, पर वो जा चुका था।
राजा ने अगले दिन ही सभा बुलाई और पूरे दरबार में कल की घटना कह सुनाई और सबसे किसान के उस कथन का अर्थ पूछने लगा।
दरबारियों ने अपने-अपने तर्क पेश किये पर कोई भी राजा को संतुष्ट नहीं कर पाया, अंत में किसान को ही दरबार में बुलाने का निर्णय लिया गया।
बहुत खोज-बीन के बाद किसान मिला और उसे कल की सभा में प्रस्तुत होने का निर्देश दिया गया।
राजा ने किसान को उस दिन अपने भेष बदल कर भ्रमण करने के बारे में बताया और सम्मान पूर्वक दरबार में बैठाया।
मैं तुम्हारे उत्तर से प्रभावित हूँ और तुम्हारे चार आने का हिसाब जानना चाहता हूँ; बताओ, तुम अपने कमाए चार आने किस तरह खर्च करते हो जो तुम इतना प्रसन्न और संतुष्ट रह पाते हो ? राजा ने प्रश्न किया।
किसान बोला- हुजूर, जैसा कि मैंने बताया था, मैं एक आना कुएं में डाल देता हूँ, यानि अपने परिवार के भरण-पोषण में लगा देता हूँ, दूसरे से मैं कर्ज चुकता हूँ, यानि इसे मैं अपने वृद्ध माँ-बाप की सेवा में लगा देता हूँ , तीसरा मैं उधार दे देता हूँ, यानि अपने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में लगा देता हूँ, और चौथा मैं मिटटी में गाड़ देता हूँ, यानि मैं एक पैसे की बचत कर लेता हूँ ताकि समय आने पर मुझे किसी से माँगना ना पड़े और मैं इसे धार्मिक, सामजिक या अन्य आवश्यक कार्यों में लगा सकूँ।
राजा को अब किसान की बात समझ आ चुकी थी। राजा की समस्या का समाधान हो चुका था, वह जान चुका था की यदि उसे प्रसन्न एवं संतुष्ट रहना है तो उसे भी अपने अर्जित किये धन का सही-सही उपयोग करना होगा।
देखा जाए तो पहले की अपेक्षा लोगों की आमदनी बढ़ी है पर क्या उसी अनुपात में हमारी प्रसन्नता भी बढ़ी है?
*शिक्षा:-*
पैसों के मामलों में हम कहीं न कहीं गलती कर रहे हैं, जीवन को संतुलित बनाना ज़रूरी है और इसके लिए हमें अपनी आमदनी और उसके इस्तेमाल पर ज़रूर गौर करना चाहिए, नहीं तो भले हम लाखों रूपये कमा लें पर फिर भी प्रसन्न एवं संतुष्ट नहीं रह पाएंगे..!!
*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
