*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- अक्षय तृतीया का महत्व*
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कलियुगाब्द……………………5127
विक्रम संवत्…………………..2082
शक संवत्………………………1947
रवि…………………………..उत्तरायण
मास…………………………….बैशाख
पक्ष………………………………शुक्ल
तिथी……………………………तृतीया
दोप 02.17 पर्यंत पश्चात चतुर्थी
सूर्योदय…….प्रातः 05.55.47 पर
सूर्यास्त……..संध्या 06.53.10 पर
सूर्य राशि………………………….मेष
चन्द्र राशि………………………वृषभ
गुरु राशि………………………..वृषभ
नक्षत्र………………………….रोहिणी
दोप 04.21 पर्यंत पश्चात मृगशीर्ष
योग……………………………..शोभन
दोप 12.03 पर्यंत पश्चात अतिगंड
करण…………………………….गरज
दोप 02.17 पर्यंत पश्चात वणिज
ऋतु………………….(माधव) बसंत
दिन…………………………….बुधवार
💮 *आंग्ल मतानुसार* :-
30 अप्रैल सन 2025 ईस्वी ।
👁🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.03 से 01.41 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मेष*
05:06:37 06:47:26
*वृषभ*
06:47:26 08:46:03
*मिथुन*
08:46:03 10:59:46
*कर्क*
10:59:46 13:15:56
*सिंह*
13:15:56 15:27:44
*कन्या*
15:27:44 17:38:24
*तुला*
17:38:24 19:53:02
*वृश्चिक*
19:53:02 22:09:12
*धनु*
22:09:12 24:14:48
*मकर*
24:14:48 26:01:54
*कुम्भ*
26:01:54 27:35:26
*मीन*
27:35:26 29:06:37
🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक……………………3
🔯 शुभ रंग……………………..हरा
💮 *चौघडिया :-*
प्रात: 07.09 से 08.47 तक अमृत
प्रात: 10.25 से 12.02 तक शुभ
दोप 03.18 से 04.55 तक चंचल
सायं 04.55 से 06.33 तक लाभ
रात्रि 07.55 से 09.18 तक शुभ ।
💮 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ प्रमथनाथाय नम: ।।
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः – विभूतियोग:) -*
न वेदयज्ञाध्ययनैर्न दानै- र्न च क्रियाभिर्न तपोभिरुग्रैः ।
एवंरूपः शक्य अहं नृलोके द्रष्टुं त्वदन्येन कुरुप्रवीर ॥११- ४८॥
अर्थात :
हे अर्जुन! मनुष्य लोक में इस प्रकार विश्व रूप वाला मैं न वेद और यज्ञों के अध्ययन से, न दान से, न क्रियाओं से और न उग्र तपों से ही तेरे अतिरिक्त दूसरे द्वारा देखा जा सकता हूँ।48॥
🍃 *आरोग्यं :*-
-विषाक्त भोजन (फूड प्वाइजनिंग) के लिए घरेलू उपचार -*
*3. नींबू -*
नींबू में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल, और जीवाणुरोधी गुण आपको बहुत राहत दे सकते हैं। नींबू में एसिड बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है जो खाद्य विषाक्तता या फूड प्वाइजनिंग का कारण बनता है। केवल एक चम्मच नींबू के रस में एक चुटकी चीनी जोड़ें और दिन में दो से तीन बार पीएं। आप अपने सिस्टम को साफ करने के लिए नींबू के रस के साथ गर्म पानी का सेवन कीजिए।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कुबुद्धि हावी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों से संबंध सुधरेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग परेशानी का कारण रह सकता है। दूसरों के कार्य में दखल न दें। बड़ों की सलाह मानें। लाभ होगा। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। धैर्य रखें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बेवजह कहासुनी हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
🦀*राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
किसी अपने के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। शारीरिक कष्ट संभव है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल होंगे। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
घर के सदस्यों के स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी में उच्चाधिकारी सहयोग करेंगे।
🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। धैर्य रखें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
शत्रु पस्त होंगे। सुख के साधन जुटेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। लंब समय से रुके कार्य सहज रूप से पूर्ण होंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। शेयर मार्केट में सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शुभ समय।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
घर में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। अज्ञात भय रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
आंखों का ख्याल रखें। अज्ञात भय सताएगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन आ सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। लॉटरी व सट्टे से दूर रहें। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में प्रमोशन प्राप्त हो सकता है। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें। विवाद से क्लेश होगा। दूसरों के उकसाने में न आएं। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। कोई बड़ी समस्या आ सकती है। धैर्य रखें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
शारीरिक कष्ट संभव है तथा तनाव रहेंगे। सुख के साधन प्राप्त होंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
चोट व रोग से परेशानी संभव है। आराम तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। यश बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। नई योजना बनेगी जिसका तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। प्रमाद न करें।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
*🪷 अक्षय तृतीया (आखातीज) 🪷*30 अप्रैल 2025, बुधवार*
हमारे यहां अक्षय तृतीया पर्व का विशेष महत्व है। अक्षय तृतीया का दिन अपने आप में अबूझ स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इस दिन शुभ कार्यों को करने के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस दिन को आमतौर पर आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस साल अक्षय तृतीया या आखा तीज कल 30 अप्रैल 2025, बुधवारको मनाई जाएगी।
*अक्षय तृतिया तिथि*
वैशाख शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि अक्षय तृतीया इस बार 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। तृतीया 29 अप्रैल को शाम 5:32 बजे से प्रारंभ होकर 30 अप्रैल को दोपहर 2:15 बजे तक रहेगी। सूर्योदय व्यापिनी तिथि होने से 30 अप्रैल को तृतीया मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा।
*पूजा का शुभ मुहूर्त-:*
इस दिन पूजन के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 06 घंटे 37 मिनट की है। इस दौरान पूजन के साथ गृह प्रवेश भी किया जा सकता है।
अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु व लक्ष्मी माता की पूजा उपासना होती है, इस दिन सूर्योदय से लेकर दोपहर 12 बजे तक पूजा उपासना का श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त रहेगा।
*खरीदारी के लिए चौघड़िये-:*
अक्षय तृतीया के दिन सोना, चांदी के आभूषण, बर्तन, वस्त्र, वाहन इत्यादि खरीदने की परंपराएं रही है अतः आप इन शुभ चौघड़ियों में संबंधित वास्तुएं खरीद सकते हैं।
अक्षय तृतीया के साथ व्याप्त शुभ चौघड़िया मुहूर्त- पहला शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 41 मिनट से सुबह 09 बजे तक रहेगा।
दूसरा मुहूर्त सुबह 10 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
*अक्षय तृतीया का महत्व-:*
अक्षय का अर्थ है अविनाशी जो हमेशा बना रहता है और तृतीया का अर्थ है शुक्ल पक्ष का तीसरा दिन, ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस दिन शुभ कार्य करते हैं, वह हमेशा के लिए बना रहता है और कभी खत्म नहीं होता। इस दिन लोग नए व्यापारिक उपक्रम, नौकरी, गृह प्रवेश शुरू करते हैं और धार्मिक कार्य करते हैं। इस दिन सोना, चांदी और आभूषण खरीदने के लिए शुभ माना जाता है और यह भी माना जाता है कि ये चीजें उनके जीवन में सफलता, सौभाग्य और समृद्धि लाती हैं।
*अक्षय तृतीया व परंपराएं-:*
यह दिन नई शुरुआत के लिए, विशेष रूप से विवाह, सगाई , गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ और अन्य निवेशों के लिए शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया को सनातन संस्कृति में एक शुभ दिन माना जाता है और यह समृद्धि की अनंत बहुतायत का प्रतिनिधित्व करता है। देवी-देवताओं को प्रार्थना अर्पित करना भी पूजा का हिस्सा है। इस दिन मंदिरों को सजाया जाता है, विशेष पूजा की जाती है, इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु और धन-समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
*दान-:*
इस दिन दान-सेवा इत्यादि करने से भी अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है अतः इस दिन काफी लोग मंदिरों व गौशाला में दान पुण्य करते हैं।
*जप-:*
अक्षय तृतीया अक्षय फल प्रदान करने वाली मानी गई है अतः इस दिन मंत्र जप- नाम जप- रामचरितमानस भगवतगीता- श्रीविष्णु सहस्त्रनाम- गोपाल सहस्त्रनाम- सुंदरकांड- श्रीहनुमान चालीसा- श्रीराम रक्षा स्तोत्र इत्यादि के पाठ विधि विधान से किए जाते हैं।
*अक्षय तृतीया पूजा विधि-:*
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। स्नान के जल में थोड़ा गंगाजल मिला लें. पूजा स्थल और आसपास की जगह को साफ करें. फिर भगवान श्रीविष्णु, माता लक्ष्मीजी की तस्वीर- मूर्तियां स्थापित करें।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दूध, शहद, दही, घी, शक्कर और जल के मिश्रण से अभिषेक करें।
भगवान विष्णुजी को तुलसी पत्र अर्पित करें, अक्षत और चंदन का टीका, और माता लक्ष्मी को कुमकुम का टीका लगाएं।
भगवान श्री विष्णु, माता लक्ष्मी को फल पुष्प अर्पित करें। फल में विशेष कर केला व गुलाब, कमल, गुड़हल, मोगरा, गेंदा इत्यादि पुष्प अर्पित करें।
जौ, गेहूं, तिल, चना दाल, दूध से बने मीठे पकवान, खीर और अन्य घर का बना शाकाहारी भोजन का भोग लगाएं. इसके बाद कपूर, घी का दीया और धूप जलाएं।
पूरे परिवार के साथ मिलकर धूप, दीप, कपूर इत्यादि से भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी जी की आरती करें।।
*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।
