
देवभूमि जे के न्यूज ऋषिकेश 23/06/2022- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय गीता नगर ऋषिकेश द्वारा आज दिनांक 24 जून को मां जगदंबा सरस्वती जी के अव्यक्त दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिसके मुख्य अतिथि टी एच डी सी के सी एम डी राजीव विश्नोई (चेयरमैन मैनेजिंग डायरेक्टर) एवं उनकी युगल चंचल विश्नोई थे।
विश्नोई काफी समय से इस संस्था से जुड़े हुए हैं तथा निरंतर संस्था के कार्यक्रमों में भाग लेते रहते हैं। ऋषिकेश सेंटर की प्रमुख संचालिका बालब्रह्मचारिनी राजयोगिनी बीoकेo आरती दीदी जी ने मां जगदंबा सरस्वती जी के जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि बालब्रह्मचारिनी, तपस्वी, राजयोगिनी, मां जगदंबा सरस्वती ब्रह्माकुमारी संस्था की प्रथम प्रमुख प्रशासनिक संचालिका थी।
24 जून 1965 में मम्मा अलौकिक देह त्याग कर अव्यक्त हो गई थी ।
सब लोग प्यार से उन्हें मम्मा बोलते थे क्योंकि वह सबको मां जैसा प्यार कर सब की मां जैसी पालना करती थी। मां जगदंबा शक्तिरूपा थी। उनके सामने आते ही क्रोधी से क्रोधी मनुष्य भी शीतल और विनम्र हो जाता था।
मम्मा परमात्मा (शिव बाबा) की पूरी धारणाओं पर चलती थी एवं सभी को भी चलने में सहयोग देती थी।लोगो को उनके अंदर मां जगदंबा, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, मां शीतला देवी का रूप नजर आता था।
ज्ञान, योग व धारणा की साक्षात देवी थी। मां जगदंबा सबके विघ्नों को हरने वाली कामधेनु थी।
मुख्य अतिथि राजीव विश्नोई ने बताया कि वे 10 साल के उमर से से ही ब्रह्माकुमारी संस्था से अपने पिता द्वारा जुड़े हुए हैं एवं मम्मा का चरित्र उन्हें बचपन से ही बहुत प्रभावित करता है । उन्होंने बताया कि सभी को मम्मा की बायोग्राफी पढ़नी चाहिए वैसे तो मां हमेशा मार्गदर्शक होती है परंतु मम्मा पूरे विश्व की मार्गदर्शक रही है उनकी लीडरशिप क्वालिटी उन्हें परमात्मा से मिली है। हम भी यदि अपने जीवन की गाड़ी मे परमात्मा (शिव बाबा) को अपने साथ रखते हैं तो जीवन सुखमय बन जाएगा। और अगर जीवन में दुख आएंगे भी तो दुख का आभास नही होगा। साथ ही अगर सुबह से शाम तक सारे कार्य परमात्मा की याद व ध्यान में रखकर किए जाएंगे तो हर कार्य कुशल पूर्वक अच्छे से होगा। क्योंकि करण-करावनहार परमात्मा है, हम तो सिर्फ निमित्त मात्र है।
आश्रम की सह संचालिका बी oकेo निर्मला दीदी द्वारा मां जगदंबा सरस्वती पर एक विशेष कविता प्रस्तुत की गई एवं बीoकेo वंदना बहन द्वारा मां जगदंबा की महिमा में एक गीत प्रस्तुत किया गया।
आश्रम के वरिष्ठ भ्राता यदुनंदन गुप्ता के अलौकिक जन्मदिन पर उन्हें एवं आश्रम से जुड़े पत्रकार भ्राता संजीव शर्मा को भी शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
भ्राता संजीव शर्मा द्वारा आश्रम का प्रत्येक कार्यक्रम मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है।
इस कार्यक्रम में 100 से अधिक बीo केo भाई-बहनों ने उपस्थित होकर मां जगदंबा सरस्वती की जीवन यात्रा से प्रेरणा ली ।