
नई दिल्ली – चीन ने एक कृत्रिम सूरज बना लिया है। इसके बनाने का उद्देश्य चीन की ऊर्जा की ज़रूरतों को क्लीन एनर्जी के तौर पर पूरा करना बताया जा रहा है। हाल ही में इस कृत्रिम सूरज ने 17 मिनट तक असली सूरज की तुलना में पांच गुना ज्यादा तापमान हासिल किया। इस कृत्रिम सूरज का नाम (Experimental Advanced Superconducting Tokamak- EAST) ईस्ट है।
चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक इसने हाल ही में 1056 सेकेंड्स तक 7 करोड़ डिग्री सेल्सियस का तापमान बनाए रखा। जो कि सूरज के तापमान से पांच गुना ज्यादा है। यदि यह ज्यादा समय तक इसी तरह तापमान बनाए रखेगा तो इससे पैदा होने वाली बिजली से देश के बड़े हिस्से में रोशनी हो सकेगी।
इससे पहले मई 2021 में इस ‘कृत्रिम सूरज’ ने 101 सेकेंड्स के लिए 12 करोड़ डिग्री सेल्सियस का तापमान पैदा किया था। लेकिन इसका समय बहुत कम था। असली सूरज के केंद्र में जो तापमान होता है, वह करीब 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस होता है। लेकिन चीन के नकली सूरज ने दोनों बार असली सूर्य के तापमान को पछाड़ा है। अब इससे ऊर्जा लेकर पूरे चीन में सप्लाई किए जाने पर काम चल रहा है।
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेस के इंस्टीट्यूट ऑफ प्लाज्मा फिजिक्स के शोधकर्ता और इस प्रयोग के नेतृत्वकर्ता साइंटिस्ट गॉन्ग जियान्जू ने कहा कि हाल ही में हुए परीक्षण ने मजबूत वैज्ञानिक डेटा दिए हैं। इसके आधार पर हम इसे लंबे समय तक चलाकर ऊर्जा पैदा कर सकते हैं।
हाइड्रोजन के एटॉमिक कणों को फ्यूज करके अत्यधिक दबाव और तापमान में हीलियम बनाने की प्रक्रिया ही इस कृत्रिम सूरज में की जा रही है। यही प्रक्रिया हमारे सूरज में भी होती है। यहीं से निकलने वाली ऊर्जा रोशनी और गर्मी में तब्दील होती है। इस प्रक्रिया से हम लंबे समय तक बिना ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन या रेडियोएक्टिव कचरे के ऊर्जा हासिल कर सकते हैं।
ईस्ट सुपरहीटिंग प्लाज्मा पर काम करता है। यानी पदार्थ के चारों रूप में से एक रूप के पॉजिटिव आयन और अत्यधिक ऊर्जा से भरे हुए स्वतंत्र इलेक्ट्रॉन्स को डोनट आकार के रिएक्टर चैंबर में डालकर तेजी से घुमाया जाता है। जिससे अद्भुत स्तर की चुंबकीय शक्ति पैदा होती है। यह एक बेहद कठिन प्रक्रिया है।